TS Inter 1st Year Hindi Study Material Chapter 3 अधिकार का रक्षक

Telangana TSBIE TS Inter 1st Year Hindi Study Material 3rd Lesson अधिकार का रक्षक Textbook Questions and Answers.

TS Inter 1st Year Hindi Study Material 3rd Lesson अधिकार का रक्षक

दीर्घ समाधान प्रश्न

प्रश्न 1.
उपेंद्रनाथ ‘अश्क’ का संक्षिप्त परिचय लिखिए ?
उत्तर:
उपेंद्रनाथ जी का जन्म 14 दिसंबर 1910 को जालंधर में हुआ 1 आपने लाहौर से कानून की परीक्षा उत्तीर्ण की। बाद में, स्कूल में अध्यापक हो गए । 1933 में साप्ताहिक ‘भूचाल’ का प्रकाशन आरंभ किया । अश्क जी को अध्यापन, पत्रकारिता, वकालत, रंगमंच, रेडियो, प्रकाशन और स्वतंत्र लेखन का व्यापक अनुभव था । 1936 में पहली पत्नी का निधन हो गया व 1941 में कौशल्याजी से दूसरा विवाह किया ।

उर्दू में ‘जुदाई की शाम का गीत’, ‘नवरत्न’, व ‘औरत की फितरत’ संग्रह प्रकाशित हुए हैं।

अश्कजी ने आठ नाटक, अनेक एकांकी, सात उपन्यास, सौ से भी अधिक कहानियाँ, अनेक संस्मरण लिखे ।

आपके उपन्यास ‘सितारों के खेल’, ‘गिरती दीवारे’, ‘गर्म राख’, ‘पत्थर अल पत्थर’, ‘शहर में घूमता आईना’, ‘एक नन्ही कंदील’, ‘बड़ी-बड़ी आँखे’ चर्चित रहे ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Chapter 3 अधिकार का रक्षक

प्रश्न 2.
‘अधिकार का रक्षक’ नामक एकांकी के मुख्य पात्र सेठ जी के बारे में संक्षिप्त में लिखिए ?
उत्तर:
अधिकार का रक्षक नामक एकांकी के मुख्य पात्र सेठजी है। सेठ जी प्रांतीय असेंबली के उम्मीदवार हैं। सेठजी जो कुछ भी कहते हैं वह कभी नहीं करते । लोगों से कहते हुए बात अपना जीवन में आचरण नही करते हैं । बच्चों के संबन्ध में कहते है कि बच्चो को प्रेम से देखना चाहिए लेकिन अपने बच्चे को ही दंड देता है । प्रेम से बच्चों के साथ व्यवहार करने की सलाह देता है । खुद अपने बच्चों को मारते हैं।

मजदूरों और गरीबों की सहायता करने की बात करते हैं । फिर भी अपना घर में काम करने वाली रसोइया और साफ करने वाली दो महिलाओं को पैसे देने के बिना धकेलता है । खुद सेठजी नौकरों पर हुए अत्याचार के विरुद्ध नौकर यूनियन स्थापित की है । ” असेंबली में जाते ही मजदूरों की अवस्था सुधारने का प्रयास करूँगा ” – इस तरह वायदे करते हैं। सेठजी श्रीमती सेठजी से बुरी तरह व्यवहार करते हैं । जब सरला जी फोन करती है तो महिलाओं के पक्ष लड़ने के लिए वादा करते हैं ।

चुनाव में जीतने के लिए और शासक को अपने हाथों में लेने के लिए सेठजी जैसे लोग अनेक प्रकार के व्यूह रचते हैं। नेताओं में बहुत से लोग योग्य नहीं हैं। इसीलिए जनता सोच समझकर अपनी कीमती वोट सही नेता को देना चाहिए ।

एक शब्द में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
सेठजी का व्यवहार कैसा है ?
उत्तर:
धोखेबाज़ ।

प्रश्न 2.
सेठजी के बेटे का नाम क्या है ?
उत्तर:
बलराम ।

प्रश्न 3.
सेठजी के रसोइये का नाम क्या है ?
उत्तर:
भगवती ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Chapter 3 अधिकार का रक्षक

प्रश्न 4.
संपादक सेठजी से क्या निवेदन करता है ?
उत्तर:
मेरे स्वास्थ्य इजाज़त नही देता और सहायक संपादक का प्रबंध कर दे ।

संदर्भ सहित व्याख्याएँ

प्रश्न 1.
मैं कह रहा था कि पूरे प्रांत में मैं ही ऐसा व्यक्ति हूँ जिसने पाठशालाओं में शारीरिक दंड तत्काल बंद करने पर ज़ोर दिया
है ।
उत्तर:
संदर्भ : यह वाक्य ‘अधिकार का रक्षक’ नामक पाठ से दिया गया है । यह पाठ एकांकी है । इसके लेखक ‘उपेंद्रनाथ अश्क’ जी हैं । 1932 में मुंशी प्रेमचंद की सलाह पर हिंदी में कहानियाँ लिखना शुरु किया । ” औरत का फितरत” आपकी कहानी संग्रह है। उन्होंने फिल्मों की कहानियाँ, पटकथाएँ, संवाद और गीत लिखे । प्रस्तुत एकांकी में नेतगण के बारे में कहा । यह एक व्यंग्यात्मक एकांकी है ।

व्याख्या : एकांकी में मुख्य पात्र सेठ जी है। सेठ प्रांतीय असेंबली के उम्मीदवार है । सेठ चुनाव के समय होने के कारण सबसे विनम्र से बातें कर रहे हैं। मंत्रीजी सेठ को फोन करके बातें करते समय सेठजी मंत्रीजी से उपरियुक्त वाक्य कहते हैं। सेठजी सब इलाकों में पाठशालाओं में शारीरिक दंड तत्काल बंद करने पर जोर दिया है। बच्चों को स्कूलों में शारीरिक दंड देना मना किया । अगर किसी बच्चे को दंड दिया तो शिक्षक को नौकरी से निकाल देंगे या जेल भिजवाना पडेगा । बच्चों के लालन पालन में परिवर्तन लाने केलिए बहुत जोर से बातें करते हैं। बच्चों पर बात बात पर डाँट-फटकार कर रहे हैं। इसे बदलना पडेगा ।

विशेषताएँ : बच्चों को शारीरिक दंड देना सरकार ने मना किया । इस तरह सोचकर लाड़प्यार देंगे तो बच्चे बिगड़ भी जायेंगे। बच्चों को सही – गलत का ज्ञान करवाना हमारी जिम्मेदारी हैं ।

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प्रश्न 2.
मैं कहती हूँ, आप बच्चों से प्यार करना कब सीखेंगे ? जब देखो, पीटते रहते हो । देखो तो सही, गाल पर उँगलियों के निशान पड़ गए हैं ।
उत्तर:
संदर्भ : यह वाक्य ‘अधिकार का रक्षक’ नामक पाठ से दिया गया है । यह पाठ एकांकी है । इसके लेखक ‘उपेंद्रनाथ अश्क’ जी हैं । 1932 में मुंशी प्रेमचंद की सलाह पर हिंदी में कहानियाँ लिखना शुरु किया । “औरत का फितरत ” आपकी कहानी संग्रह है । उन्होंने फिल्मों में कहानियाँ, फटकथाएँ, संवाद और गीत लिखे । प्रस्तुत एकांकी में नेता गण के बारे में लिखे । यह एक व्यंग्यात्मक एकांकी है ।

व्याख्या : एकांकी में मुख्य पात्र सेठजी है। सेठ प्रांतीय असेंबली के उम्मीदवार है। मंत्रीजी से फोन में बातें करते समय सेठ जी के छोटे बेटे बलराम कमरे के अंदर आकर पिताजी से कुछ बोलना चाहता है । लेकिन सेठ बलराम की थप्पड देकर नौकर रामलखन के साथ बाहर भेज देता है ! बलराम रोते हुए श्रीमती सेठ के पास जाता है ।

पिताजी पर माँ को शिकायत करता है । तब श्रीमती सेठ अंदर आकर ऊपरियुक्त प्रसंग सेठजी से करती है। बच्चों के मन कोमल होता है। बच्चों से इस तरह बरताव करना छोडिए । प्यार से अपने पास बुलाकर समझायोंगे तो समझ जायेगा । गाल पर उंगलियों की निशान भी पड़ गए है । दुबारा ऐसा नही करना । (पति) सेठजी बातें सुनकर पत्नी को धकेलते हुए बाहर निकालता है । सेठ कोध से पागल हो जाता है ।

विशेषताएँ : माँ बाप बच्चों को अनुशासन के साथ अच्छे बुरे की पहचान करवानी चाहिए। कभी कभी प्रेम व स्नेह ही सबसे अच्छी चीज़ होती जो अपने बच्चों को दे सकते हैं ।

अधिकार का रक्षक Summary in Hindi

लेखक परिचय

उपेंद्रनाथ ‘अश्क’ का जन्म जालन्धर, पंजाब में हुआ । जालन्धर में प्रारम्भिक शिक्षा लेते समय 11 वर्ष की आयु से ही वे पंजाबी में पुकबंदियाँ करने लगे थे । कला स्नातक होने के बाद उन्होंने अध्यायन का कार्य शुरु किया तथा विधि की परीक्षा विशेष योग्यता के साथ पास की । ‘अश्क’ जी ने अपना साहित्यिक जीवन उर्दू लेखक के रूप में शुरु किया था ।

सन् 1932 मुंशी प्रेमचंद की सलाह पर उन्होंने हिंदी में लिखना आरम्भ किया । सन् 1933 में उनका दूसरा कहानी संग्रह ‘औरत की फितरत’ प्रकाशित हुआ जिसकी भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने लिखी । उनका पहला काव्य संग्रह ‘प्रातः प्रदीप’ सन् 1938 में प्रकाशित हुआ I बम्बई प्रवास में उन्होंने फिल्मों की कहानियाँ, पटकथाएँ, संवाद और गीत लिखे, तीन फिल्मों में काम भी किया । किन्तु चमक-दमक वाली जिन्दगी उन्हें रास नहीं आई । उनको 1972 के ‘सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया ।

सन् 1996 में उपेंद्रनाथ ‘अश्क’ चिर निद्रा में लीन हो गए ।

उपेंद्रनाथ अश्क ने ‘गिरती दीवारें’ ‘शहर में घूमता आईना’, ‘गर्म राख’, ‘सितारों के खेल’ जैसे प्रसिद्ध उपन्यास लिखे । कहानी संग्रहों में ‘सत्तर श्रेष्ठं कहानियां’, ‘जुदाई की शाम के गीत’, ‘काले साहब’, ‘पिंजरा’, ‘आड़’ प्रसिद्ध हैं ।

‘लौटना हुआ दिन’, ‘बड़े खिलाडी’, ‘जय-पराजय’ ‘स्वर्ग की झलक’, ‘भँवर’ चर्चित नाटक हैं । एकांकी संग्रहों में ‘अन्धी गली’, ‘मुखडा बदल गया’, ‘चारवाहे’ प्रसिद्ध हैं ।

‘एक दिन आकाश ने कहा’, ‘प्रातः प्रदीप’, ‘दीप जलेगा’, ‘बरगद की बेटी’ उनकी काव्य रचनाएँ हैं । संस्मरणों में ‘मण्टो मेरा दुश्मन’, ‘फिल्मी जीवन की झलकियाँ और आलोचनात्मक ग्रंथों में ‘अत्वेषण की सहयात्रा’, ‘हिंदी कहानी एक अन्तरंग परिचय’ सराहनीय हैं ।

प्रस्तुत पाठ ‘अधिकार का रक्षक’ एक एकांकी है। इसके लेखक ‘उपेंद्रनाथ अश्क’ जी है। ‘अश्क’ जी कहानियाँ, पट कथाएँ, संवाद और गीत लिखे। आप को 1972 के ‘सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया । प्रस्तुत एकांकी में चुनाव में लड़ने वाले एक नेता के बारे में कहा । नेता लोग अधिकार पाने के पहले क्या क्या करेंगे । अधिकार पाने के बाद क्या करेंगे । व्यंग्यात्मक एकांकी है ।

सारांश

एकांकी का प्रारंभ और अंत सेठजी से होता है। सेठजी असेंबली के उम्मीदवार है । प्रातः काल का समय है। सेठ साहब अपना ड्राइंग रूम में बैठे हुए हैं। सेठ अपनी जीत के लिए बडी सी बड़ी कोशिश कर रहा है । कल एक जलसा रखा था । जलसे में मंत्री जी आये । मंत्री सेठजी के बारे में भाषण दिया । वही मंत्री अभी सेठजी को फोन करते है । सेठजी, मंत्रीजी से कोन मे बात कर रहे हैं । “मंत्रीजी कल आप मेरे पक्ष में भाषप दिये । सब लोग आपकी बातें सुनकर मुझे वोट देने को तैयार हो गए है’ ” आप को बहुत धन्यवाद ।

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सेठजी मंत्रीजी से कहते है कि मै गरीबों का उद्धार करने के लिए तैयार हूँ । अपना सारा जीवन गरीबों की सेवा में लगा दिया । इतना ही नहीं बच्चों के लिए भी बहुत कुछ करने तैयार हूँ । हमारे प्रांत में मै ही ऐसा व्यक्ति हूँ जिसने पाठशालाओं में शारीरिक दंड तत्काल बंद करने पर जोर दिया । बच्चों की लालन-पालन, शिक्षा सब कितनी पुरानी पद्धति का है ।

