TS Inter 2nd Year Hindi Study Material Poem 6 बच्चे काम पर जा रहे हैं

Telangana TSBIE TS Inter 2nd Year Hindi Study Material 6th Poem बच्चे काम पर जा रहे हैं Textbook Questions and Answers.

TS Inter 2nd Year Hindi Study Material 6th Poem बच्चे काम पर जा रहे हैं

दीर्घ प्रश्न (దీర్ఘ సమాధాన ప్రశ్న)

प्रश्न 1.
“बच्चे काम पर जा रहे हैं “पाठ का सारांश पाँच-छः वाक्यों में लिखिए ।
उत्तर:
कवि राजेश जोशी इस कविता के द्वारा बाल बच्चों की स्थित को देखकर विचलित मन से अपना क्रोध व्यक्त करते हैं । कवि यह प्रश्न पूछ रहा है कि सुबह – सुबह ठंड का मौसम चारों तरफ फैला हुआ है और सडकें भी कोहरे से ढँकी हुई है । इतने ठंड़ में बच्चे अपने – अपने काम पर जाने के लिए मजबूर हैं ।

पढने और खेलने की उम्र में बच्चों को अपने पेट पालने के लिए काम पर क्यों जाना पड रहा है ? क्या बच्चों को खेलने के गेंद, मैदान, बगीचे और घरों के आँगन खत्म हो चुके हैं ? पढाने के लिए विद्यालय, पढने के लिए किताबें सब चले गये हैं ? अगर सच में एसा हैं तो इस दुनिया में बचा ही क्या ? हमेशा की तरह इन सारी चीजें मौजूद होने पर भी आखिर क्यों छोटे-छोटे बच्चे सडकों से अपने अपने काम पर जाने केलिए विवष हैं ?

लघु प्रश्न (లఘు సమాధాన ప్రశ్నలు)

प्रश्न 1.
“बच्चे काम पर जा रहे हैं” कविता में कवि किस बात पर दुःखी है ?
उत्तर:
‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता में कवि इस बात से दुःखी है कि बहु सारे बच्चे अपने पेठ भरने के लिए बचपन से ही काम पर लग जाना पडता है । उन्हें पढने और खेलने का मौका नहीं मिलता है । इस तरह से उनका बचपन छीन लिया जाता है ।

TS Inter 2nd Year Hindi Study Material Poem 6 बच्चे काम पर जा रहे हैं

प्रश्न 2.
“बच्चे काम पर जा रहे हैं” कविता में कवि क्या प्रश्न पूछता है ?
उत्तर:
”बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता में कवि यह प्रश्न पूछ रहा है कि आखिर बच्चे काम पर क्यों जारहे हैं ? सबसे भयानक बात यह है कि पढने व खेलने की उम्र वाले बच्चों को अपने पेट पालने केलिए काम पर क्यों जाना पड रहा है ?

एक वाक्य प्रश्न (ఏక వాక్య సమాధాన ప్రశ్నలు)

प्रश्न 1.
बच्चे कहाँ जा रहे हैं ?
उत्तर:
काम पर

प्रश्न 2.
“बच्चे काम पर जारहे हैं” कविता के कवि कौन है ?
उत्तर:
राजेश जोशी

प्रश्न 3.
सारी गेंद कहाँ गिर गई ?
उत्तर:
अंतिरिक्ष (आकाश)

प्रश्न 4.
सारी किताबों को किसने खा लिया ?
उत्तर:
दीमकों ने

संदर्भ सहित व्याख्याएँ (సందర్భ సహిత వ్యాఖ్యలు)

1. कोहरे से ढकी सड़क पर बच्चे काम पर जा रहे हैं
सुबह – सुबह
बच्चे काम पर जा रहे हैं

संदर्भ : प्रस्तुत पंक्तियाँ “बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता से दिये गये हैं । इस कविता के कवि श्री राजेश जोशी हैं । आप हिन्दी साहित्य के आधुनिक काव्य के प्रसिद्ध कवि हैं ।” कवि ने बाल मजदूरी की समस्या की ओर आकर्षित करने की कोशिश की ।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने लिखा है कि बहुत ही ठण्ड का मौसम है और सुबह – सुबह का वख्त है। चारों तरफ और सडकें भी कोहरे से ढँकी हुई है । परंतु इतनी ठण्ड में भी छोटे – छोटे बच्चे अपने – अपने काम पर जाने केलिए मजबूर हैं ।

विशेषता: प्रस्तुत पंक्तियों में कवि काम पर जानेवाले बच्चों की स्तिति को देखकर विचलित हो जाते हैं और प्रश्न पूछ रहे हैं कि आखिर बच्चे काम पर क्यों जा रहे हैं ?

