Telangana TSBIE TS Inter 1st Year Hindi Study Material 3rd Lesson अधिकार का रक्षक Textbook Questions and Answers.
TS Inter 1st Year Hindi Study Material 3rd Lesson अधिकार का रक्षक
दीर्घ समाधान प्रश्न
प्रश्न 1.
उपेंद्रनाथ ‘अश्क’ का संक्षिप्त परिचय लिखिए ?
उत्तर:
उपेंद्रनाथ जी का जन्म 14 दिसंबर 1910 को जालंधर में हुआ 1 आपने लाहौर से कानून की परीक्षा उत्तीर्ण की। बाद में, स्कूल में अध्यापक हो गए । 1933 में साप्ताहिक ‘भूचाल’ का प्रकाशन आरंभ किया । अश्क जी को अध्यापन, पत्रकारिता, वकालत, रंगमंच, रेडियो, प्रकाशन और स्वतंत्र लेखन का व्यापक अनुभव था । 1936 में पहली पत्नी का निधन हो गया व 1941 में कौशल्याजी से दूसरा विवाह किया ।
उर्दू में ‘जुदाई की शाम का गीत’, ‘नवरत्न’, व ‘औरत की फितरत’ संग्रह प्रकाशित हुए हैं।
अश्कजी ने आठ नाटक, अनेक एकांकी, सात उपन्यास, सौ से भी अधिक कहानियाँ, अनेक संस्मरण लिखे ।
आपके उपन्यास ‘सितारों के खेल’, ‘गिरती दीवारे’, ‘गर्म राख’, ‘पत्थर अल पत्थर’, ‘शहर में घूमता आईना’, ‘एक नन्ही कंदील’, ‘बड़ी-बड़ी आँखे’ चर्चित रहे ।
प्रश्न 2.
‘अधिकार का रक्षक’ नामक एकांकी के मुख्य पात्र सेठ जी के बारे में संक्षिप्त में लिखिए ?
उत्तर:
अधिकार का रक्षक नामक एकांकी के मुख्य पात्र सेठजी है। सेठ जी प्रांतीय असेंबली के उम्मीदवार हैं। सेठजी जो कुछ भी कहते हैं वह कभी नहीं करते । लोगों से कहते हुए बात अपना जीवन में आचरण नही करते हैं । बच्चों के संबन्ध में कहते है कि बच्चो को प्रेम से देखना चाहिए लेकिन अपने बच्चे को ही दंड देता है । प्रेम से बच्चों के साथ व्यवहार करने की सलाह देता है । खुद अपने बच्चों को मारते हैं।
मजदूरों और गरीबों की सहायता करने की बात करते हैं । फिर भी अपना घर में काम करने वाली रसोइया और साफ करने वाली दो महिलाओं को पैसे देने के बिना धकेलता है । खुद सेठजी नौकरों पर हुए अत्याचार के विरुद्ध नौकर यूनियन स्थापित की है । ” असेंबली में जाते ही मजदूरों की अवस्था सुधारने का प्रयास करूँगा ” – इस तरह वायदे करते हैं। सेठजी श्रीमती सेठजी से बुरी तरह व्यवहार करते हैं । जब सरला जी फोन करती है तो महिलाओं के पक्ष लड़ने के लिए वादा करते हैं ।
चुनाव में जीतने के लिए और शासक को अपने हाथों में लेने के लिए सेठजी जैसे लोग अनेक प्रकार के व्यूह रचते हैं। नेताओं में बहुत से लोग योग्य नहीं हैं। इसीलिए जनता सोच समझकर अपनी कीमती वोट सही नेता को देना चाहिए ।
एक शब्द में उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
सेठजी का व्यवहार कैसा है ?
उत्तर:
धोखेबाज़ ।
प्रश्न 2.
सेठजी के बेटे का नाम क्या है ?
उत्तर:
बलराम ।
प्रश्न 3.
सेठजी के रसोइये का नाम क्या है ?
उत्तर:
भगवती ।
प्रश्न 4.
संपादक सेठजी से क्या निवेदन करता है ?
उत्तर:
मेरे स्वास्थ्य इजाज़त नही देता और सहायक संपादक का प्रबंध कर दे ।
संदर्भ सहित व्याख्याएँ
प्रश्न 1.