बात-बात पर डाँट फटकार कर रहे हैं। मै (सेठजी) सबकुछ बदलना चाहता हूँ। जब मंत्रीजी से फोन में बातें करते समय सेठजी के छोटे बेटे आकर कुछ बोलने का प्रयास करता है । सेठजी टेलीफोन का चोंगा मेज पर रखकर बच्चे को थप्पड़ लगाते हैं । सेठजी अपना नौकर रामलखन को आवाज़ लगाते है । भागता हुआ नौकर आता है । छोटे बाबु बलराम को यहाँ से लेजाओ । मै मंत्री से बात कर रहा हूँ । यहाँ आकर नालायक शोर मचा रहा है। रामलखन लड़के का हाथ पकड़कर बाहर ले आता है ।

‘टेलीफोन’ में बातें बच्चों के बारे में कहते हैं। शारीरिक दंड तत्काल बंद करवाना चाहता है । लेकिन अपने बच्चे को इधर मारता है” । बाद में टेलीफोन में बातें करना खतम हो जाता है। रामलखन अंदर आकर सेठजी से कहता है कि – सफाई करने वाली अपनी मजदूरी माँग रही है । उसी समय रसोइया भी आकर पैसे माँगती है । सेठजी कहते हैं कि “बाद में पैसा दूँगा । अब तुम दोनों बाहर जाओं” । तब रसोइया भगवती पूछती है कि “मै अपने बच्चों को कहाँ से खिलाऊँ” । कृपा करके मज़दूरी दीजिए । क्रोध से सेठजी कहते है जाओ, यहाँ से जाओ अगले महीने दूँगा । लेकिन मजदूरी लेने के बिना भगवती वहाँ से जाना नही चाहती । सेठ उस की मुँह पर दो रुपये फेंकते है । दी रुपये लेने से इनकर करती है । सेठ भगवती को पीटते हुए बाहर धकेलता है । रामलखन अखबार लाता है ।

मंत्री (होज़री यूनियन) सेठजी को फोन करता है । सेठ “मंत्री जी से नमस्कार कहकर कहते है कि मै आपका अत्यंत आभारी हूँ” । मै ( सेठजी) असेंबली में जाते ही मजदूरों की अवस्था सुधारने का प्रयास करूँगा । “मजदूरों की माँग पूरी करवाऊँगा । काम के घंटे तय होंगे और तनख्वाह भी समय पर देने का और दिलवाने का प्रयास करूँगा । “धन्यवाद कहकर टेलीफोन मेज़ पर रखता है ।

सेठ अभी मज़दूरी न देकर रामदेई और भगवती को भेज़ देता है। लेकिन फोन में कैसे कैसे बातें किया। बोलते कुछ और करते कुछ ।

दरवाजा खुलता है । दुबले – पतले, आँखो पर चश्मा लगाए संपादक भीतर आते हैं । सेठ समाचार पत्र देख रहा है । संपादक सेठजी से यह बात कहता है कि – “मेरी आँखे बहुत खराब हो रही हैं”। रात को रोज़ दो-तीन बज जाता लेकिन काम पूरा नही हो रहा है । कृपा : करके सहायक संपादक का प्रबंध कीजिए । सेठजी कहते है कि – “पाँच रुपए तनख्वाह बढ़ा दूँगा । पूरा काम आप को ही संभालना होगा” । संपादक कहता है कि स्वास्थ्य इजाज़त नहीं देता । सेठ बोलते है कि काम छोडना चाहे तो छोडो । नया संपादक आयेगा ।

रामलखन भीतर आकर सेठजी से कहता है कि आप से मिलने विश्वविद्यालय से लड़के आये, आप चाहे तो अंदर भेज दूँ । सेठजी अंदर भेजने के लिए कहते है । लडकों अंदर प्रवेश करते हैं, सेठजी से नमस्ते कहते हैं और सब छात्र आप को ही वोट देने के लिए सोच रहे हैं । सेठजी बहुत संतुष्ट हो जाते है। उन दो लड़कों में एक लड़का सेठजी से कहता है कि प्रिंसिपल को हम हटाने चाहते हैं क्यों कि वे बहुत अनुशासनप्रिय और कठोर स्वभाव के हैं। सेठजी लड़कों को संपादक के पास जाकर बयान देने को कहते हैं । लड़के बयान देकर चले जाते हैं । संपादक सेठजी बोलते हैं कि प्रिंसिपल को हटाना इस समय ठीक नही है । चुनाव हो जाने के बाद सोचेंगे ।

श्रीमती सेठ दरवाजे धक्का मारते अंदर आकर पूछती है कि बच्चे को देखो । गाल पर उँगलियों के निशान पड़ गए है। ऐसा मारते क्या ? सेठ जवाब नही देता और सेठानी को बाहर जाने की आज्ञा देता है ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Chapter 3 अधिकार का रक्षक

श्रीमती सेठ कहती हैं कि तुम बाप नही, दुश्मन हैं। अपने बच्चों को देखना नही आता लेकिन दूसरों के बच्चों से प्रेम करेंगे। मै अभी मायके जाऊँगी कहकर कमरे से बाहर रोती हुई आती है । तेज़ी से बच्चे को लेकर जाती है । दरवाज़ा ज़ोर से बंद होता है। फ़ोन फिर बजता है । श्रीमती सरला देवी जी से मधुर स्वर में सेठ बातें करना शुरु करता है । सेठजी सरला जी से पूछते है कि – “महिला समाज मुझे वोट देने के लिए तैयार है क्या ? मै कुछ आशा रखूँ क्या ?” “आप विश्वास रखे, महिलाओं के हितों की मै पूरी रक्षा करूँगा। महिलाओं के अधिकारों के लिए लडूंगा । मुझ से बढ़िया रक्षक आपको वर्तमान उम्मीदवारों में और कोई न मिलेगा “। इस से एकांकी समाप्त हो जाती है ।

सेटजी अभी अपनी पत्नी को धकेलता है; ज़रा भी इज्जत नही देता लेकिन महिलाओं के लिए कुछ भी करने का तैयार हो रहा है” । वायदेपर वायदे करते हैं कि हम यह करेंगे और वह करेंगे । यही चुनाव के समय नेताओं के वोट माँगने का विधान है ।

विशेषताएँ :

  1. नेता गण चुनाव के समय अनेक प्रकार के व्यूह रचते हैं ।
  2. जनता के साथ चुनाव के समय विनम्र से बातें करते हैं ।
  3. जगह-जगह पर नेता लोग अपनी विशिष्ट पोशाक पहनकर वोट की भिक्षा माँगते फिरते हैं ।
  4. इस एकांकी में सेठजी के चरित्र से हमें पता चलता है कि नेता कहते कुछ और करते कुछ । कभी उन पर यकीन न करना
  5. नेताओं में बहुत से लोग योग्य नही हैं ।

अधिकार का रक्षक Summary in Telugu

సారాంశము

ఈ పాఠం ఒక ఏకాంకిక. (ఏకాంకిక లేదా లఘు నాటికలో తక్కువ పాత్రలు తక్కువ దృశ్యాలతోనే ఒకే రంగస్థల నేపథ్యంలో కథాగమనం సాగుతుంది). నాటకం పెద్దది పైగా అనేక దృశ్యాలు అనేక నేపథ్యాలు ఉండవచ్చు. ఈ ఏకాంకిక వ్రాసింది ఉపేంద్రనాథ్ అశ్క గారు. అశ్క గారు కథలు, నాటకాలు, సినీరంగానికి పాటలు వ్రాసినటువంటి వ్యక్తి. 1972లో సోవియత్ లైండ్ నెహ్రూ పురస్కారంతో సన్మానించిరి. ప్రస్తుతం ఈ నాటకంలో ఎన్నికల సమయంలో రాజకీయ నాయకులు ఎలా ఉంటారు. అధికారం పొందిన తరువాత ఎలా ఉంటారు అనే విషయం గురించి వ్యంగ్యాత్మకంగా వ్రాసిరి.

నాటకం ప్రారంభం మరియు అంతం ఒక సేతో ఉంటుంది. సేర్ అసెంబ్లీ ఎన్నికలలో పోటీ చేసే ఒక అభ్యర్ధి. నాటకం సమయం ఉదయం. సేఠ్ తన డ్రాయింగ్ రూములో కూర్చుని ఉన్నారు. తను ఎన్నికలలో ఎలా గెలుపు పొందాలి అని వ్యూహరచనలు చేసుకుంటున్నాడు. ఫోన్ మ్రోగుతుంది.

ఫోనులో మంత్రిగారు సేర్ని ఉద్దేశించి నిన్న సభ గురించి నీ అభిప్రాయం చెప్పమంటారు. నిన్న సేఠ్ ఒక పార్టీ (వేడుక) మీటింగ్ పెట్టగా మంత్రిగారు సేఠ్ గురించి గొప్పగా చెబుతారు. తమరి ఉపన్యాసం విన్న వారందరూ నాకు ఓటు వేయడానికి సిద్ధముగా ఉన్నారని సేఠ్ మంత్రితో చెబుతాడు. తమరికి నా ధన్యవాదములు.

సేఠ్ మంత్రితో ఇలా చెబుతున్నాడు. నేను పేదలకోసం, వారి శ్రేయస్సు కోసం కష్టపడేవాడిని. అంతేకాక పిల్లల గురించి చాలా మార్పులు తేవాలని అనుకుంటున్నాను. మా ప్రాంతంలో ఏ పాఠశాలలో కూడా పిల్లలపై చెయ్యి వేయరాదని తీర్మానం చేశాను. ఎవ్వరు పిల్లలను మానసికంగా దండించకూడదని చెప్పాను. మన పిల్లల పెంపకంలో చాలా మార్పులు తేవాలి.

అందరూ పాత పద్ధతులను అవలంభిస్తున్నారు అని మాట్లాడుతూ ఉండగా సేర్ చిన్న కొడుకు లోపలికి వచ్చి తండ్రితో ఏదో చెప్పబోతుండగా తండ్రి అనగా షేర్ గట్టిగా ఒక దెబ్బవేసి పనివాడైన రామలఖనన్ను పిలిచి బయటకి పంపివేస్తాడు. ఫోనులో పిల్లలకు దండన విధించరాదని పలికే సేఠ్ తన కొడుకుని స్వయంగా కొడతాడు. తర్వాత ఫోనులో మంత్రితో సంభాషణ పూర్తి అవుతుంది.

పనివారు, వంటవారు అనగా భగవతి మరియు రామవి సేఠ్ వద్దకు వచ్చి తమ జీతం ఇవ్వమనగా వచ్చే నెలలో తీసుకోమని అరుస్తూ సమాధానం చెబుతాడు. భగవతి తనకు, తన పిల్లలకు తినడానికి డబ్బు లేదు దయచేసి ఇవ్వండి అని అడుగగా రెండు రూపాయలు ముఖాన కొట్టి పో అని గద్దిస్తాడు. భగవతి ఆ డబ్బు తీసుకోడానికి అంగీకరించదు. గట్టిగా మెడపట్టి ఆ స్త్రీని సేఠ్ బయటకు తోసేస్తాడు. రామలఖన్ని పలిచి మరల లోపలికి పంపకు అని చెబుతాడు.

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మరలా ఫోన్ మ్రోగుతుంది. ఈ సారి హోజరి యూనియన్ మంత్రి ఫోనులో సేత్తో మాట్లాడుతున్నాడు. నేను ఎల్లప్పుడు ఋణబద్ధుడను దయచేసి నన్ను ఎందుకు జ్ఞాపకం చేసుకున్నారో తెలపవలసిందిగా కోరతాడు. మంత్రితో కార్మికుల కష్టాలు, వేతనాలు గురించి అసెంబ్లీలో పోరాడతానని చెబుతాడు. అంతకు ముందే ఇంటి పనివారికి జీతం ఇవ్వకుండా కొట్టిన వ్యక్తి ఎలాంటి మాటలు చెబుతున్నాడు. ధన్యవాలు తెలిపి ఫోను పెట్టేస్తాడు.

గది తలుపులు తీసుకొని తన సంపాదకుడు లోపలికి వస్తాడు. అతను చాలాకాలం నుండి సేఠ్ వద్దనే పనిచేస్తున్నాడు. ‘సేత్తో తను పనిచేసే సమయం ఎక్కువగా ఉంది. సహాయంగా వేరే వ్యక్తిని నియమించమని కోరగా `సేఠ్ కొత్త సంపాదకుని నియమించను. నువ్వే పని అంతా చేయి, లేకపోతే మానివేయి అంటాడు. ఇంతలో విశ్వవిద్యాలయం నుండి ఇద్దరు అబ్బాయిలు వచ్చి విద్యార్థుల ఓట్లన్నీ మీకే అని చెబుతారు.

తమ విశ్వవిద్యాలయంలో ప్రిన్స్పాల్ని మార్చమనగా సరే చూద్దామని చెప్పి వారిని పంపిస్తాడు. కాని ప్రిన్స్పాల్ని మార్చే ఉద్దేశ్యం లేదు. అంతలోనే నేర్ భార్య లోపలికి వచ్చి పిల్లవాడిని కొట్టినందుకు సంజాయిషీ అడుగుతుంది. సేర్ ఆమెను కసురుకొని బయటికి పొమ్మని అరవగా ఆమె తన పుట్టింటికి వెళ్ళిపోతానని చెప్పి వెళ్ళిపోతుంది.

మరల ఫోను మ్రోగుతుంది. శ్రీమతి సరళాదేవి మహిళా సంఘ నాయకురాలితో మాట్లాడగా ఆమె మహిళల ఓట్లు సేక్కే పడతాయని చెబుతుంది. తను గెలిస్తే తప్పక స్త్రీని ఉద్దరించే కార్యక్రమాలు చేస్తానని వాగ్దానం చేస్తాడు. ఎన్నికల సమయంలో ఎన్నో వాగ్దానాలు చేస్తారు. కాని అవి అన్నీ అబద్దమే. నాయకులు మాటలలో ఒకటి చేతలలో మరొకటి చేస్తారు అని వ్యంగ్యంగా రచయిత తెలిపారు.