TS Inter 2nd Year Hindi Study Material Poem 6 बच्चे काम पर जा रहे हैं

2. क्या अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी गेंदें
क्या दीमकों ने खा लिया है
सारी रंग बिरंगी किताबों को

संदर्भ : प्रस्तुत पंक्तियाँ “बच्चे काम पर जा रहे हैं” कविता से दिया गया है । इस कविता के कवि श्री राजेश जोशी हैं । आप हिंदी साहित्य के आधुनिक काव्य के प्रसिद्ध कवि हैं । कवि ने बाल मजदूरी की समस्या की ओर आकर्षित करने की कोशिश की ।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि सोचता है कि क्या बच्चे खेलने के लिए गेंद आकाश (अंतरिक्ष ) में चली गई हैं ? क्या सारी रंग – बिरंग किताबों को दीमक ने खालिया है ?

विशेषता : कवि इन पंक्तियों में अपने दुःख को व्यक्त करते हैं कि न तो उन्हें पढने का मौका मिलता है और न खेलने का ।

बच्चे काम पर जा रहे हैं Summary in Hindi

कवि परिचय

राजेश जोशी का जन्म मध्य प्रदेश के नरसिंह जिले में सन् 1946 में हुआ था । हन्होंने एम. एस. सी और एम.ए की डिग्रियाँ हासिल कीं । जोशीजी ने कविताओं के अलावा कहानियाँ, नाटक, लेख और टिप्पणियाँ भी लिखीं । इनकी कविताओं के अनुवाद भारतीय भाषाओं के अलावा विदेशी भाषाओं भी प्रकाशित हुए हैं ।

साहित्यिक परिचय : रायेश जोशी की काव्य रचनाओं में आत्मीयता, लयात्मकता, और मनुष्यता को बचाए रखने का निरंतर संघर्ष भी विद्यामान है। इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं- “समरगाथा’, ‘एक दिन बोलेंगे पेड”, “मिट्टी का चेहरा”; “दो पंक्तियों के बीच’ आदि । इन्हें मध्य प्रदेश सरकार के “शिखर सम्मान’ और केंद्र साहित्य अकादमी का प्रतिष्ठित सम्मान मिला है ।

प्रस्तुत कविता “बच्चे काम पर जा रहे हैं के कवि श्री राजेश जोशी हैं । आप हिन्दी साहित्य आधुनिक काव्य के प्रसिद्ध कवि हैं । इस कविता में आप कामपर जानेवाले बच्चों की स्थिति को देखकर विचलित मन से अपना क्रोध व्यक्त करते हैं ।

सारांश

कवि राजेश जोशी जी ने कविता में लिखा है कि बहुत ही ठण्ड का मौसम है और सुबह – सुबह का वक्त है । चारों तरफ और सडकें भी कोहरे से ढँकी हुई है । परंतु इतनी ठण्ड में भी छोटे – छोटे बच्चे अपने – अपने काम पर जाने के लिए मजबूर हैं । हमारे समय की सबसे भयानक बात यह है कि पढने और खेलने की उम्र वाले बच्चों को अपने पेट पालने के लिए यूँ काम पर क्यों जाना पड रहा है ? इसे हमें समाज में एक प्रश्न की तरह पूछना चाहिए ।

TS Inter 2nd Year Hindi Study Material Poem 6 बच्चे काम पर जा रहे हैं

कवि सोचता है कि क्या खेलने के लिए गेंद आकाश (अंतरिक्ष) में चली गई है ? क्या सारी किताबों को दीमक ने खा लिया है ? क्या सारी खिलौने कहीं किसी काले पहाड के नीचे छुपा दिए गए हैं ? इन बच्चों को पढानेवाले मदरसे एवं विद्यालय टूट चुके हैं ? क्या बच्चों के खेलने के सारे मैदान, बगीचे एवं घरों के आँगन खत्म हो चुके हैं ? कवि कह रहा है कि अगर सच में ऐसा है तो इस दुनिया में बचा ही क्या ? इस वक्त उन पर कोई बोझ या जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए ।

कवि को समझ में नहीं आता कि इन सारी चीजें हमेशा की तरह मौजूद होने के बाद भी आखिर क्यों छोटे – छोटे बच्चे दुनिया की हजारों सडकों से चलकर अपने – अपने काम पर जाने केलिए विवश हैं । इसलिए कवि ने हमारे सामने यह प्रश्न उठाया है कि “बच्चे काम पर क्यों जारहे हैं ?”