मैं कह रहा था कि पूरे प्रांत में मैं ही ऐसा व्यक्ति हूँ जिसने पाठशालाओं में शारीरिक दंड तत्काल बंद करने पर ज़ोर दिया
है ।
उत्तर:
संदर्भ : यह वाक्य ‘अधिकार का रक्षक’ नामक पाठ से दिया गया है । यह पाठ एकांकी है । इसके लेखक ‘उपेंद्रनाथ अश्क’ जी हैं । 1932 में मुंशी प्रेमचंद की सलाह पर हिंदी में कहानियाँ लिखना शुरु किया । ” औरत का फितरत” आपकी कहानी संग्रह है। उन्होंने फिल्मों की कहानियाँ, पटकथाएँ, संवाद और गीत लिखे । प्रस्तुत एकांकी में नेतगण के बारे में कहा । यह एक व्यंग्यात्मक एकांकी है ।
व्याख्या : एकांकी में मुख्य पात्र सेठ जी है। सेठ प्रांतीय असेंबली के उम्मीदवार है । सेठ चुनाव के समय होने के कारण सबसे विनम्र से बातें कर रहे हैं। मंत्रीजी सेठ को फोन करके बातें करते समय सेठजी मंत्रीजी से उपरियुक्त वाक्य कहते हैं। सेठजी सब इलाकों में पाठशालाओं में शारीरिक दंड तत्काल बंद करने पर जोर दिया है। बच्चों को स्कूलों में शारीरिक दंड देना मना किया । अगर किसी बच्चे को दंड दिया तो शिक्षक को नौकरी से निकाल देंगे या जेल भिजवाना पडेगा । बच्चों के लालन पालन में परिवर्तन लाने केलिए बहुत जोर से बातें करते हैं। बच्चों पर बात बात पर डाँट-फटकार कर रहे हैं। इसे बदलना पडेगा ।
विशेषताएँ : बच्चों को शारीरिक दंड देना सरकार ने मना किया । इस तरह सोचकर लाड़प्यार देंगे तो बच्चे बिगड़ भी जायेंगे। बच्चों को सही – गलत का ज्ञान करवाना हमारी जिम्मेदारी हैं ।
प्रश्न 2.
मैं कहती हूँ, आप बच्चों से प्यार करना कब सीखेंगे ? जब देखो, पीटते रहते हो । देखो तो सही, गाल पर उँगलियों के निशान पड़ गए हैं ।
उत्तर:
संदर्भ : यह वाक्य ‘अधिकार का रक्षक’ नामक पाठ से दिया गया है । यह पाठ एकांकी है । इसके लेखक ‘उपेंद्रनाथ अश्क’ जी हैं । 1932 में मुंशी प्रेमचंद की सलाह पर हिंदी में कहानियाँ लिखना शुरु किया । “औरत का फितरत ” आपकी कहानी संग्रह है । उन्होंने फिल्मों में कहानियाँ, फटकथाएँ, संवाद और गीत लिखे । प्रस्तुत एकांकी में नेता गण के बारे में लिखे । यह एक व्यंग्यात्मक एकांकी है ।
व्याख्या : एकांकी में मुख्य पात्र सेठजी है। सेठ प्रांतीय असेंबली के उम्मीदवार है। मंत्रीजी से फोन में बातें करते समय सेठ जी के छोटे बेटे बलराम कमरे के अंदर आकर पिताजी से कुछ बोलना चाहता है । लेकिन सेठ बलराम की थप्पड देकर नौकर रामलखन के साथ बाहर भेज देता है ! बलराम रोते हुए श्रीमती सेठ के पास जाता है ।
पिताजी पर माँ को शिकायत करता है । तब श्रीमती सेठ अंदर आकर ऊपरियुक्त प्रसंग सेठजी से करती है। बच्चों के मन कोमल होता है। बच्चों से इस तरह बरताव करना छोडिए । प्यार से अपने पास बुलाकर समझायोंगे तो समझ जायेगा । गाल पर उंगलियों की निशान भी पड़ गए है । दुबारा ऐसा नही करना । (पति) सेठजी बातें सुनकर पत्नी को धकेलते हुए बाहर निकालता है । सेठ कोध से पागल हो जाता है ।