कठिन शब्दों के अर्थ

अधिकार = Power, Authority, అధికారం
रक्षक = Saviour, Protector, రక్షకుడు
उम्मीदवार = A candidate for election, ఎలక్షనులో నిలబడే వ్యక్తి
रसोइया = Cook, వంట.
भाषण = Conversation, Speech, ఉపన్యాసం.
लालन-पालन = Bringing up, పెంచి పెద్దచేయి, పోషించుట.
शिक्षा = Education, శిక్ష
डरपोक = Timid person, పిరికివాడు
दब्बू = Henpecked, Submissive, లొంగి ఉండు.
चोंगा = Funnel, Cylindrical tube, గరాటు, రిసీవర్
शोर = Noise, అల్లరి
चांटा मारना = Slap, Fetch, చెంపదెబ్బ వేయుట.
पिटाई = Beating, కొట్టుట

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Chapter 3 अधिकार का रक्षक

शारीरिक दंड = Corporal punishment, శారీరక దండన.
अत्याचार = Victimization, Atracity, దురాగతం
जलसा = Celebration, festival, వేడుక
मजदूरी = Labour, కార్మిక
लापरवाह = Careless, అజాగ్రత్త
हज़म करना = To digest, జీర్ణించుకొనుట
धकेलना = Hustle, గొడవ, లాగుట, గట్టిగా బయటకు లాగుట.
हलचल = Stir, Scrabble, fluster, ప్రకంపనలు.
अखबार = Newspaper, వార్తాపత్రిక
संपादक = Editor, సంపాదకుడు
वक्तव्य = Statement, వాజ్ఞూలము, చెప్పినమాట
विश्वविद्यालय = University, విశ్వవిద్యాలయం.
अनुशासन = Discipline, క్రమశిక్షణ.
हड़ताल = Strike, సమ్మె.
सदस्य = Member, సభ్యుడు
चुनाव = Selection, choice, election, ఎన్నుకొనుట
धक्का मारना = To dash, గట్టిగా లాగు, దెబ్బ, కొట్టుట.
निशान = Mark, signal, గుర్తుగల.
फोड़ देना = To break, to split, పగలగొట్టుట, బద్దలవుట.
पागल = A fool, idiot, పిచ్చి, మూర్ఖుడు.
कर्कश आवाज = Rasp voice, hard voice, కర్కశమైన గొంతు
मधुर आवाज = Sweet voice, తీయని గొంతు.
तबीयत = Health, ఆరోగ్యం.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 10 Micro, Small and Medium Enterprises (MSMEs)

Here students can locate TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 10 Micro, Small and Medium Enterprises (MSMEs) to prepare for their exam.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 10 Micro, Small and Medium Enterprises (MSMEs)

→ The conceptual and legal framework for small and ancillary industrial undertakings is derived from the Industrial Development and Regulation Act, 1951.

→ The Small and Medium Enterprises Development Bill, 2005 which was enacted in June 2006 was renamed as “Micro, Small and Medium Enterprises Development Act 2006”.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 10 Micro, Small and Medium Enterprises (MSMEs)

→ MSMED Act, 2006, main aim is the promotion and development of small and medium enterprises in India.

→ As per MSMED Act, 2006, MSMEs are classified into two categories.They are :
a) Manufacturing Enterprises
b) Service Enterprises.

→ Manufacturing enterprises are those enterprises that are engaged in the manufacturing or production of goods or commodities. On the base of investment made in plant and machinery, manufacturing enterprises are categorized into micro, small and medium enterprises.

→ Service enterprises involved in providing or rendering of services. On the base of investment made in equipment, service enterprises are divided into micro, small and medium service enterprises.

→ MSMEs contribute nearly 8% of our country’s GDP, 45% of manufacturing output and 40% of exports. They provide the largest share of employment after agriculture.

→ The Government offered some privileges to MSMEs for their promotion, growth and development.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 10 సూక్ష్మ, చిన్న, మధ్య తరహా సంస్థలు

→ చిన్నతరహా, మధ్యతరహా అభివృద్ధి, 2005 బిల్లు – జూన్ 2006లో “సూక్ష్మ, చిన్న, మధ్యతరహా అభివృద్ధి చట్టం, 2006” గా ఏర్పడినది. దీని ఉద్దేశ్యము భారతదేశములో చిన్న, మధ్యతరహా సంస్థల ప్రోత్సాహకానికి, అభివృద్ధికి సహకరించడము.

→ MSME చట్టం, 2006 ప్రకారము MSMEలను రెండు రకాలుగా వర్గీకరించడమైనది. అవి ఉత్పత్తి సంస్థలు, సేవా సంస్థలు. ఈ సంస్థలు ప్లాంటు – యంత్రాలలో పెట్టుబడి పరిమితి ఆధారముగా నిర్వహించబడినది.

→ భారత ప్రభుత్వము ఈ సంస్థల ప్రోత్సాహకానికి, అభివృద్ధికి, ఆధునీకరణకు కొన్ని వసతులు, సౌలభ్యాలు అందజేస్తుంది.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 10 Micro, Small and Medium Enterprises (MSMEs)

→ ఈ MSMEలు దేశ స్థూల జాతీయ ఆదాయములో 8 % వాటా, తయారీ ఉత్పత్తులలో 45 % వాటా, ఎగుమతులలో 40 % వాటాను అందిస్తాయి. ఇవి ఉద్యోగ కల్పనలో వ్యవసాయం తర్వాత అత్యధిక స్థానాన్ని ఆశ్రమించినవి.

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 6 दान बल

Telangana TSBIE TS Inter 1st Year Hindi Study Material 6th Poem दान बल Textbook Questions and Answers.

TS Inter 1st Year Hindi Study Material 6th Poem दान बल

दीर्घ समाधान प्रश्न

प्रश्न 1.
दान बल कविता का सारांश पाँच वाक्यों में लिखिए ।
उत्तर:
दान बल कविता रश्मिरथी नामक काव्य के चतुर्थि सर्ग से लियाँ गया है । उसके कवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जो है । इसमें कवि दानकी महानता, उसकी सहजता और समय पर दान देने पर बल देते है । इसके लिए वे वृक्ष अपना फल त्यागने से ही स्वस्थ रहती है और उस फल की बीजों से नये पौधा उत्पन्न होते है । नदि पानी को देकर दूसरें को जीवन देती है और उसके पानी भाष्प बन्कर फिर बरसकर नदी मे ही मिल जाता है दान देना एक सहज प्रवृती है । समय पर देने से उसकी महानता रहती है। मरने के बाद देने से कोई फल नही मिलता । इसलिए दान बल सबके लिए आवश्यक है ।

नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर तीन – चार वाक्यों में दीजिए ।

प्रश्न 1.
दान बल कविता का में फलों का दान करने से पेड को क्या लाभ होता है ?
उत्तर:
दान देना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है । इसका समर्थन करते हए कवि कहते है । कि वृक्ष फल देता है । यह कोई दान नहीं है । यदि ऋतु जाने के बाद वृक्ष फल को नहीं छोडता है तो फल उसी डाल पर सड़ जाते है । इससे कीडे निकलकर सारा वृक्ष नाश हो जाता है । यदि वृक्ष फल को गिरा देता है तो फिर नभे फल आते है और उस फल के बीजों से नये पौधों उत्पन्न होते है ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 6 दान बल

प्रश्न 2.
दिनकर के अनुसार दान देने से नदी को क्या लाभ होता है ?
उत्तर:
दिनकर दान की महानता मे नदी का उदाहरण देते हुए कहते है की नदी अपने में पानी को शोककर नही रखती । वह पानी का त्याग करके लोगों को जीवन देती है। नदी का पानी भाप बनकर बादलों का रुप लेता है और बरसकर उसी नदी में मिल जाता है । उसी प्रकार मनुष्य को भी दान देने से लाभ होता है ।

एक शब्द में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
दान – बल कविता के कवि कौन है ?
उत्तर:
दान – बल के कविता के कवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी है ।

प्रश्न 2.
किस काव्य के लिए दिनकर को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला ?
उत्तर:
उर्वशी काव्य के लिए दिनकर को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला । बल कविता ने कवि के अनुसार किसकी कीर्ति प्रतिष्ठा हमेशा रहती है ?

प्रश्न 3.
दान – बल कविता ने कवि के अनुसार दानीव्यक्ति की प्रतिष्टा हमेशा रहती है ।
उत्तर:
दान – बल कविता में कवि के अनुसार दानीव्यक्ति की प्रतिष्टा हमेशा रहती है ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 6 दान बल

प्रश्न 4.
दान – बल कविता किस काव्य से लिया गया है ?
उत्तर:
दान – बल कविता दिनकर के रश्मिरथी काव्य के चतुर्थ सर्ग से ली गयी है ।

संदर्भ सहित व्याख्याएँ

प्रश्न 1.
ऋतु के बाद फलों को रुकना
उत्तर:
यह पद्य ‘दान – बल, नामक कविता से लिया गया है। यह कविता रश्मिरथी नामक काव्य से लिया गया है । इसके कवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जो है ।

इसमे दान की महानता को व्यक्त करते हुए कवि वृक्ष का उदाहरण दे रहा है । वृक्ष ऋतु जाने के बाद स्वयं अपने फलों को छोड देती है । यदि नहीं छोडती तो वे फल डालों पर ही सड जाते है। उससे कीडे निकलकर साश वृक्ष नाश हो जाता है । यदि फल को छोड़ता है तो उसके बीजों से नये पौधे और नये फल उत्पन्न होते है उसकी भाषा सरल खडीबोली है ।

प्रश्न 2.
दान जगत का प्रकृत धर्म है,
उत्तर:
यह पद्य ‘दान – बल’ नामक कविता से लिया गया है । यह कविता रश्मिरथी नामक काव्य से लिया गया है इसके कवि रामधारी सिंह दिनकर जी है ।

कवि का कहना है कि दान देना एक सहज स्वभाव है । इसको देने में व्यक्ति व्यर्थ रुप से डरता है । हम सब को एक दिन सब त्याग करके चले जाना है। लेकिन जो समय पर दान देता है वही महान होता है । जो मरते समय छोडकर जाता है, उसकी कोई महानता नही रहती ।

दान बल Summary in Hindi

कवि परिचय

श्री रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 1908 ई में बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया नामक गाँव मे हुआ था । उन्हे ‘पद्म भूषण’ की उपाधि से अलंकृत किया गया । उनकी पुस्तक ‘संस्कृति के चार अध्याय के लिए उन्हे साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला । ‘उर्वशी’ काव्य पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार ‘दिनकर जी को मिला। उनहे राज्य सभा सदस्य के रुप में मनोनीत किया गया ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 6 दान बल

सन् 1974 ई. में उनका स्वर्गवास हुआ । रेणुका, हुंकार, कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा, उर्वशी उन्की प्रसिद्ध रचनाएँ है । संस्कृति के चार अध्याय में भारतिय संस्कृति के प्रति गौरव और राष्ट्रीय चेतना, देशप्रेम की भावना उनकी रचनाओं में स्पष्ट होती है । उन्की भाषा सरल रुडीबोली है । प्रस्तुत कविता ‘ दान बल’, ‘रश्मिरथी’ काव्य के चतुर्थ सर्ग से ली गयी है। इसमें दान की महानता और उससे जीवन की संपूर्णता पर ध्यान दिया गया है ।

सारांश

कवि का कहना है कि दान के देने से ही मानव जीवन निरंतर पूर्णरूप से आगे चलती है । दान बल से स्नेह ज्योति उज्जव, उज्वल जलती है। रोते हुए या हँसते हुए जो दान देते है, जो अहंकार में पडकर दान देते है और जा अपने स्वत्व को त्याग मानते हैं, उसका कोई फल नहीं मिलता ।

वास्तव में त्याग देना स्वत्व का त्याग नही है, यह जीवन की सहज क्रिया मात्र है । जो अपनी संपत्ति को रोक लेता है नह जीवित रहते हुए भी मृतक के समान हैं । अर्थात् जो दूसरों को दान या मदद करते वह मरे हुए व्यक्ति के समान है । कवि वृक्ष का उदाहरण देते हुए कहते है कि वृक्ष किसी पर कृपा दिखाने के लिए फल नहीं देता है । यदि वृक्ष फल को गिरने से रोक देती है और ऋतु चले जान के बाद भी फल डाल पर भी रखते है तो ये फल सड जाते है और उससे की टाणु निकल कर डालों को ही नही, सारे वृक्ष को नाश देती है । इसलिए वृक्ष फल को त्याग देता है तो उसके बीजों से नसे पौधे पैदा होते है ।

नदी का उदाहरण देते हुए कवि कहते हैं कि नदि भी अपने पानी को नहीं रोकती है। नदी का पानी भाप बनकर बादलो का रूप लेता है और बरसकर पानी उसी नदी में मिल जाता है । इसलिए जो भी हम देते है उसका संपूर्ण फल हमें प्राप्त होता है ।

इस प्रकार कवि का मानना है कि दान एक प्राकृतिक धर्म है । दान देने में मनुष्य व्यर्थ ही डरता है । हर एक को किसी – न – किसी दिन सब छोडकर जाना ही है । इसलिए समय का ज्ञान समजकर हमे सब कुछ समय पर दान देना चाहिए। नहीं तो जब मृत्यु आती है तो अपना सर्वस्व छोड़कर भी लाभ नहीं मिलता ।

इस प्रकार दान देना मनुष्य का सहज स्वभाव होना चाहिए । यह कोई उपकार नहीं है । इस कर्तव्य को निभाना हमारा कर्तव्य है । उनकी भाषा सरल खडीबेली है ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 5 प्रथम रश्मि

Telangana TSBIE TS Inter 1st Year Hindi Study Material 5th Poem प्रथम रश्मि Textbook Questions and Answers.

