Telangana TSBIE TS Inter 1st Year Hindi Study Material 5th Poem प्रथम रश्मि Textbook Questions and Answers.
TS Inter 1st Year Hindi Study Material 5th Poem प्रथम रश्मि
दीर्घ समाधान प्रश्न
प्रश्न 1.
‘प्रथम रश्मि’ कविता का सरांश पाँच-छः वाक्यों में लिखिए ।
उत्तर:
प्रथम रश्मि कविता सुमित्रानंदन पंत्र जी से लिखी गयी है । प्रकृति की सहज सुन्दरता इसमें वर्जित है । प्रातः काल के समय मे सूर्योदय के किरणों को छूकर बाल विहंगिनी गीत गाते हैं । उनको कैसे मालूम कि सूर्योदय हो गया है। चन्द्र किरण के चूमने से नव कोमल पत्ते मुस्कुराना अर्थात रहे है। रात के तारे मन्द पड गए है । अन्धकार समाप्त होकर सूर्योदय हो रहा है । इसके स्वागत मे कोयल गीत गा रही है । कवि यह प्रश्न कर रहा है कि हे अंतर्योमिनी तुम्हे किसने बताया कि सूर्योदय हुआ है । कवि का हृदय प्रकृति के सहज सुन्दरता का स्पर्श कर रहा है ।
नीच दिए गए प्रश्नों के उत्तर तीन चार वाक्यों में दीजिए ।
प्रश्न 1.
सुमित्रानंदन पंत का कवि परिचय लिखिए ।
उत्तर:
सुमित्रानंदन पंत जी का जन्म सन् 1900 ई.मे अल्मोडा जिले के कौसानी नामक गाँव में हुआ था । वे कोमलता के कवि कह जाते है । आप शांत स्वभाव के थे । उन्होंने असहयोग आंदोलानों मे भाग लिया । उनपर आध्यात्मिक ग्रन्थों का भी प्रभाव था । उनकी रचनाओं मे प्रकृति सौन्दर्य, आदर्शवादी विचार धारा और अरविंद दर्शन का क्रमशः प्रभाव दिखाई देता है । सन् 1977 में उनकी मृत्यु हो गई । वीणा, ग्रंथि पल्लाव, युगंत उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ है । ‘चिदंबरा’ काव्य के लिए उन्हे ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला। वे प्रकृति सौन्दर्य के अद्वितीय कवि माने जाते है । प्रस्तुत प्रथम रश्मि कविता में प्रातः काल के प्रकृति सौन्दर्य का सुंदर वर्णन उन्होंने किया ।
प्रश्न 2.
कवि ने प्रातः काल का वर्णना किस प्रकार किया है ?
उत्तर:
पंत जी ने प्रातः काल का सुन्दर वर्णन किया है । उषा काल मे सूरज की प्रथम किरण धरती को छूने से कितने सुन्दर परिवर्तन होते है, उनका सुन्दर वर्णन किया है। सूर्योदय के स्वागत में नन्ही सी पक्षी की मधुर आवाज मे गाना, नन्ही सी कलियों का चन्द्रके किरण तितलियों के रूप मे स्पर्श करने से मुस्कुराना, रात के चमकीले तारे मन्द पड जाना, सूर्योदय के स्वागत करते हुए कोयल का गाना सभी का सुन्दर वर्णन करके कवि यह प्रश्न कर रहा है कि सुर्योदय के आगमन के बारे मे इन सबको कैसा पता चल रहा है ।
एक शब्द में उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
प्रथम रश्मि कविता के कवि कौन है ?
उत्तर:
प्रथम रश्मि कविता के कवि सुमित्रानंदन पंत जी है ।
प्रश्न 2.
किस काव्य के लिए पंत जी को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला ?
उत्तर:
‘चिदम्बरा’ काव्य के लिए पंत जी को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला ।
प्रश्न 3.
प्रथम रश्मि कविता मे कौन स्वागत गीत गा रहे हैं ?
उत्तर:
प्रधम रश्मि कविता में पेड पर रहनेवाला कोयल स्वागत गीत गा रहा है ।
प्रश्न 4.
प्रथम रश्मि कविता मे पक्षियों के घोंसलों के पास कौन पहरा दे रहे थे ?