विशेषताएँ : माँ बाप बच्चों को अनुशासन के साथ अच्छे बुरे की पहचान करवानी चाहिए। कभी कभी प्रेम व स्नेह ही सबसे अच्छी चीज़ होती जो अपने बच्चों को दे सकते हैं ।
अधिकार का रक्षक Summary in Hindi
लेखक परिचय
उपेंद्रनाथ ‘अश्क’ का जन्म जालन्धर, पंजाब में हुआ । जालन्धर में प्रारम्भिक शिक्षा लेते समय 11 वर्ष की आयु से ही वे पंजाबी में पुकबंदियाँ करने लगे थे । कला स्नातक होने के बाद उन्होंने अध्यायन का कार्य शुरु किया तथा विधि की परीक्षा विशेष योग्यता के साथ पास की । ‘अश्क’ जी ने अपना साहित्यिक जीवन उर्दू लेखक के रूप में शुरु किया था ।
सन् 1932 मुंशी प्रेमचंद की सलाह पर उन्होंने हिंदी में लिखना आरम्भ किया । सन् 1933 में उनका दूसरा कहानी संग्रह ‘औरत की फितरत’ प्रकाशित हुआ जिसकी भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने लिखी । उनका पहला काव्य संग्रह ‘प्रातः प्रदीप’ सन् 1938 में प्रकाशित हुआ I बम्बई प्रवास में उन्होंने फिल्मों की कहानियाँ, पटकथाएँ, संवाद और गीत लिखे, तीन फिल्मों में काम भी किया । किन्तु चमक-दमक वाली जिन्दगी उन्हें रास नहीं आई । उनको 1972 के ‘सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया ।
सन् 1996 में उपेंद्रनाथ ‘अश्क’ चिर निद्रा में लीन हो गए ।
उपेंद्रनाथ अश्क ने ‘गिरती दीवारें’ ‘शहर में घूमता आईना’, ‘गर्म राख’, ‘सितारों के खेल’ जैसे प्रसिद्ध उपन्यास लिखे । कहानी संग्रहों में ‘सत्तर श्रेष्ठं कहानियां’, ‘जुदाई की शाम के गीत’, ‘काले साहब’, ‘पिंजरा’, ‘आड़’ प्रसिद्ध हैं ।
‘लौटना हुआ दिन’, ‘बड़े खिलाडी’, ‘जय-पराजय’ ‘स्वर्ग की झलक’, ‘भँवर’ चर्चित नाटक हैं । एकांकी संग्रहों में ‘अन्धी गली’, ‘मुखडा बदल गया’, ‘चारवाहे’ प्रसिद्ध हैं ।
‘एक दिन आकाश ने कहा’, ‘प्रातः प्रदीप’, ‘दीप जलेगा’, ‘बरगद की बेटी’ उनकी काव्य रचनाएँ हैं । संस्मरणों में ‘मण्टो मेरा दुश्मन’, ‘फिल्मी जीवन की झलकियाँ और आलोचनात्मक ग्रंथों में ‘अत्वेषण की सहयात्रा’, ‘हिंदी कहानी एक अन्तरंग परिचय’ सराहनीय हैं ।
प्रस्तुत पाठ ‘अधिकार का रक्षक’ एक एकांकी है। इसके लेखक ‘उपेंद्रनाथ अश्क’ जी है। ‘अश्क’ जी कहानियाँ, पट कथाएँ, संवाद और गीत लिखे। आप को 1972 के ‘सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया । प्रस्तुत एकांकी में चुनाव में लड़ने वाले एक नेता के बारे में कहा । नेता लोग अधिकार पाने के पहले क्या क्या करेंगे । अधिकार पाने के बाद क्या करेंगे । व्यंग्यात्मक एकांकी है ।
सारांश
एकांकी का प्रारंभ और अंत सेठजी से होता है। सेठजी असेंबली के उम्मीदवार है । प्रातः काल का समय है। सेठ साहब अपना ड्राइंग रूम में बैठे हुए हैं। सेठ अपनी जीत के लिए बडी सी बड़ी कोशिश कर रहा है । कल एक जलसा रखा था । जलसे में मंत्री जी आये । मंत्री सेठजी के बारे में भाषण दिया । वही मंत्री अभी सेठजी को फोन करते है । सेठजी, मंत्रीजी से कोन मे बात कर रहे हैं । “मंत्रीजी कल आप मेरे पक्ष में भाषप दिये । सब लोग आपकी बातें सुनकर मुझे वोट देने को तैयार हो गए है’ ” आप को बहुत धन्यवाद ।