TS Inter 1st Year Hindi Study Material 5th Poem प्रथम रश्मि

दीर्घ समाधान प्रश्न

प्रश्न 1.
‘प्रथम रश्मि’ कविता का सरांश पाँच-छः वाक्यों में लिखिए ।
उत्तर:
प्रथम रश्मि कविता सुमित्रानंदन पंत्र जी से लिखी गयी है । प्रकृति की सहज सुन्दरता इसमें वर्जित है । प्रातः काल के समय मे सूर्योदय के किरणों को छूकर बाल विहंगिनी गीत गाते हैं । उनको कैसे मालूम कि सूर्योदय हो गया है। चन्द्र किरण के चूमने से नव कोमल पत्ते मुस्कुराना अर्थात रहे है। रात के तारे मन्द पड गए है । अन्धकार समाप्त होकर सूर्योदय हो रहा है । इसके स्वागत मे कोयल गीत गा रही है । कवि यह प्रश्न कर रहा है कि हे अंतर्योमिनी तुम्हे किसने बताया कि सूर्योदय हुआ है । कवि का हृदय प्रकृति के सहज सुन्दरता का स्पर्श कर रहा है ।

नीच दिए गए प्रश्नों के उत्तर तीन चार वाक्यों में दीजिए ।

प्रश्न 1.
सुमित्रानंदन पंत का कवि परिचय लिखिए ।
उत्तर:
सुमित्रानंदन पंत जी का जन्म सन् 1900 ई.मे अल्मोडा जिले के कौसानी नामक गाँव में हुआ था । वे कोमलता के कवि कह जाते है । आप शांत स्वभाव के थे । उन्होंने असहयोग आंदोलानों मे भाग लिया । उनपर आध्यात्मिक ग्रन्थों का भी प्रभाव था । उनकी रचनाओं मे प्रकृति सौन्दर्य, आदर्शवादी विचार धारा और अरविंद दर्शन का क्रमशः प्रभाव दिखाई देता है । सन् 1977 में उनकी मृत्यु हो गई । वीणा, ग्रंथि पल्लाव, युगंत उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ है । ‘चिदंबरा’ काव्य के लिए उन्हे ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला। वे प्रकृति सौन्दर्य के अद्वितीय कवि माने जाते है । प्रस्तुत प्रथम रश्मि कविता में प्रातः काल के प्रकृति सौन्दर्य का सुंदर वर्णन उन्होंने किया ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 5 प्रथम रश्मि

प्रश्न 2.
कवि ने प्रातः काल का वर्णना किस प्रकार किया है ?
उत्तर:
पंत जी ने प्रातः काल का सुन्दर वर्णन किया है । उषा काल मे सूरज की प्रथम किरण धरती को छूने से कितने सुन्दर परिवर्तन होते है, उनका सुन्दर वर्णन किया है। सूर्योदय के स्वागत में नन्ही सी पक्षी की मधुर आवाज मे गाना, नन्ही सी कलियों का चन्द्रके किरण तितलियों के रूप मे स्पर्श करने से मुस्कुराना, रात के चमकीले तारे मन्द पड जाना, सूर्योदय के स्वागत करते हुए कोयल का गाना सभी का सुन्दर वर्णन करके कवि यह प्रश्न कर रहा है कि सुर्योदय के आगमन के बारे मे इन सबको कैसा पता चल रहा है ।

एक शब्द में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
प्रथम रश्मि कविता के कवि कौन है ?
उत्तर:
प्रथम रश्मि कविता के कवि सुमित्रानंदन पंत जी है ।

प्रश्न 2.
किस काव्य के लिए पंत जी को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला ?
उत्तर:
‘चिदम्बरा’ काव्य के लिए पंत जी को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला ।

प्रश्न 3.
प्रथम रश्मि कविता मे कौन स्वागत गीत गा रहे हैं ?
उत्तर:
प्रधम रश्मि कविता में पेड पर रहनेवाला कोयल स्वागत गीत गा रहा है ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 5 प्रथम रश्मि

प्रश्न 4.
प्रथम रश्मि कविता मे पक्षियों के घोंसलों के पास कौन पहरा दे रहे थे ?
उत्तर:
प्रथम रश्मि कविता मे पक्षियों के घोंसलों के पास जुगुनू पहरा दे रहे थे ।

संदर्भ सहित व्याख्याएँ

प्रश्न 1.
प्रथम रश्मि का आना ……………..
उत्तर:
यह पद्य ‘प्रथम रश्मि’ नामक कविता से लिया गया है। सुमित्रानंदन पंत इसके कवि है । सूर्योदय को सुन्दर वर्णन कवि इसमे कर रहे है । कवि इसमे बाल विहंगिनि से पूछ रहा है । अभी तुमने नंद से जाग लिया । तुम्हे प्रातः काल के किरणों की पहचान कैसे हुई ? यह जानकर तुम इतना सुन्दर केसे गा रही हो । प्रकृति की सहज सुन्दरता इसमे वर्णित है । भाषा सरल खडीबोली है ।

प्रश्न 2.
शशि – किरणों से उत्तर – उतरकर,………
उत्तर:
यह पद्य ‘प्रथम रश्मि नामक कविता से लिया गया है । इसके कवि श्री सुमित्रानंदन पंत जी है। इसमे प्रातः काल की सुन्दरता – का वर्णन किया गया है ।

कवि कहते है कि परिवेश के अनुरूप अपना इम वदलने वाली तितलियाँ चन्द्र किरणों की तरह जमीन पर उतरकर नव कोमल पत्तों को चूमकर उनको मुस्कुराना सिखा रही है। प्रकृति का कोमल वर्णन इसमे वर्जित है ।

प्रथम रश्मि Summary in Hindi

कवि परिचय

सुमित्रानंदन पंत जी का जन्म सन् 1900 ई. मे अल्मोडा जिले के कौसानी नामक गाँव में हुआ था । वे कोमलता के कवि कह जाते है । आप शांत स्वभाव के थे । उन्होंने असहयोग आंदोलानों में भाग लिया । उनपर आध्यात्मिक ग्रन्थों का भी प्रभाव था । उनकी रचनाओं मे प्रकृति सौन्दर्य, आदर्शवादी विचार धारा और अरविंद दर्शन का क्रमशः प्रभाव दिखाई देता है । सन् 1977 में उनकी मृत्यु हो गई । वीणा, ग्रंथि, पल्लाव, युगंत उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ है । ‘चिदंबरा’ काव्य के लिए उन्हे ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला। वे प्रकृति सौन्दर्य के अद्वितीय कवि माने जाते है । प्रस्तुत ‘प्रथम रश्मि कविता में प्रातः काल के प्रकृति सौन्दर्य का सुंदर वर्णन उन्होंने किया ।

सारांश

कवि बाल विहंगिनी को संबोधित करके पूछ रहा है कि उषा काल के सुरज की प्रथम किरण इतनी रंगोली थी; उसे तुमने कैसे पहचान लिया ! इस समय मे तुम इतना सुन्दर गा रहे हो, कहाँ से सीख लिया । तुम स्वप्नों के छोंसले में पंखों मे छिपकर सुख से सो रहे हो । रात भर नाना प्रकार के जुगुनू पहारा देकर तुम्हारे धोंसले के चारो ओर ऊँघते हुए धूम रहे है । तुम ने कैसे जान लिया कि सूर्योदय हुआ है ।

परिवेश के अनुरूप अपना रंग वदलने वाली सुंदर तितलियाँ चन्द किरणों की तरह जमीन पर उतर कर कोमल नवल पत्रों को चूम – चूम कर मुस्कुराना सिखा रही है ।

प्रातः कालमे चारों ओर प्रकृति प्रशान्त थी । रात भर चमकतेवाले तारे अब अपना चमक खो रहे थे । वृक्ष के पत्ते भी अब निःस्तब्ध थी और शायद स्वप्न मे विचारण कर रहे हैं। चारों ओर अभी अंधकार छाया हुआ था | अचानक उसी समय सहसा कोकिल स्वागत का गीत गाने लगी । कवि पूछ रहा है । कि हे कोचल । तुझे कैसे पता कि सूर्योदय हुआ है ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 5 प्रथम रश्मि

इसप्रकार कवि प्रकृति का सुन्दर वर्णन करते हुए ईश्वर की महिमा का गुणगान प्रकृति के माध्यम से कर रहा है । उनकी भाषा सुन्दर खडीवोली है ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 4 बालिका का परिचय

Telangana TSBIE TS Inter 1st Year Hindi Study Material 4th Poem बालिका का परिचय Textbook Questions and Answers.

TS Inter 1st Year Hindi Study Material 4th Poem बालिका का परिचय

दीर्घ समाधान प्रश्न

प्रश्न 1.
‘बालिका का परिचय कविता का सारांश पांच छेः वाक्यों मे लिखिए ।
उत्तर:
‘बालिका का परिचय कविता श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान जी से लिखी गयी है | संपूर्ण कविता मे कवइत्री का हृदय बोलता है। एक माँ के लिए उसकी अपनी संतान हो सब कुछ होती है । इसकविता की विषयवस्तु एक और उसकी पुत्री पर आधारित है माँ के लिए वह बालिका ही गोद की शोभा होती है और अपना सौभाग्य | उसी की चेष्टओं में कवइत्री अपना बचपन की स्मृतियों को देख रही है । उसी को अपना मंदिर, मसजिद, काबा, काशी, समझाती है । कृष्ण की बाल लीलाओं को और कौसल्या की ममता को अपनी और बेटी के बीच में देख रही है ईसा की क्षमाशीलता, नबी महम्मद का विश्वास, गौतम की अहिंसा सभी बेटी मे देख रही है । कवइत्री यही मान्ती है कि जिसके पास सच्ची माँ जी ममता होती है, उस एक बालिका का परिचय मिल जाता है ।

प्रश्न 2.
सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं की विशेषताएँ लिखिए ।
उत्तर:
सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताएँ देश प्रेम, वीर भावना और उइबोधन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है । आधुनिक काव्य मे नारी चेतना का स्वर स्पष्ट मुखरित होती है । उनके काव्य मे एक ओर नारी की भावुकता तथा कोमलता के दर्शन होते है और दूसरी ओर राष्ट्रीय चेतना स्पष्ट रूप से दिखायी पडती है । प्रस्तुत कविता की विषय वस्तु एक माँ और उसकी पुत्री पर आधारित है। संपूर्ण कविता में कवइत्री का हृदय बोलता है यह समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश होता है ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 4 बालिका का परिचय

प्रश्न 3.
माँ के लिए बेटी किसके समान है ?
उत्तर:
माँ के लिए बेटी गोद की शोभ है और सौभाग्य प्रदान करती है । वह अपने अंधकारमय जीवन के लिए दीपशिखा की तरह है । माँ जीवन मन उषा की पहली किरण है। नीरस मन में की अमृत धारा और रस भरने वाली है – वह बालिका नष्ट नयनों की ज्योति है और तपस्वी को मन की सच्चीलगन है । एक माँ के लिए उसकी अपनी संतान है सबकुछ होती है । माँ और बेटी में भेद न करने की भावना समाज को उन्नति के शिखर पर पहुँचा सकती है ।

एक शब्द में उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
गोदी की शोभा कौन है ?
उत्तर:
माँ की गोदी की शोभा अपनी बेटी ही है ।

प्रश्न 2.
माँ की मनोकामना कैसी है ?
उत्तर:
माँ की मनोकामना मन को मस्त देने वाली है ।

प्रश्न 3.
सुभद्रा कुमारी चौहान के लिए मंदिर – मस्जिद कौन है ?
उत्तर:
सुभद्रा कुमारी चौहान के लिए मंदिर – मस्जिद अपनी बेटी ही है।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 4 बालिका का परिचय

प्रश्न 4.
किसका दिल बेटी को समझ सकता है ?
उत्तर:
जिसके पास माता का दिल है । वही बेटी को समझ सकता है ।

संदर्भ सहित व्याख्याएँ

प्रश्न 1.
यह मेरी गोदी की शोभा …..
उत्तर:
यह पद्य ‘बालिका का परिचय’ नामक कविता से लिया गया है । इसकी कवइत्री सुभद्रा कुमारी चौहान जी है। इसमे नारी चेतना का स्वर स्पष्ट होती है ।

कवइत्री कहती है कि बालिका मेरी गोद की शोभा है और सौभाग्य प्रदान करनेवाली है । वह मेरी मनोकामना का प्रतिफल है । माँ जितनी सम्पन्न होने पर भी बालिका के सामने भिखारिन ही है । वह अन्धकार में दीपशिखा की तरह, कालीघटा में प्रकाश की तरह है । वह पतझड की हरियाली में, कमल भौरों में उषा की पहली किरण जैसी है। अपनी बालिका हो जीवन का सूर्योदय है। उनकी भाषा सरल खडीबोली है ।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 4 बालिका का परिचय

प्रश्न 2.
कुष्णचंद्र की क्रीडाओं को ……
उत्तर:
यह पद्य ‘बालिका का परिचय’ नामक कविता से लिया गया है । इसकी कवइत्री सुभद्राकुमारी चौहान जी है। इसमें नारी चेतना और बालिका के प्रति माँ की ममता का स्पष्ट चित्रण किया गया है ।

कृष्ण की बाललीलाएँ, कौशल्या की ममता सभी का दर्शन मै अपनी बालिका के देखकर अनुभव करती है। ईसा की क्षमाशीलता, नबी मुहम्मद का विश्वास, गौतम की अहिंसा इसी बालक मे दिखाई पड रहा है मेरी बालिका इतनी महान है कि सारे सद्गुण उसमें है उनकी भाषा है सरल खडीबोली है ।