उत्तर:
प्रथम रश्मि कविता मे पक्षियों के घोंसलों के पास जुगुनू पहरा दे रहे थे ।
संदर्भ सहित व्याख्याएँ
प्रश्न 1.
प्रथम रश्मि का आना ……………..
उत्तर:
यह पद्य ‘प्रथम रश्मि’ नामक कविता से लिया गया है। सुमित्रानंदन पंत इसके कवि है । सूर्योदय को सुन्दर वर्णन कवि इसमे कर रहे है । कवि इसमे बाल विहंगिनि से पूछ रहा है । अभी तुमने नंद से जाग लिया । तुम्हे प्रातः काल के किरणों की पहचान कैसे हुई ? यह जानकर तुम इतना सुन्दर केसे गा रही हो । प्रकृति की सहज सुन्दरता इसमे वर्णित है । भाषा सरल खडीबोली है ।
प्रश्न 2.
शशि – किरणों से उत्तर – उतरकर,………
उत्तर:
यह पद्य ‘प्रथम रश्मि नामक कविता से लिया गया है । इसके कवि श्री सुमित्रानंदन पंत जी है। इसमे प्रातः काल की सुन्दरता – का वर्णन किया गया है ।
कवि कहते है कि परिवेश के अनुरूप अपना इम वदलने वाली तितलियाँ चन्द्र किरणों की तरह जमीन पर उतरकर नव कोमल पत्तों को चूमकर उनको मुस्कुराना सिखा रही है। प्रकृति का कोमल वर्णन इसमे वर्जित है ।
प्रथम रश्मि Summary in Hindi
कवि परिचय
सुमित्रानंदन पंत जी का जन्म सन् 1900 ई. मे अल्मोडा जिले के कौसानी नामक गाँव में हुआ था । वे कोमलता के कवि कह जाते है । आप शांत स्वभाव के थे । उन्होंने असहयोग आंदोलानों में भाग लिया । उनपर आध्यात्मिक ग्रन्थों का भी प्रभाव था । उनकी रचनाओं मे प्रकृति सौन्दर्य, आदर्शवादी विचार धारा और अरविंद दर्शन का क्रमशः प्रभाव दिखाई देता है । सन् 1977 में उनकी मृत्यु हो गई । वीणा, ग्रंथि, पल्लाव, युगंत उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ है । ‘चिदंबरा’ काव्य के लिए उन्हे ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला। वे प्रकृति सौन्दर्य के अद्वितीय कवि माने जाते है । प्रस्तुत ‘प्रथम रश्मि कविता में प्रातः काल के प्रकृति सौन्दर्य का सुंदर वर्णन उन्होंने किया ।
सारांश
कवि बाल विहंगिनी को संबोधित करके पूछ रहा है कि उषा काल के सुरज की प्रथम किरण इतनी रंगोली थी; उसे तुमने कैसे पहचान लिया ! इस समय मे तुम इतना सुन्दर गा रहे हो, कहाँ से सीख लिया । तुम स्वप्नों के छोंसले में पंखों मे छिपकर सुख से सो रहे हो । रात भर नाना प्रकार के जुगुनू पहारा देकर तुम्हारे धोंसले के चारो ओर ऊँघते हुए धूम रहे है । तुम ने कैसे जान लिया कि सूर्योदय हुआ है ।
परिवेश के अनुरूप अपना रंग वदलने वाली सुंदर तितलियाँ चन्द किरणों की तरह जमीन पर उतर कर कोमल नवल पत्रों को चूम – चूम कर मुस्कुराना सिखा रही है ।
प्रातः कालमे चारों ओर प्रकृति प्रशान्त थी । रात भर चमकतेवाले तारे अब अपना चमक खो रहे थे । वृक्ष के पत्ते भी अब निःस्तब्ध थी और शायद स्वप्न मे विचारण कर रहे हैं। चारों ओर अभी अंधकार छाया हुआ था | अचानक उसी समय सहसा कोकिल स्वागत का गीत गाने लगी । कवि पूछ रहा है । कि हे कोचल । तुझे कैसे पता कि सूर्योदय हुआ है ।
इसप्रकार कवि प्रकृति का सुन्दर वर्णन करते हुए ईश्वर की महिमा का गुणगान प्रकृति के माध्यम से कर रहा है । उनकी भाषा सुन्दर खडीवोली है ।