सेठजी मंत्रीजी से कहते है कि मै गरीबों का उद्धार करने के लिए तैयार हूँ । अपना सारा जीवन गरीबों की सेवा में लगा दिया । इतना ही नहीं बच्चों के लिए भी बहुत कुछ करने तैयार हूँ । हमारे प्रांत में मै ही ऐसा व्यक्ति हूँ जिसने पाठशालाओं में शारीरिक दंड तत्काल बंद करने पर जोर दिया । बच्चों की लालन-पालन, शिक्षा सब कितनी पुरानी पद्धति का है ।
बात-बात पर डाँट फटकार कर रहे हैं। मै (सेठजी) सबकुछ बदलना चाहता हूँ। जब मंत्रीजी से फोन में बातें करते समय सेठजी के छोटे बेटे आकर कुछ बोलने का प्रयास करता है । सेठजी टेलीफोन का चोंगा मेज पर रखकर बच्चे को थप्पड़ लगाते हैं । सेठजी अपना नौकर रामलखन को आवाज़ लगाते है । भागता हुआ नौकर आता है । छोटे बाबु बलराम को यहाँ से लेजाओ । मै मंत्री से बात कर रहा हूँ । यहाँ आकर नालायक शोर मचा रहा है। रामलखन लड़के का हाथ पकड़कर बाहर ले आता है ।
‘टेलीफोन’ में बातें बच्चों के बारे में कहते हैं। शारीरिक दंड तत्काल बंद करवाना चाहता है । लेकिन अपने बच्चे को इधर मारता है” । बाद में टेलीफोन में बातें करना खतम हो जाता है। रामलखन अंदर आकर सेठजी से कहता है कि – सफाई करने वाली अपनी मजदूरी माँग रही है । उसी समय रसोइया भी आकर पैसे माँगती है । सेठजी कहते हैं कि “बाद में पैसा दूँगा । अब तुम दोनों बाहर जाओं” । तब रसोइया भगवती पूछती है कि “मै अपने बच्चों को कहाँ से खिलाऊँ” । कृपा करके मज़दूरी दीजिए । क्रोध से सेठजी कहते है जाओ, यहाँ से जाओ अगले महीने दूँगा । लेकिन मजदूरी लेने के बिना भगवती वहाँ से जाना नही चाहती । सेठ उस की मुँह पर दो रुपये फेंकते है । दी रुपये लेने से इनकर करती है । सेठ भगवती को पीटते हुए बाहर धकेलता है । रामलखन अखबार लाता है ।
मंत्री (होज़री यूनियन) सेठजी को फोन करता है । सेठ “मंत्री जी से नमस्कार कहकर कहते है कि मै आपका अत्यंत आभारी हूँ” । मै ( सेठजी) असेंबली में जाते ही मजदूरों की अवस्था सुधारने का प्रयास करूँगा । “मजदूरों की माँग पूरी करवाऊँगा । काम के घंटे तय होंगे और तनख्वाह भी समय पर देने का और दिलवाने का प्रयास करूँगा । “धन्यवाद कहकर टेलीफोन मेज़ पर रखता है ।
सेठ अभी मज़दूरी न देकर रामदेई और भगवती को भेज़ देता है। लेकिन फोन में कैसे कैसे बातें किया। बोलते कुछ और करते कुछ ।
दरवाजा खुलता है । दुबले – पतले, आँखो पर चश्मा लगाए संपादक भीतर आते हैं । सेठ समाचार पत्र देख रहा है । संपादक सेठजी से यह बात कहता है कि – “मेरी आँखे बहुत खराब हो रही हैं”। रात को रोज़ दो-तीन बज जाता लेकिन काम पूरा नही हो रहा है । कृपा : करके सहायक संपादक का प्रबंध कीजिए । सेठजी कहते है कि – “पाँच रुपए तनख्वाह बढ़ा दूँगा । पूरा काम आप को ही संभालना होगा” । संपादक कहता है कि स्वास्थ्य इजाज़त नहीं देता । सेठ बोलते है कि काम छोडना चाहे तो छोडो । नया संपादक आयेगा ।