बालिका का परिचय Summary in Hindi

कवइत्री परिचय

भारत कोकिला सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म सन् 1905 में इलाहाबाद में हुआ ! उन्होंने असहयोग आन्दोलन में भी भाग लिया । उनकी रचनाओं में देश-प्रेम, वीर भावना स्पष्ट होते है । सन् 1948 में उनकी मृत्यु हो गयी । इनकी रचनाओं में मुकुल, त्रिधारा, बिखरे मोती, उन्मादिनी आदि प्रमुख है। ‘मुकुल’ काव्य संग्रह के लिए उन्हें साहित्यं सम्मेलन प्रयाग द्वारा सेक्सरिया पुरस्कार प्रदान किया गया । आधुनिक काव्य में नारी चेतना का स्वर मुखरित होता है। इस कविता में माँ का ह्रदय और सन्तान के प्रति उसकी ममता का स्पष्ट चित्रण मिलता है ।

कविता का सारांश

इसकी विषय वस्तु एक माँ और उसकी पुत्री पर आधारित है । माँ अपनी के रूप में अनुभव करती हुई । पुत्री को देखकर पुलकित होती है और कवइत्री अपने को कहती है कि बालिका मेरी गोद की शोभा है और सौभाग्य प्रदान करनेवाली है। वह मेरी मनोकामना का प्रतिफल है। उसके सामने वह जितना सम्पन्न होने पर भी अपने को भिखारिन मानती है ।

वह अधिकार में दीपशिखा की तरह, कालीघटा में प्रकाश की तरह है । वह पतझड की हरियाली में, कमल भौरो में उषा की पहली किरण जाती है । नीरस मन मे ऊमृत धारा का रस भरने वली अन्धे नयनो में ज्योति और तपस्वी के मन की सच्ची लगन है। मेरा बीता बचपन जहाँ जीवन के बगीचे में किलकिलाकर हँसना मचलना, क सभी मेरे सामने बचपन की घटनाएँ दिखाई पड़ रहे है। मेरे लिए मंदिर, मसजिद, काबा, काशी वही है।

TS Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 4 बालिका का परिचय

हर प्रकार का तीर्थ, पूजा, पाठ, जप, तह, अपनी बालिका के रूप में ही कवइत्री देख रही है । कृष्ण की बाल लीलाएँ कौशल्या की ममता सभी को वह स्पर्श कर रही है । ईसा की क्षमाशीलता, नबी मुहम्मद का विश्वास, गौतम की अहिंसा उसी बालिका में देख रही है । उस बालिका का परिचय देने में भी वह असमर्थ है । क्यों कि कवइत्रि का माननी है कि जिसके पास माँ का हृदय रहता है। वह इस बालिका का परिचय महसूस कर लेते है ।

इस प्रकार इन्हें नारी की भावुकता और कोमलता स्पष्ट हलकती है। संपूर्ण कविता मे कवइत्री का हृदय बोलना थी भाषा सरल खडीबोली है ।

TS Inter 1st Year Physics Notes Chapter 12 పదార్ధ ఉష్ణ ధర్మాలు

Here students can locate TS Inter 1st Year Physics Notes 12th Lesson పదార్ధ ఉష్ణ ధర్మాలు to prepare for their exam.

TS Inter 1st Year Physics Notes 12th Lesson పదార్ధ ఉష్ణ ధర్మాలు

→ ఉష్ణోగ్రత : ఒక వస్తువు యొక్క చల్లదనము లేదా వెచ్చదనాన్ని సూచించేది లేదా సాపేక్షంగా కొలవగలిగేదాన్ని ఉష్ణోగ్రత అంటారు.
గమనిక : ఉష్ణోగ్రత అన్నది ఒక సాపేక్ష భావన.

→ ఉష్ణము : ఉష్ణము శక్తి స్వరూపము. ఒక వ్యవస్థకు దాని పరిసరాలకు మధ్య గల ఉష్ణోగ్రతా భేదంవల్ల వ్యవస్థల మధ్య బదిలీ చెందే శక్తి రూపాన్ని ఉష్ణోగ్రత అని చెప్పవచ్చు.

→ ఉష్ణోగ్రతను కొలవడం : ఉష్ణోగ్రత అనేది సాపేక్ష భావన. అందువల్ల ఒక వస్తువు ఉష్ణోగ్రతను తెలపడానికి వీలుగా రెండు స్థిరమైన విలువలు ప్రామాణికంగా తీసుకున్నారు.

  • నీరు ఘనీభవించే ఉష్ణోగ్రత
  • నీటి బాష్పీభవన
    (ఎ) సెల్సియస్ మానంలో నీటి ఘనీభవన స్థానాన్ని 0°C గాను నీటి బాష్పీభవన స్థానాన్ని 100°C గాను తీసుకున్నారు.
    (బి) ఫారన్హీట్ మానంలో నీటి ఘనీభవన స్థానాన్ని 32°F గాను నీటి బాష్పీభవన స్థానాన్ని 212°F గాను తీసుకున్నారు.
    (సి) సెల్సియస్ (PC) మరియు ఫారన్హీట్ మానాల మధ్య సంబంధము \(\)

→ బాయిల్ నియమము ఉష్ణోగ్రత స్థిరంగా ఉన్నపుడు నియమిత ద్రవ్యరాశి గల వాయు ఘనపరిమాణము దాని పీడనానికి విలోమానుపాతంలో ఉంటుంది. P ∝ 1/v లేదా PV = స్థిరరాశి.

→ ఛార్లెస్ నియమము (I) : స్థిరపీడనం వద్ద నియమిత ద్రవ్యరాశి గల వాయువు ఘనపరిమాణం (V) దాని పరమ ఉష్ణోగ్రత (T) కి అనులోమానుపాతంలో ఉంటుంది. V ∝ T లేదా V/T = స్థిరరాశి.

→ ఛార్లెస్ నియమము (II) : స్థిర ఘనపరిమాణం వద్ద నియమిత ద్రవ్యరాశి గల వాయువు పీడనం (P) దాని పరమ ఉష్ణోగ్రత (T) కి అనులోమానుపాతంలో ఉంటుంది.
P ∝ T లేదా P/T = స్థిరరాశి.

→ ఆదర్శ వాయు సమీకరణ : బాయిల్, ఛార్లెస్ నియమాల నుండి
\(\frac{\mathrm{PV}}{\mathrm{T}}\) స్థిరరాశి లేదా \(\frac{\mathrm{PV}}{\mathrm{T}}\)= μR
ఇందులో μ = వాయువులో గల మోల్ల సంఖ్య
R = సార్వత్రిక వాయు స్థిరాంకము = 8.31 జౌల్ /మోల్ – కెల్విన్

TS Inter 1st Year Physics Notes Chapter 12 పదార్ధ ఉష్ణ ధర్మాలు

→ పరమ శూన్య ఉష్ణోగ్రతా మానము (T) : ఛార్లెస్ నియమాల నుండి P – T మరియు V – T రేఖాపటాలలో -273. 15°C వద్ద వాయువు పీడనము (P) మరియు ఘనపరిమాణము ‘v’ లు సున్న అవుతాయి. – 273.15°Cను ఆరంభ ఉష్ణోగ్రత ‘0’’ గా తీసుకొని 1°C ప్రమాణ పరిమాణానికి సమానమైన పరిమాణం గల ఉష్ణోగ్రతా మానాన్ని పరమ ఉష్ణోగ్రతా మానము లేదా కెల్విన్ మానము అంటారు.
Tk = tc + 273, 15

→ ఉష్ణ వ్యాకోచము : పదార్థాలను వేడి చేయడం వల్ల దాని పరిమాణంలో కలిగే వృద్ధిని ఉష్ణ వ్యాకోచము అంటారు. ఎ) వేడిచేయడం వల్ల పొడవులోని వృద్ధిని దైర్ఘ్య వ్యాకోచము అంటారు.
బి) వేడిచేయడం వల్ల వైశాల్యంలోని వృద్ధిని విస్తీర్ణ వ్యాకోచం అంటారు.
సి) వేడిచేయడం వల్ల ఘనపరిమాణంలోని వృద్ధిని ఘనపరిమాణ వ్యాకోచం అంటారు.

→ ఘనపదార్థాల వ్యాకోచ గుణకాలు :
1) దైర్ఘ్య వ్యాకోచ గుణకము ‘α’ : వేడిచేయడంవల్ల పదార్థం ఉష్ణోగ్రతలో మార్పు ΔT మరియు దాని పొడవులో అంశిక మార్పు Δl/l అయితే వాటి నిష్పత్తిని దైర్ఘ్య వ్యాకోచ గుణకము ‘α’ గా నిర్వచించినారు.
దైర్ఘ్య వ్యాకోచ గుణకము α = \(\frac{\Delta l}{l \Delta T}\)/°C

2) విస్తీర్ణ వ్యాకోచ గుణకము ‘β’ : వేడిచేయడం వల్ల పదార్థం ఉష్ణోగ్రతలో మార్పు ΔT మరియు దాని విస్తీర్ణంలో అంశిక మార్పు \(\frac{\Delta \mathrm{A}}{\mathrm{A}}\) ఐతే వాటి నిష్పత్తిని విస్తీర్ణ వ్యాకోచ గుణకంగా నిర్వచించినారు.
β = \(\frac{\Delta \mathrm{A}}{\mathrm{A} \Delta \mathrm{T}}\)/°C

→ ఘనపరిమాణ వ్యాకోచ గుణకము ‘γ’ : వేడిచేయడం వల్ల పదార్థం ఉష్ణోగ్రతలో మార్పు ΔT మరియు దాని ఘనపరిమాణంలో అంశిక మార్పు \(\frac{\Delta \mathrm{A}}{\mathrm{A}}\) అయితే వాటి నిష్పత్తిని ఘనపరిమాణ వ్యాకోచ గుణకంగా నిర్వచించినారు.
ఘనపరిమాణ వ్యాకోచ గుణకము γ = \(\frac{\Delta \mathrm{V}}{\mathrm{V} \Delta \mathrm{T}}\)/°C

α, β, γ ల మధ్య సంబంధము :

  • విస్తీర్ణ వ్యాకోచ గుణకము β = 2α
  • ఘనపరిమాణ వ్యాకోచ గుణకము γ = 3α

→ నీటి అసంగత వ్యాకోచము : సాధారణంగా పదార్థాలను వేడిచేస్తే వ్యాకోచిస్తాయి. కాని నీరు 0°C నుండి 4°C వరకు వేడిచేస్తే వ్యాకోచించడానికి బదులు సంకోచిస్తుంది. నీటి ఈ విపరీత ప్రవర్తనను నీటి అసంగత వ్యాకోచము అంటారు.

గమనిక :
1) నీటికి 4°C వద్ద సాంద్రత గరిష్ఠము. ఘనపరిమాణము కనిష్ఠము.
2) నీటి అసంగత వ్యాకోచం వల్ల ధృవప్రాంతాలలో జలచరాలు శీతాకాలంలో కూడా జీవించగలుగుతున్నాయి.

→ ఉష్ణ ప్రతిబలము : ఒక కడ్డీ రెండు చివరల బిగించి దానిని వేడి చేస్తే కడ్డీలో వ్యాకోచం నిరోధించబడటం వల్ల అది సంపీడన వికృతిని పొందుతుంది. దీనికి కారణం ఉష్ణం వల్ల కడ్డీలో ఏర్పడిన ప్రతిబలం
ఉష్ణ ప్రతిబలం \(\frac{\Delta f}{A}\) = y ∝ AT

→ ఉష్ణ ధారణ సామర్థ్యము (s) : పదార్థాన్ని వేడిచేసినపుడు దాని ఉష్ణోగ్రతలో మార్పు AT మరియు అందజేసిన ఉష్ణరాశి AQ లకు గల నిష్పత్తిని ఉష్ణధారణ సామర్థ్యము (S) అంటారు.
S = \(\frac{\Delta Q}{\Delta T}\) ప్రమాణము జౌల్ /°C

→ విశిష్టోష్ణ సామర్థ్యం (S) : ప్రమాణ ద్రవ్యరాశి గల పదార్థంలో, ఏకాంక ఉష్ణోగ్రతా మార్పు కోసం అందజేసిన ఉష్ణరాశి లేదా కోల్పోయిన ఉష్ణరాశిని విశిష్టోష్ణ సామర్థ్యం అంటారు.
విశిష్టోష్ణ సామర్థ్యము s = \(\frac{1}{\mathrm{~m}} \frac{\Delta \mathrm{Q}}{\Delta \mathrm{T}}\) ప్రమాణము జౌల్ / కి.గ్రా. కెల్విన్
గమనిక : వాయువులలో పరిమాణాన్ని కి. గ్రా. బదులుగా మోల్లలో చెపుతారు. అప్పుడు విశిష్టోష్ణ సామర్థ్యము
C = \(\frac{\mathrm{S}}{\mu}=\frac{1}{\mu} \frac{\Delta \mathrm{Q}}{\Delta \mathrm{T}}\)

→ కెలోరిమితి అంటే ఉష్ణాన్ని కొలవడం.

TS Inter 1st Year Physics Notes Chapter 12 పదార్ధ ఉష్ణ ధర్మాలు

→ కెలోరిమితి సూత్రం : పరిసరాలకు ఉష్ణ నష్టాన్ని అరికడితే వేడిగా ఉన్న వస్తువు కోల్పోయిన ఉష్ణరాశి = చల్లగా ఉన్న వస్తువు గ్రహించిన ఉష్ణరాశి.

→ పీడనం పెరిగితే ద్రవాల బాష్పీభవన స్థాన ఉష్ణోగ్రత పెరుగుతుంది.

→ పీడనం తగ్గితే ద్రవాలు తక్కువ ఉష్ణోగ్రత వద్ద బాష్పీభవనం చెందుతాయి.

→ పునర్ ఘనీభవనం : మంచుపై పీడనాన్ని కలుగజేస్తే మంచుగడ్డ అడుగుభాగం కరుగుతుంది. పీడనం తొలగిస్తే మరల ఆ నీరు గడ్డ కడుతుంది. ఈ ప్రక్రియను పునర్ ఘనీభవనం అంటారు.