विशोषताएँ : प्रस्तुत कविता में कवि श्री राजेश जोशी काम पर जानेवाले बच्चों पर या बाल मजदूरी की ओर ध्यान खींचने में पूरी तरह से सफल हुए हैं ।

बच्चे काम पर जा रहे हैं Summary in Telugu

సారాంశము

(తెలుగులో) మనం చదువుతున్న ఈ కవిత యొక్క కవి శ్రీ రాజేష్ జోషిగారు. ఈ కవితలో కవి పనికి వెళ్ళే పిల్లల యొక్క స్థితిని చూచి చలించిన మనస్సుతో తమ కోపాన్ని వ్యక్తం చేశారు.

చాలా చల్లని వాతావరణం మరియు ప్రాతఃకాల సమయం నలువైపుల రోడ్లు మంచుతో కప్పబడి ఉన్నాయి. కానీ గత్యంతరం లేక అంత చలిలోనూ పిల్లలు తమ తమ పనులకు వెళుతున్నారు. చదువుతూ ఆడుకునే ఈ వయస్సులో పిల్లలు వారి కడుపును నింపుకోవడంకోసం ఎందుకు పనికి వెళుతున్నారు ? అనేది ఒక భయంకరమైన విషయం. దీనిని మనం సమాజంలో ఒక ప్రశ్నగా అడగవలసి ఉంది అని కవి ఈ కవితలో వ్రాశారు.

ఆడుకునేందుకు బంతులు (అంతరిక్షం) ఆకాశంలోకి వెళ్ళి పోయాయా ? పుస్తకా లన్నింటిని చెదలు తినివేసాయా ? బొమ్మలన్నింటిని ఏదైనా నల్లని పర్వతం క్రింద దాచి పేపరూ? ఈ పిల్లలకు బోధించే విద్యాలయాలు, మదరసాలు కూలిపోయాయా? పిల్లలు ఆడుకొనే ఆటస్థలాలు, తోటలు, మరియు ఇంటి ఆవరణలు నశించిపోయాయా ? ఒకవేళ నిజంగా అలానే అయివుంటే ఇక ఈ ప్రపంచంలో ఏమి మిగిలివుంది ? ఈ వయస్సులో వారికి ఏ విధమైన బరువులు, బాధ్యతలు ఉండకూడదు అని కవి ఆలోచిస్తున్నారు.

TS Inter 2nd Year Hindi Study Material Poem 6 बच्चे काम पर जा रहे हैं

ఎప్పటిలాగానే ఈ వస్తువులన్ని లభ్యం అవుతున్నప్పటికి కూడా గత్యంతరం లేక ఈ చిన్న – చిన్న పిల్లలు ప్రపంచంలోని వేల కొలది రోడ్లు నుండి తమ తమ పనులకోసం వెళుతున్నారు. ఇంతకు “పిల్లలు పనికి ఎందుకు వెళుతున్నారు ?” అని కవి ప్రశ్నను మన ముందు ఉంచారు.

విశేషత : కవి ఈ కవితలో పనికి వెళ్ళే పిల్లల మీద / బాలకార్మిక వ్యవస్థ వైపు దృష్టిని కేంద్రీకరించడంలో పూర్తిగా సఫలీకృతులైనారు.

कठिन शब्दों के अर्थ (కఠిన పదాలు – అర్ధాలు)

कोहरे – ओस, మంచు
विवरण – व्याख्या, वर्णन, स्पष्ट करना, వ్యాఖ్యా వర్ణన
सवाल – प्रश्न, ప్రశ్న
अंतरिक्ष – आकाश, అంతరిక్షం, ఆకాశం
दीमक – सफेद चींटी, చెదలు
भूकंप – भूचाल, భూకంపం
मदरसा – पाठशाला, विद्यालय, పాఠశాల, విద్యాలయం
हस्वमामूल – हमेशा की तरह, ఎప్పటిలాగానే

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