रामलखन भीतर आकर सेठजी से कहता है कि आप से मिलने विश्वविद्यालय से लड़के आये, आप चाहे तो अंदर भेज दूँ । सेठजी अंदर भेजने के लिए कहते है । लडकों अंदर प्रवेश करते हैं, सेठजी से नमस्ते कहते हैं और सब छात्र आप को ही वोट देने के लिए सोच रहे हैं । सेठजी बहुत संतुष्ट हो जाते है। उन दो लड़कों में एक लड़का सेठजी से कहता है कि प्रिंसिपल को हम हटाने चाहते हैं क्यों कि वे बहुत अनुशासनप्रिय और कठोर स्वभाव के हैं। सेठजी लड़कों को संपादक के पास जाकर बयान देने को कहते हैं । लड़के बयान देकर चले जाते हैं । संपादक सेठजी बोलते हैं कि प्रिंसिपल को हटाना इस समय ठीक नही है । चुनाव हो जाने के बाद सोचेंगे ।
श्रीमती सेठ दरवाजे धक्का मारते अंदर आकर पूछती है कि बच्चे को देखो । गाल पर उँगलियों के निशान पड़ गए है। ऐसा मारते क्या ? सेठ जवाब नही देता और सेठानी को बाहर जाने की आज्ञा देता है ।
श्रीमती सेठ कहती हैं कि तुम बाप नही, दुश्मन हैं। अपने बच्चों को देखना नही आता लेकिन दूसरों के बच्चों से प्रेम करेंगे। मै अभी मायके जाऊँगी कहकर कमरे से बाहर रोती हुई आती है । तेज़ी से बच्चे को लेकर जाती है । दरवाज़ा ज़ोर से बंद होता है। फ़ोन फिर बजता है । श्रीमती सरला देवी जी से मधुर स्वर में सेठ बातें करना शुरु करता है । सेठजी सरला जी से पूछते है कि – “महिला समाज मुझे वोट देने के लिए तैयार है क्या ? मै कुछ आशा रखूँ क्या ?” “आप विश्वास रखे, महिलाओं के हितों की मै पूरी रक्षा करूँगा। महिलाओं के अधिकारों के लिए लडूंगा । मुझ से बढ़िया रक्षक आपको वर्तमान उम्मीदवारों में और कोई न मिलेगा “। इस से एकांकी समाप्त हो जाती है ।
सेटजी अभी अपनी पत्नी को धकेलता है; ज़रा भी इज्जत नही देता लेकिन महिलाओं के लिए कुछ भी करने का तैयार हो रहा है” । वायदेपर वायदे करते हैं कि हम यह करेंगे और वह करेंगे । यही चुनाव के समय नेताओं के वोट माँगने का विधान है ।
विशेषताएँ :
- नेता गण चुनाव के समय अनेक प्रकार के व्यूह रचते हैं ।
- जनता के साथ चुनाव के समय विनम्र से बातें करते हैं ।
- जगह-जगह पर नेता लोग अपनी विशिष्ट पोशाक पहनकर वोट की भिक्षा माँगते फिरते हैं ।
- इस एकांकी में सेठजी के चरित्र से हमें पता चलता है कि नेता कहते कुछ और करते कुछ । कभी उन पर यकीन न करना
- नेताओं में बहुत से लोग योग्य नही हैं ।
अधिकार का रक्षक Summary in Telugu
సారాంశము
ఈ పాఠం ఒక ఏకాంకిక. (ఏకాంకిక లేదా లఘు నాటికలో తక్కువ పాత్రలు తక్కువ దృశ్యాలతోనే ఒకే రంగస్థల నేపథ్యంలో కథాగమనం సాగుతుంది). నాటకం పెద్దది పైగా అనేక దృశ్యాలు అనేక నేపథ్యాలు ఉండవచ్చు. ఈ ఏకాంకిక వ్రాసింది ఉపేంద్రనాథ్ అశ్క గారు. అశ్క గారు కథలు, నాటకాలు, సినీరంగానికి పాటలు వ్రాసినటువంటి వ్యక్తి. 1972లో సోవియత్ లైండ్ నెహ్రూ పురస్కారంతో సన్మానించిరి. ప్రస్తుతం ఈ నాటకంలో ఎన్నికల సమయంలో రాజకీయ నాయకులు ఎలా ఉంటారు. అధికారం పొందిన తరువాత ఎలా ఉంటారు అనే విషయం గురించి వ్యంగ్యాత్మకంగా వ్రాసిరి.