→ మంచుగడ్డపై ఒక తీగను ఉంచి దాని రెండు చివరల బరువులు కడితే తీగ కింది భాగం వద్ద మంచు కరిగి తీగ మంచు దిమ్మె కిందికి వస్తుంది. కాని మంచుగడ్డ విడిపోదు. దీనికి కారణం పునర్ ఘనీభవనం.

→ గుప్తోష్ణము : ప్రమాణ ద్రవ్యరాశి గల పదార్థం స్థిర ఉష్ణోగ్రత వద్ద స్థితి మార్పు పొందునపుడు గ్రహించిన లేక కోల్పోయిన ఉష్ణరాశిని గుప్తోష్ణం అంటారు.

→ ద్రవీభవన గుప్తోష్ణము : పదార్థాలు ఘనస్థితి నుండి ద్రవస్థితికి లేదా ద్రవస్థితి నుండి ఘనస్థితికి మారునపుడు ప్రమాణ ద్రవ్యరాశి గల పదార్థం కోల్పోయిన లేక గ్రహించిన ఉష్ణరాశిని ద్రవీభవన గుప్తోష్టం అంటారు.

→ బాష్పీభవన గుప్తోష్ణం : ప్రమాణ ద్రవ్యరాశి గల ఘనపదార్థం ద్రవ స్థితి నుండి బాష్ప స్థితికి లేదా బాష్ప స్థితి నుండి ద్రవస్థితికి మారునపుడు గ్రహించిన లేక కోల్పోయిన ఉష్ణరాశిని బాష్పీభవన గుప్తోష్టం అంటారు.

→ త్రిక బిందువు : ఏ ఉష్ణోగ్రతా పీడనాల వద్ద పదార్థం మూడు స్థితులు (ఘన, ద్రవ, వాయు స్థితులు) కలసి ఉంటాయో ఆ బిందువును త్రిక బిందువు అంటారు.
గమనిక : నీటికి త్రిక బిందువు 273.15 K మరియు 6.11 × 10-3 పాస్కల్ పీడనం వద్ద ఉంది.

→ ఉష్ణోగ్రతా భేదం వల్ల ఉష్ణశక్తి ఒక పదార్థం నుండి మరొక పదార్థానికి లేదా వ్యవస్థలో ఒక భాగం నుండి మరొక భాగానికి బదిలీ అవుతుంది.

TS Inter 1st Year Physics Notes Chapter 12 పదార్ధ ఉష్ణ ధర్మాలు

→ ఉష్ణబదిలీ

  • వహనము
  • సంవహనము
  • వికిరణము అన్న మూడు పద్ధతుల ద్వారా జరుగుతుంది.

→ వహనం : ఉష్ణోగ్రతా భేదం వల్ల ఒక వస్తువు రెండు ఆసన్న భాగాల మధ్య ఉష్ణ బదిలీ జరిగే విధానాన్ని వహనం అంటారు.
ఘనపదార్థాలలో ఉష్ణప్రసారం వాహనం ద్వారా జరుగుతుంది.

→ పరిమాణాత్మకంగా ఉష్ణవహనాన్ని ఇచ్చిన ఉష్ణోగ్రతా భేదానికి ఉష్ణప్రవాహ రేటుగా భావించవచ్చు.

→ నిలకడ స్థితిలో ఉష్ణప్రవాహ రేటు ఉష్ణోగ్రతా భేదం (12 – t) మధ్యచ్ఛేద వైశాల్యము ‘A’ లకు అనులోమానుపాతంలోను, పొడవు L’ కు విలోమానుపాతంలోను ఉంటుంది.
H = \(\frac{\mathrm{KA}\left(\mathrm{T}_2-\mathrm{T}_1\right)}{\mathrm{L}}\)
ఇందులో K ను ఉష్ణవాహకత్వం అంటారు.
T1, T2, లు చల్లటి, వేడి కొనల వద్ద ఉష్ణోగ్రతలు.

→ పదార్థ వాస్తవిక గమనం ద్వారా ఉష్ణ బదిలీ జరిగే విధానము సంవహనము. ఉష్ణ సంవహనం ప్రవాహులలో మాత్రమే సాధ్యపడును.

→ ఎటువంటి యానకం అవసరం లేకుండా ఉష్ణ బదిలీ జరిగే విధానాన్ని వికిరణము అంటారు.
సూర్యుని నుండి భూమికి ఉష్ణశక్తి ఉష్ణ వికిరణం ద్వారా ప్రసరిస్తుంది.

→ ఉష్ణ వికిరణం కాంతి వేగం (3 × 108 m/s) తో ప్రయాణిస్తుంది.

→ వస్తువులు వికిరణాన్ని శోషించుకునే శక్తి మరియు వికిరణాన్ని ఉద్గారించే శక్తి ఆ పదార్థం రంగుపై ఆధారపడును.

→ వీన్ స్థానభ్రంశ నియమం ప్రకారము వికిరణంలో గరిష్ఠ శక్తి కలిగి ఉన్న తరంగదైర్ఘ్యం (λm) వస్తువు ఉష్ణోగ్రతకు విలోమానుపాతంలో ఉంటుంది.
λm 1/T లేదా λmT = స్థిరరాశి
ఈ స్థిరరాశిని వీన్ స్థిరాంకము అంటారు. దీని విలువ 2.9 × 10-3 mk

→ స్టిఫాన్ బోల్ట్ మన్ సిద్ధాంతము : ప్రమాణ వైశాల్యం గల ఒక వస్తువు పరమ ఉష్ణోగ్రత “T” వద్ద వికిరితం చేసే ఉష్ణశక్తి దాని పరమ ఉష్ణోగ్రత నాల్గవ ఘాతానికి అనులోమానుపాతంలో ఉంటుంది.
H ∝ T4 లేదా H = σT4
A వైశాల్యం గల వస్తువు నుండి వికిరణం చెందిన మొత్తం ఉష్ణశక్తి H – AT4 ఇందులో 6 ను స్టిఫాన్-బోల్ట్ మన్ స్థిరాంకము అంటారు. 6 = 5.67 × 10-8 wm-2k-4

→ T ఉష్ణోగ్రత వద్ద ఉన్న వస్తువు T, అను పరిసరాల ఉష్ణోగ్రత వద్ద ఉంటే అది వికిరితం చేసే ఉష్ణశక్తి
H = σA (T4 – T4s)

→ హరితగృహ ప్రభావము : భూమి నుండి శూన్యంలోకి వికిరణం చెందే ఉష్ణశక్తి తరంగదైర్ఘ్యం ఎక్కువ. ఈ ఉష్ణశక్తిని కార్బన్ డై ఆక్సైడ్ (CO2), మీథేన్ (CH4), క్లోరోఫ్లోరో కార్బన్ (CFxClx) వంటి వాయువులు గ్రహించి భూమి వాతావరణాన్ని వేడెక్కిస్తాయి. ఈ ప్రక్రియను హరితగృహ ప్రభావము అంటారు.

TS Inter 1st Year Physics Notes Chapter 12 పదార్ధ ఉష్ణ ధర్మాలు

→ న్యూటన్ శీతలీకరణ నియమము : ఒక వస్తువు నష్టపోయే ఉష్ణరేటు (−dQ/dt) పరిసరాల ఉష్ణోగ్రతా భేదానికి [ΔT= (T2 – T1)] కి అనులోమానుపాతంలో ఉంటుంది.
\(-\frac{\mathrm{dQ}}{\mathrm{dt}}\) = K(T2 – T1)

→ న్యూటన్ శీతలీకరణ నియమము ఉష్ణోగ్రతా భేదము (T2 – T1) స్వల్పంగా ఉన్నపుడు మాత్రమే వర్తిస్తుంది.

→ సెల్సియస్ మరియు ఫారెన్ హీట్ ల మధ్య సంబంధము \(\frac{C-0}{100}=\frac{F-32}{180}\) (లేదా) \(\frac{\mathrm{C}}{5}=\frac{\mathrm{F}-32}{9}\)
C = \(\frac{5}{9}\)(F-32) (లేదా) F = \(\frac{9}{5}\)C + 32

→ ఏదైనా ఉష్ణోగ్రతా మానంలో రీడింగు (S) అయితే \(\frac{S-L F \cdot P}{\text { U.F.P – L.F.P }}\) = a [స్థిరము]
ఇందులో U.F.P = ఊర్ధ్వ స్థిరస్థానము; L.F.P = అధో స్థిరస్థానము

→ దైర్ఘ్య వ్యాకోచ గుణకము (α) = \(\frac{l_2-l_1}{l_1\left(t_2-t_1\right)}\)/°C
లేదా తుదిపొడవు l2 = l1 [1 + α (t2 – t1)] (లేదా) l2 = l1, (1 + α Δt)
పొడవులో పెరుగుదల l2 – l1 = Δl = l1α(t2 – t1) (లేదా) Δl = l1α Δt

→ దృశ్య వ్యాకోచ గుణకము (β) = \(\frac{\mathrm{A}_2-\mathrm{A}_1}{\mathrm{~A}_1\left(\mathrm{t}_2-\mathrm{t}_1\right)}\)/°C
తుది వైశాల్యము (A2) = A1 [(1 + β(t2 – t1)] (లేదా) A2 = A1 (1 + βΔt)
వైశాల్యంలో పెరుగుదల (A2 – A1) = ΔA = A1 α (t2 – t1) (లేదా) ΔA = AβΔT

→ ఘనపరిమాణ వ్యాకోచ గుణకము (γ) = \(\frac{V_2-V_1}{V_1\left(t_2-t_1\right)}\)/ °C
తుది ఘనపరిమాణము (V2) = V1 [1 + γ(t2 – t1)] (లేదా) V2 = V1(1 + γΔt)
ఘనపరిమాణంలో పెరుగుదల = (V2 – V1) = AV = V1 γ(t2 – t1) (లేదా) V = V1γΔt

→ α, β మరియు γ ల మధ్య సంబందము β = 2α, γ = 3α (లేదా) α : β: γ = 1: 2: 3 (లేదా) 6α = 3β = 2γ

→ ఉష్ణోగ్రతతో పాటు సాంద్రతలో మార్పు ρt = ρ1 [1 + γ(t2 – t1)] (లేదా) ρt = ρ1(1 + γAt)

→ భిన్న లోహాలతో చేసిన రెండు లోహపు కడ్డీలు అన్ని ఉష్ణోగ్రతల వద్ద ఒకే పొడవులోని భేదం కలిగి ఉండాలంటే l1α1 = l2α2

TS Inter 1st Year Physics Notes Chapter 12 పదార్ధ ఉష్ణ ధర్మాలు

→ ఏదైనా పాత్రలో ద్రవం పైన ఖాళీ భాగపు ఘనపరిమాణం అన్ని ఉష్ణోగ్రతల వద్ద స్థిరంగా ఉండాలంటే V1γ1 = V2γ2

→ ద్రవం దృశ్య వ్యాకోచ గుణకము γa = \(\frac{v_2-v_1}{v_1\left(t_2-t_1\right)}\)/ °C

→ ద్రవం నిజ వ్యాకోచ గుణకము γr = γa + γపాత్ర
γr = γa + 3α
α = పాత్ర చేయబడిన పదార్థం దైర్ఘ్య వ్యాకోచ గుణకము

→ వాయు ఘనపరిమాణ వ్యాకోచ గుణకము α = \(\frac{\mathrm{v}_{\mathrm{t}}-\mathrm{v}_0}{\mathrm{v}_0 \mathrm{t}}\)/ °C లేదా α = \(\frac{\mathrm{V}_2-\mathrm{V}_1}{\mathrm{~V}_1 \mathrm{t}_2-\mathrm{V}_2 \mathrm{t}_1}\) /°C

→ వాయు పీడన గుణకము β = \(\frac{\mathrm{F}_{\mathrm{t}}-\mathrm{P}_0}{\mathrm{P}_0 \mathrm{t}}\)/°C లేదా β = \(\frac{\mathrm{P}_2-\mathrm{P}_1}{\mathrm{P}_1 \mathrm{t}_2-\mathrm{P}_2 \mathrm{t}_1}\)/°C

→ వాయువులలో ఘనపరిమాణ గుణకము (α) = వాయుపీడన గుణకము (β) = \(\frac{1}{273}\)

→ బాయిల్ నియమం నుండి స్థిర ఉష్ణోగ్రత వద్ద V ∝ \(\frac{1}{p}\) లేదా PV = స్థిరము లేదా P1V1 = P2V2

→ ఛార్లెస్ నియమం ప్రకారం స్థిర పీడనం వద్ద V ∝ Tలేదా \(\frac{V}{T}\) = స్థిరము లేదా \(\frac{V_1}{T_1}=\frac{V_2}{T_2}\)

→ ఛార్లెస్ నియమం ప్రకారము స్థిర ఘనపరిమాణం వద్ద P ∝ T లేదా \(\frac{P}{T}\) = స్థిరము లేదా \(\frac{\mathrm{P}_1}{\mathrm{~T}_1}=\frac{\mathrm{P}_2}{\mathrm{~T}_2}\)

→ ఆదర్శ వాయు సమీకరణము PV = RT (ఒక మోల్ వాయువుకు) PV = μRT (μ మోల్ల వాయువుకు) లేదా
PV = \(\left(\frac{\mathrm{m}}{\mathrm{M}}\right)\)RT

→ వాయు ద్రవ్యరాశి m విలువతో వాయు సమీకరణము PV = mrT ఇక్కడ r = R/M.

→ సార్వత్రిక వాయు స్థిరాంకము R = \(\frac{\mathrm{PV}}{\mathrm{T}}\) = 8.317 J/mole – k

→ ఉష్ణశక్తి ప్రవాహపు రేటు \(\frac{Q}{t}\) A\(\frac{Q}{t}\) లేదా \(\frac{Q}{t}\) = KA\(\frac{Q}{t}\)

→ ఉష్ణవహన గుణకము K = \(\frac{\mathrm{Qd}}{{At}\left(\theta_2-\theta_1\right)}\); Kకి ప్రమాణాలు : వాట్ / మీ కెల్విన్ ; మితిఫార్ములా MLT3θ-1

TS Inter 1st Year Physics Notes Chapter 12 పదార్ధ ఉష్ణ ధర్మాలు

→ వాహకము కొనల మధ్య ఉష్ణోగ్రతా భేదము (θ2 – θ1) = \(\left(\frac{Q}{t}\right) \frac{d}{K A}\) ఇందులో \(\frac{\mathrm{d}}{\mathrm{KA}}\) = R ను ఉష్ణ నిరోధము అంటారు.

→ రెండు కడ్డీలను ఒకదాని చివర మరొకటి అతికి. దాని మొత్తం ఉష్ణ నిరోధము R = (R1 + R2)
∴ R = \(\left[\frac{\mathrm{d}_1}{\mathrm{~K}_1 \mathrm{~A}_1}+\frac{\mathrm{d}_2}{\mathrm{~K}_2 \mathrm{~A}_2}\right]\)
a) ఉష్ణోగ్రతా ప్రవణత \(\frac{\mathrm{d} \theta}{l}=\frac{\left(\theta_2-\theta_1\right)}{l}\)
b) సంధి వద్ద ఉష్ణోగ్రత θ = \(\frac{\mathrm{K}_1 \theta_1 l_2+\mathrm{K}_2 \theta_2 l_1}{\mathrm{~K}_1 l_2+\mathrm{K}_2 l_1}\)

→ ఉష్ణ సంవహనంలో ఉష్ణశక్తి ప్రవహించే రేటు \(\frac{Q}{t}\) = hA Δθ. ఇందులో h = సంవహన గుణకము
A = ప్రవాహి చలించే తలం వైశాల్యము ;
Δθ = (t2 – t1) = తలానికి, ప్రవాహికి మధ్య ఉష్ణోగ్రతా భేదము

→ ఉద్గార సామర్థ్యం eλ = \(\frac{\mathrm{d} \phi}{\mathrm{d} \lambda}\) ఇచ్చిన ఉష్ణోగ్రత వద్ద ఏకాంక తల వైశాల్యం నుండి λ, మరియు λ + dλ, తరంగదైర్ఘ్య అవధులలో ఉద్గారం చేసే శక్తిని వస్తువు ఉద్గార సామర్థ్యంగా నిర్వచించినారు.

→ తరంగదైర్ఘ్య అవధి λ. మరియు λ + dλ. ల మధ్య ఉన్నపుడు శోషణ సామర్థ్యం
TS Inter 1st Year Physics Notes Chapter 12 పదార్ధ ఉష్ణ ధర్మాలు 1

→ వీన్ నియమం నుండి λmax × T = స్థిరాంకము (b);
ఇందులో b = వీన్ స్థిరాంకము = 2.9 × 10-3 mk.

→ స్టిఫాన్ సూత్రం :
a) ఒక కృష్ణ వస్తువు ఉద్గార సామర్థ్యం దాని పరమ ఉష్ణోగ్రత నాలుగవ ఘాతానికి అనులోమానుపాతంలో ఉంటుంది.
∴ ప్రమాణ వైశాల్యం గల కృష్ణ వస్తువు నుండి ప్రమాణకాలంలో ఉద్గారం చెందిన శక్తి P ∝ AT4
b) P = σ AT4. ఇందులో σ = 5.670 × 10-8W/m2-k.
ఇందులో A – వస్తువు ఉపరితల వైశాల్యము.
c) కృష్ణ వస్తువు కాని ఉపరితలాలకు ఉద్గార సామర్థ్యము P = eλσAT4
ఇందులో eλ, వస్తువు ఉద్గారత.
d) T ఉష్ణోగ్రత గల వస్తువును T1, ఉష్ణోగ్రత గల ఆవరణలో ఉంచినపుడు వస్తువు ఫలిత ఉద్గార సామర్థ్యము
P = eσA (T4 – T14)

→ న్యూటన్ శీతలీకరణ నియమం నుండి శక్తి ఉద్గారపు రేటు
\(\frac{\mathrm{dE}}{\mathrm{dt}}\) ∝ (T – Ts) లేదా \(\frac{\mathrm{dE}}{\mathrm{dt}}\) = -b(T – Ts) లేదా శీతలీకరణ రేటు \(\frac{\mathrm{dT}}{\mathrm{dt}}=-\frac{\mathrm{b}}{\mathrm{mc}}\)
ఇందులో T వస్తువు ఉష్ణోగ్రత మరియు Ts పరిసరాల ఉష్ణోగ్రత.

TS Inter 1st Year Hindi Grammar अनुवाद

Telangana TSBIE TS Inter 1st Year Hindi Study Material Grammar अनुवाद Questions and Answers.

TS Inter 1st Year Hindi Grammar अनुवाद

अनुवाद एक महत्वपूर्ण भाषाइ प्रक्रिया है । अनुवाद शब्द अंग्रेजी के ट्रांसलेशन ओर फारसी के तरजुमा का पर्याय है । एक भाषा के कथन का दूसरी भाषा में रुपांतरण अनुवाद कहा जाता है । जिस भाषा से अनुवाद किया जाता है उसे स्त्रोत भाषा कहा जाता है । उदाहरण के लिए यदि हिंदी की किसी पुस्तक का अनुवाद में किया जाए तो हिन्दी स्त्रोत भाषा कहलाएगी / जिस भाषा में अनुवाद किया जाता है। उसे लक्ष्य भाषा कहा जाता है । अंग्रेजी लक्ष्य भाषा कहलाएगी ।
अनुवाद तीन प्रकार से होता है ।

  1. शाब्दिक अनुवाद
  2. भावानुवाद
  3. सारानुवाद

शाब्दिक अनुवाद : स्रोत भाषा के शब्द को लक्ष्य भाषा के शब्द से बदल देना शाब्दिक अनूवाद कहलाता है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा में एक ही प्रकार की शब्दावली हो, और दोनों भाषाओं का व्याकरण, दोनो भाषाओं की अभिव्यक्तितपध्दतियाँ एक ही हों । शब्दानुवाद से भाषा का स्वरुप अटपटा और बोझील हो जाता है ।

भावानुवाद : शब्द भावों के वाहक होते है । वे किसी वस्तु या भाव विशेष को स्पष्ट करने के चिन्ह होते है । इसलिए अनुवाद करते समय शब्द विशेष से ज्यादा उसमें निहित भाव को ध्यान में रखना चाहिए। यह सोचना होगा मूल भाषा में प्रयुक्त आमुक शब्द के स्थान पर लक्ष्य भाषा में कौनसा शब्द प्रयोग मे आ सकता है । भावानुवाद में सरल और स्पष्ट अभिव्यक्ति पर बल दिया जाता है ।

सारानुवाद : सारानुवाद मूल कृति के सार का अनुवाद होता है । आम तौर पर समाचार पत्रो के लिए इस तरह का अनुवाद किया जाता है। मूल सामग्री के आवश्यक और उपयोगी अंश को न छोड़ते हुए दूसरी भाषा में अनुवाद करना सारानुवाद कहलाता है ।

TS Inter 1st Year Hindi Grammar अनुवाद

अनुवाद एक महत्व : నేటి యుగంలో అనువాదపు ప్రాముఖ్యం ఎంతైనా ఉంది అని చెప్పవచ్చు. ప్రపంచంలో జరిగే అనేక సంఘటనలు, పరిశోధనలు మొదలైన వాటి జ్ఞానాన్ని అనువాదం ద్వారానే ప్రచారంలోకి తేవటం సాధ్యమైతుంది. నిజానికి అనువాదమే జ్ఞానరాశి యొక్క ఆదాన ప్రదానాలకు బలమైన హేతువు.

దేశ విదేశాల సాహిత్యం, జ్ఞాన విజ్ఞానం, మతం, సంస్కృతి, తత్వం, ఆచార వ్యవహారాలు, కట్టుబాట్లు మొదలైనవి అన్ని అనువాదం ద్వారానే తెలుసుకోవటం సాధ్యమౌతుంది. ఈ రకంగా అనువాదం రెండు దేశాల, జాతుల, నాగరికతల మధ్య, సేతువు వంటిది అని చెప్పటం నిర్వివాదం. అనువాదం ప్రజల్ని పరస్పరం కలుపుతుంది. జ్ఞానాన్ని, అనుభవాన్ని అభివృద్ధి పరుస్తుంది. అనువాదం ద్వారానే ప్రపంచంలోని మహాగ్రంథాలైన रामायण, महाभारत, उपनिषद, झलियट, ओडेसी, शेक्सपीयर के नाटक, कालिदास के काव्यమొదలైన వాటిని చదివే అవకాశం అన్ని దేశాల అన్ని భాషల ప్రజలకు కలుగుతుంది.

ఉపగ్రహాల నుండి క్షణక్షణం అదే క్రొత్త సమాచారాలను వెనువెంటనే అనువాదం చేసి వివిధ ప్రాంతాల ప్రజలకు వారివారి భాషల్లో అందించటం జరుగుతుంది. ప్రపంచమంతటికీ నూతనమైన వార్తలను, సూచనలను అందించే ఉత్తమమైన సాధనం అనువాదం అని చెప్పవచ్చు.

अभ्यास

अंग्रेजी – हिंदी

1. I read
मैं पढ़ता हूँ । पढ़ती हूँ ।

2. He reads / she reads
वह पढ़ता है। पढ़ती है ।

3. Boys read / Girls read
लड़के पढ़ते है । लड़कियाँ पढ़ती हैं ।

4. India is a country of villages
भारत गाँवों का देश है ।

5. This is the house of Rama.
यह राम का घर है ।

6. I have a pen.
मेरे पास कलम है ।

7. Bring those Books.
उन किताबों को लाओं ।

TS Inter 1st Year Hindi Grammar अनुवाद

8. They are my books.
वे मेरी किताबे हैं ।

9. I do my work myself
मैं अपना काम आप ही करता हूँ ।

10. There is a tree near my house
मेरे घर के पास एक पेड़ है ।

11. It was terribly hot
बहुत गरमी पड़ रही थी ।

12. He can do nothing / he cannot do anything.
वह कुछ नहीं कर सकता ।

13. Which boy took the book.
किस लड़के ने किताब ली ।

14. Does he eat?
क्या वह खाता है ?

15. What does he eat ?
वह क्या खाता है ?

16. Where are you coming from
तुम कहाँ से आ रहे हो ?

17. do the boys know when their examination will be held ?
क्या लड़को को मालुम है कि उनकी परिक्षा कब होगी ?

18. I Prefer cricket to football / I Prefer cricket rather than football
में फुटबाल से क्रिकेट को अधिक पसंद करता हूँ ।

19. I do not play football.
में फुटबाल नहीं खेलता हूँ ।

20. I have read.
में पढ़ चुका हूँ ।

TS Inter 1st Year Hindi Grammar अनुवाद

21. I have read this book.
यह कताब मैने पढ़ी है ।

22. He has helped me
उसने मेरी मदद की है ।

23. Boys went to school.
लड़के स्कूल गये ।

24. When I reach home father was reading newspaper.
जब मैं घर पहुँया, पिताजी अखबार पढ़ रहे थे ।

25. I had been to patna yesterday.
मैं कल पटना गया था ।

26. I shall / will play football.
मैं फुटबाल खेलूँगा ।

27. May I borrow your pen
क्या आप की कलम ले सकता हूँ ।

28. He could not go to his office today.
वह आज अपने ऑफिस नही जा सका ।

29. We should be good citizens
हमें अच्छा नागरिक बनना चाहिए ।

30. I have got my haircut
मैंने अपने बाल कटवायें है ।

31. Study for two hours everyday.
रोज दो घंटे पढा करो ।

32. Don’t go home
घर मत जाओ ।

TS Inter 1st Year Hindi Grammar अनुवाद

33. This is my own book.
यह मेरी अपनी किताब है ।

34. He is angry with me.
वे मुझ पर नाराज है ।

35. Yours books are inside the almirah.
तुम्हारी किताबे अलमारी में हैं।

36. I went to Delhi by plane.
मैं हवाई जहाज से दिल्ली गया ।

37. He decorated his house.
उसने अपने घर को सजाया ।

38. गोपाल, इधर आओ.
Gopal come here

39. कमला उधर जाओ
Kamala, Go there

40. यह रुपया लो ।
Take this rupee

41. आप यहाँ आइए
Please come here

42. तुम वहाँ बेठो ।
You sit there

43. में सबेरे पाँच बजे उठता हुँ ।
I get up at 5’o clock in the morning.

44. I am memorising (learning by heart ) the lesson.
मैं पाठ याद कर रही हूँ ।

TS Inter 1st Year Hindi Grammar अनुवाद

45. He is reading the newspaper.
वे अखबार पढ़ रहे हैं । / वह अखबार पढ़ रहा है ।

46. We shall wear khadi clothes.
हम खादी कपड़े पहनेंगे ।

47. You should getup early in the morning.
तुमको सबेरे जल्दी उठना चाहिए

48. You must walk in the morning.
आपको सबेरे टहलना चाहिए ।

49. He has finished writing a story.
वह कहानी लिख चुका ।

50. The teacher finished teaching all the lessons.
अध्यापक सब पाठ पढ़ा चुके ।

TS Inter 1st Year Physics Notes Chapter 14 అణుచలన సిద్ధాంతం

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TS Inter 1st Year Physics Notes 14th Lesson అణుచలన సిద్ధాంతం

→ అవగాడ్రో నియమము : సమాన ఉష్ణోగ్రతా పీడనాల వద్ద సమాన ఘన పరిమాణం ఉన్న అన్ని వాయువులలో అణువుల సంఖ్య సమానము,

→ స్వేచ్ఛా పథమధ్యమము : వాయువులలో అభిఘాతానికి లోనుగాకుండా అణువులు ప్రయాణించగలిగే సగటు దూరాన్ని స్వేచ్ఛా పధమధ్యమము అంటారు.