నాటకం ప్రారంభం మరియు అంతం ఒక సేతో ఉంటుంది. సేర్ అసెంబ్లీ ఎన్నికలలో పోటీ చేసే ఒక అభ్యర్ధి. నాటకం సమయం ఉదయం. సేఠ్ తన డ్రాయింగ్ రూములో కూర్చుని ఉన్నారు. తను ఎన్నికలలో ఎలా గెలుపు పొందాలి అని వ్యూహరచనలు చేసుకుంటున్నాడు. ఫోన్ మ్రోగుతుంది.
ఫోనులో మంత్రిగారు సేర్ని ఉద్దేశించి నిన్న సభ గురించి నీ అభిప్రాయం చెప్పమంటారు. నిన్న సేఠ్ ఒక పార్టీ (వేడుక) మీటింగ్ పెట్టగా మంత్రిగారు సేఠ్ గురించి గొప్పగా చెబుతారు. తమరి ఉపన్యాసం విన్న వారందరూ నాకు ఓటు వేయడానికి సిద్ధముగా ఉన్నారని సేఠ్ మంత్రితో చెబుతాడు. తమరికి నా ధన్యవాదములు.
సేఠ్ మంత్రితో ఇలా చెబుతున్నాడు. నేను పేదలకోసం, వారి శ్రేయస్సు కోసం కష్టపడేవాడిని. అంతేకాక పిల్లల గురించి చాలా మార్పులు తేవాలని అనుకుంటున్నాను. మా ప్రాంతంలో ఏ పాఠశాలలో కూడా పిల్లలపై చెయ్యి వేయరాదని తీర్మానం చేశాను. ఎవ్వరు పిల్లలను మానసికంగా దండించకూడదని చెప్పాను. మన పిల్లల పెంపకంలో చాలా మార్పులు తేవాలి.
అందరూ పాత పద్ధతులను అవలంభిస్తున్నారు అని మాట్లాడుతూ ఉండగా సేర్ చిన్న కొడుకు లోపలికి వచ్చి తండ్రితో ఏదో చెప్పబోతుండగా తండ్రి అనగా షేర్ గట్టిగా ఒక దెబ్బవేసి పనివాడైన రామలఖనన్ను పిలిచి బయటకి పంపివేస్తాడు. ఫోనులో పిల్లలకు దండన విధించరాదని పలికే సేఠ్ తన కొడుకుని స్వయంగా కొడతాడు. తర్వాత ఫోనులో మంత్రితో సంభాషణ పూర్తి అవుతుంది.
పనివారు, వంటవారు అనగా భగవతి మరియు రామవి సేఠ్ వద్దకు వచ్చి తమ జీతం ఇవ్వమనగా వచ్చే నెలలో తీసుకోమని అరుస్తూ సమాధానం చెబుతాడు. భగవతి తనకు, తన పిల్లలకు తినడానికి డబ్బు లేదు దయచేసి ఇవ్వండి అని అడుగగా రెండు రూపాయలు ముఖాన కొట్టి పో అని గద్దిస్తాడు. భగవతి ఆ డబ్బు తీసుకోడానికి అంగీకరించదు. గట్టిగా మెడపట్టి ఆ స్త్రీని సేఠ్ బయటకు తోసేస్తాడు. రామలఖన్ని పలిచి మరల లోపలికి పంపకు అని చెబుతాడు.
మరలా ఫోన్ మ్రోగుతుంది. ఈ సారి హోజరి యూనియన్ మంత్రి ఫోనులో సేత్తో మాట్లాడుతున్నాడు. నేను ఎల్లప్పుడు ఋణబద్ధుడను దయచేసి నన్ను ఎందుకు జ్ఞాపకం చేసుకున్నారో తెలపవలసిందిగా కోరతాడు. మంత్రితో కార్మికుల కష్టాలు, వేతనాలు గురించి అసెంబ్లీలో పోరాడతానని చెబుతాడు. అంతకు ముందే ఇంటి పనివారికి జీతం ఇవ్వకుండా కొట్టిన వ్యక్తి ఎలాంటి మాటలు చెబుతున్నాడు. ధన్యవాలు తెలిపి ఫోను పెట్టేస్తాడు.