→ పరమాణువులు కొద్ది అంగ్జామ్ల దూరంలో ఉన్నపుడు ఆకర్షించుకుంటాయి. ఇంకా దగ్గరకు వస్తే వికర్షించుకుంటాయి.

→ గతిక సమతాస్థితిలో అణువులు అభిఘాతం చెందుతూ, అభిఘాత సమయంలో వాటి వడిని మార్చుకుంటాయి.

→ వాయువులలో P, V మరియు T ల మధ్య సంబంధము PV – KT = μRT

→ వాయు అణువుల సంఖ్య లెక్కలోనికి తీసుకుంటే
\(\frac{\mathrm{P}_1 \mathrm{~V}_1}{\mathrm{~N}_1 \mathrm{~T}_1}=\frac{\mathrm{P}_2 \mathrm{~V}_2}{\mathrm{~N}_2 \mathrm{~T}_2}\) = KB
ఇందులో K. బోల్ట్స్ మన్ స్థిరాంకము. KB = R/NA – 1.38 × 1023 JK-1

→ అణుచలన సిద్ధాంతంలోని ఊహాగానాలు

  • అణువులు నిరంతరం క్రమరహితంగా చలనంలో ఉంటాయి.
  • అణువుల మధ్య అన్యోన్య చర్యను ఉపేక్షించవచ్చు.
  • అణువులు సరళ రేఖలలో స్వేచ్ఛగా చలిస్తాయి.
  • అణువులు నిరంతరం ఒకదానితో ఒకటి ఢీకొనడం వల్ల మరియు పాత్ర గోడలతో ఢీకొనడం వల్ల వాటి దిశలను వేగాలను మార్చుకుంటాయి.
  • వాయు అణువుల మధ్య అభిఘాతాలు స్థితిస్థాపక అభిఘాతాలు.

→ ఆదర్శ వాయు పీడనము : అణుచలన సిద్ధాంత ప్రకారము ఆదర్శవాయు పీడనము, P = \(\frac{1}{3}\)nmv2

→ వాయువులలో ఒక్కొక్క స్వతంత్ర చలన దిశకు గతిజశక్తి KE = \(\frac{1}{2}\)KBT

స్వతంత్ర చలన దిశలు లేదా స్వతంత్ర చలన పరిమితులు :
→ ఒక సరళ రేఖపై చలించే అణువుకు ఒక స్వతంత్ర పరిమితి ఉంటుంది.

→ ఒక తలంలో చలించే అణువుకు రెండు స్వతంత్ర పరిమితులు ఉంటాయి.

→ అంతరాళంలో చలించే అణువుకు మూడు స్వతంత్ర పరిమితులు ఉంటాయి.

TS Inter 1st Year Physics Notes Chapter 14 అణుచలన సిద్ధాంతం

→ ఏకపరమాణుక అణువు (హీలియం, ఆర్గాన్ వంటివి) కు స్వతంత్ర పరిమితులు మూడు.

→ ద్విపరమాణుక వాయువులకు మూడు స్థానాంతరణ స్వతంత్ర పరిమితులు, రెండు భ్రమణ పరిమితులు మొత్తం ఐదు స్వతంత్ర పరిమితులు ఉంటాయి.

→ బహు పరమాణుక అణువులకు మూడు స్థానాంతరణ, మూడు భ్రమణ స్వతంత్ర పరిమితులు మరియు కనీసం ఒక్కటి లేదా అంతకన్న ఎక్కువ కంపన పరిమితులు ఉంటాయి.

→ విశిష్టోష్టముల నిష్పత్తి: వాయువులలో స్థిర పీడన విశిష్టోష్టము Cp, మరియు స్థిర ఘనపరిమాణ విశిష్టోష్ణము Cvల నిష్పత్తిని విశిష్టోష్టముల నిష్పత్తి ‘γ’ అంటారు. γ = Cp/Cv

→ ఏకపరమాణుక వాయువులకు γ = 5/3 = 1.67
ద్విపరమాణుక వాయువులకు γ = 7/5 = 1.4
త్రిపరమాణుక లేదా బహుళ పరమాణుక వాయువులకు r = 1.33.

→ పీడనం (P), ఘనపరిమాణం (V), పరమ ఉష్ణోగ్రత (T) లను కలిపే ఆదర్శ వాయు సమీకరణం PV = μRT = KBNT
ఇచ్చట మోల్ల సంఖ్య, N అణువుల సంఖ్య, R మరియు KB లు సార్వత్రిక స్థిరాంకాలు.
R = 8.314 J mol-1K-1; KB = \(\frac{\mathrm{R}}{\mathrm{N}_{\mathrm{A}}}\) = 1.38 × 10-23JK-1

→ ఆదర్శ వాయువుకు అణుచలన సిద్ధాంతము ప్రకారము,
P = \(\frac{1}{3}\)nmv2
ఇచ్చట n అణువుల సంఖ్యా సాంద్రత, m అణువు ద్రవ్యరాశి, v2 సగటు వడి వర్గం

→ ఉష్ణోగ్రతకు గతిక వివరణ, \(\frac{1}{3}\)mv = \(\frac{3}{2}\)KBT
vrms = (v2)\(\frac{1}{2}\) = \(\sqrt{\frac{3 \mathrm{~K}_{\mathrm{B}} \mathrm{T}}{\mathrm{m}}}\)

→ స్థానాంతరణ గతిజశక్తి, E = \(\frac{3}{2}\)KBNT

→ స్వేచ్ఛా పథమధ్యమం, l = \(\frac{1}{\sqrt{2} \mathrm{n} \pi \mathrm{d}^2}\) ఇచ్చట n సంఖ్యా సాంద్రత, d అణువు వ్యాసం

→ “T” ఉష్ణోగ్రత వద్ద ఒక వాయువులోని అణువుల సగటు వర్గ మధ్యమ మూల వడి (rms), Crms = \(\sqrt{\frac{3 R T}{M}}\) ఇచ్చట ‘M’ అణువుల ద్రవ్యరాశి.

→ ఒక వాయువులోని ‘n’ అణువులు వరుసగా C1, C2, C3…………… Cn వడులు కలిగి ఉన్న, ఆ వాయు అణువుల (rms) వడి,
Crms = \(\sqrt{\frac{c_1^2+c_2^2+c_3^2+\ldots \ldots \ldots \ldots+c_n^2}{n}}\)

TS Inter 1st Year Physics Notes Chapter 14 అణుచలన సిద్ధాంతం

→ ఒక వాయువుకు ‘f’ స్వతంత్ర పరిమితులు ఉంటే, Cp, Cv, ల నిష్పత్తి, γ = \(\) = 1 + \(\)

→ ఒక వాయువు యొక్క అణువుల rms వడికి, వాయువు పరమ ఉష్ణోగ్రతకు సంబంధం, c ∝ √T

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 9 Source of Business Finance

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TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 9 Source of Business Finance

→ Equity Shares: Equity shares represent the ownership of a company and thus the capital raised by issue of such shares is known as ownership capital or owner’s funds.

→ Preference Shares: The capital raised by issue of preference shares is called preference share capital. The preference shareholders enjoy a preferential position over equity shareholders.

→ Retained Earnings: A portion of the net earnings may be retained in the business for use in the future. This is known as retained earnings.

→ Debentures: A debenture is a form of bond or long-term loan which is issued by the company. The debenture typically carries a fixed rate of interest over the course of the loan.

→ Public Deposits: Public deposits refer to the unsecured deposits invited by companies from the public.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 9 Source of Business Finance

→ Commercial Banks: Commercial banks occupy a vital position as they provide funds for different purposes as well as for different time periods.

→ Lease Financing: A lease is a contractual agreement whereby one party i.e., the owner of an asset grants the other party the right to use the asset in return for a periodic payment.

→ Over Draft: An overdraft is an extension of credit from a lending institution when an account reaches zero.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 9 వ్యాపార విత్తం – మూలాధారాలు

→ కాలవ్యవధి ఆధారముగా నిధులు మూడు రకాలు i) దీర్ఘ కాలిక విత్తము ii) మధ్యకాలిక విత్తము iii) స్వల్పకాలిక విత్తము.

→ ఈక్విటీ వాటాలు, ఆధిక్యపు వాటాలు, డిబెంచర్లు నిలిపి ఉంచిన ఆర్జనలు దీర్ఘకాలిక నిధులకు ఆధారాలు.

→ వాణిజ్య బ్యాంకుల నుంచి ఋణాలు, పబ్లిక్ డిపాజిట్లు, కాలద్రవ్యము మధ్యకాలిక నిధులకు ఆధారము.

→ స్వల్పకాలిక నిధులు అంటే ఒక ఖాతా సంవత్సరము మించని కాలవ్యవధిగల నిధులు. వీటిలో వర్తక ఋణం, వాయిదా పరపతి, ఖాతాదారుల నుంచి అడ్వాన్సులు, బ్యాంకు పరపతి వాణిజ్య పత్రాలు మొదలైనవి ఉంటాయి.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 9 Source of Business Finance

→ కేంద్ర, రాష్ట్ర ప్రభుత్వాలు మొత్తం మీద పారిశ్రామిక సంస్థలకు ఆర్థిక సహాయం చేయడం కోసం అనేక ఆర్థిక సంస్థలను స్థాపించినది. వీటినే అభివృద్ధి బ్యాంకులు అంటారు.

→ వ్యాపార సంస్థల విస్తరణ, పునఃనిర్మాణము, ఆధునీకరణకు అవసరమైన భారీ నిధులు పొందడానికి ఈ సంస్థలు ఎంతో అనువైనవి.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 8 Business Finance

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TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 8 Business Finance

→ Business Finance is concerned with the acquisition and conservation of funds to meet the financial needs of a concern.

→ Depending upon the nature and purpose, business finance is classified into fixed capital and working capital.

→ Fixed capital is raised to acquire fixed assets such as land and buildings, plant and machinery etc.

→ The capital raised to meet the day-to-day requirements such as the purchase of raw materials, payment of wages etc., is called working capital.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 8 Business Finance

→ Sources of funds may be classified on the basis of the period, on the basis of ownership and on the basis of generation.

→ On the basis of the period, sources of funds are classified into long-term finance, medium-term finance, and short-term finance. .

→ On the basis of ownership, sources of funds are classified into owners’ funds and borrowed funds.

→ On the basis of generation, sources of funds are classified into internal sources of funds and external sources of funds.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 8 వ్యాపార విత్తం

→ వ్యాపార సంస్థను స్థాపించి, దానిని కొనసాగించడానికి అవసరమైన విత్తాన్ని వ్యాపార విత్తము అంటారు.

→ ఒక వ్యాపార సంస్థ స్థిరాస్తుల కొనుగోలు, (స్థిర మూలధనం) రోజువారీ కార్యకలాపాల నిర్వహణకు, (నిర్వహణ మూలధనం) వ్యాపార విస్తరణకు, అభివృద్ధికి నిధులు కావలెను.

→ సంస్థకు వివిధ మూలాధారాలను మూడు ప్రధాన ప్రాతిపదికలుగా విభజించవచ్చు.

  1. కాల వ్యవధి (దీర్ఘకాలిక, మధ్య కాలిక, స్వల్పకాలిక)
  2. యాజమాన్యము (యాజమాన్య నిధులు, ఋణపూర్వక నిధులు)
  3. విత్త వనరులు ఉత్పన్నమయ్యే మూలాలనాధారముగా (అంతర్గత, బహిర్గత)

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 8 Business Finance

→ ఒక వ్యాపార సంస్థ తన ధ్యేయాలను సాధించడానికి వివిధ విత్త మూలాధారాలను సమర్థవంతంగా విశ్లేషించి ఎంపిక చేయాలి. వీటి ఎంపికకు ప్రభావాన్ని చూపే కారకాలు – వ్యయం, ఆర్థిక పటిష్టత, నష్టభయము, పన్ను ఆదాలు మొదలైనవి. ఈ కారకాలను విశ్లేషించి, సంస్థకు అనువైన విత్త మూలాధారాన్ని ఎంపిక చేయవలెను.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 7 Commencement of Business

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TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 7 Commencement of Business

→ For the formation of any company, it is must to prepare important documents like a Memorandum of Association, Articles of Association, Prospectus, and other documents.

→ The Memorandum of Association is the constitution and character of the company. It defines the scope of the company’s activities as well as its relation with the outside world.

→ The contents of MOA are known as clauses. The clauses of MOA are name clause, situation clause, objects clause, liability clause, capital clause, and association clause.

→ The rules and regulations framed for the informal management of the company, which are set out in a document is called as “Articles of Association”. It must be printed, divided into paragraphs, numbered consecutively stamped and signed by each subscriber to MoA.

→ Prospectus is an invitation to the public to subscribe to the shares and debentures of the public company. A private company cannot issue a prospectus to secure its capital.

TS Inter 1st Year Commerce Notes Chapter 7 Commencement of Business

→ If there are any misstatements or misrepresentations in the prospectus, it gives rise to impose civil or criminal liability on : a) The company b) the Promoters and Directors c) Expert who drafted the prospectus.

→ In case a public company raises its capital through some other means (privately) there is no need to issue a prospectus, but a “Statement in lieu of prospectus” must be filed with the Registrar at least 3 days before the first allotment of shares.

→ The minimum amount of capital to be collected out of the total issue by a public company before its allotment of shares is known as “Minimum Subscription”.

→ A public company cannot commence its business unless it receives a “Certificate of Commencement of Business”. This certificate is not compulsory for a private companies.