గది తలుపులు తీసుకొని తన సంపాదకుడు లోపలికి వస్తాడు. అతను చాలాకాలం నుండి సేఠ్ వద్దనే పనిచేస్తున్నాడు. ‘సేత్తో తను పనిచేసే సమయం ఎక్కువగా ఉంది. సహాయంగా వేరే వ్యక్తిని నియమించమని కోరగా `సేఠ్ కొత్త సంపాదకుని నియమించను. నువ్వే పని అంతా చేయి, లేకపోతే మానివేయి అంటాడు. ఇంతలో విశ్వవిద్యాలయం నుండి ఇద్దరు అబ్బాయిలు వచ్చి విద్యార్థుల ఓట్లన్నీ మీకే అని చెబుతారు.
తమ విశ్వవిద్యాలయంలో ప్రిన్స్పాల్ని మార్చమనగా సరే చూద్దామని చెప్పి వారిని పంపిస్తాడు. కాని ప్రిన్స్పాల్ని మార్చే ఉద్దేశ్యం లేదు. అంతలోనే నేర్ భార్య లోపలికి వచ్చి పిల్లవాడిని కొట్టినందుకు సంజాయిషీ అడుగుతుంది. సేర్ ఆమెను కసురుకొని బయటికి పొమ్మని అరవగా ఆమె తన పుట్టింటికి వెళ్ళిపోతానని చెప్పి వెళ్ళిపోతుంది.
మరల ఫోను మ్రోగుతుంది. శ్రీమతి సరళాదేవి మహిళా సంఘ నాయకురాలితో మాట్లాడగా ఆమె మహిళల ఓట్లు సేక్కే పడతాయని చెబుతుంది. తను గెలిస్తే తప్పక స్త్రీని ఉద్దరించే కార్యక్రమాలు చేస్తానని వాగ్దానం చేస్తాడు. ఎన్నికల సమయంలో ఎన్నో వాగ్దానాలు చేస్తారు. కాని అవి అన్నీ అబద్దమే. నాయకులు మాటలలో ఒకటి చేతలలో మరొకటి చేస్తారు అని వ్యంగ్యంగా రచయిత తెలిపారు.
कठिन शब्दों के अर्थ
अधिकार = Power, Authority, అధికారం
रक्षक = Saviour, Protector, రక్షకుడు
उम्मीदवार = A candidate for election, ఎలక్షనులో నిలబడే వ్యక్తి
रसोइया = Cook, వంట.
भाषण = Conversation, Speech, ఉపన్యాసం.
लालन-पालन = Bringing up, పెంచి పెద్దచేయి, పోషించుట.
शिक्षा = Education, శిక్ష
डरपोक = Timid person, పిరికివాడు
दब्बू = Henpecked, Submissive, లొంగి ఉండు.
चोंगा = Funnel, Cylindrical tube, గరాటు, రిసీవర్
शोर = Noise, అల్లరి
चांटा मारना = Slap, Fetch, చెంపదెబ్బ వేయుట.
पिटाई = Beating, కొట్టుట
शारीरिक दंड = Corporal punishment, శారీరక దండన.
अत्याचार = Victimization, Atracity, దురాగతం
जलसा = Celebration, festival, వేడుక
मजदूरी = Labour, కార్మిక
लापरवाह = Careless, అజాగ్రత్త
हज़म करना = To digest, జీర్ణించుకొనుట
धकेलना = Hustle, గొడవ, లాగుట, గట్టిగా బయటకు లాగుట.
हलचल = Stir, Scrabble, fluster, ప్రకంపనలు.
अखबार = Newspaper, వార్తాపత్రిక
संपादक = Editor, సంపాదకుడు
वक्तव्य = Statement, వాజ్ఞూలము, చెప్పినమాట
विश्वविद्यालय = University, విశ్వవిద్యాలయం.
अनुशासन = Discipline, క్రమశిక్షణ.
हड़ताल = Strike, సమ్మె.
सदस्य = Member, సభ్యుడు
चुनाव = Selection, choice, election, ఎన్నుకొనుట
धक्का मारना = To dash, గట్టిగా లాగు, దెబ్బ, కొట్టుట.
निशान = Mark, signal, గుర్తుగల.
फोड़ देना = To break, to split, పగలగొట్టుట, బద్దలవుట.
पागल = A fool, idiot, పిచ్చి, మూర్ఖుడు.
कर्कश आवाज = Rasp voice, hard voice, కర్కశమైన గొంతు
मधुर आवाज = Sweet voice, తీయని గొంతు.
तबीयत = Health, ఆరోగ్యం.