Telangana TSBIE TS Inter 2nd Year Hindi Study Material 5th Poem ये कौन चित्रकार है Textbook Questions and Answers.
TS Inter 2nd Year Hindi Study Material 5th Poem ये कौन चित्रकार है
दीर्घ प्रश्न (దీర్ఘ సమాధాన ప్రశ్న)
प्रश्न 1.
” ये कौन चित्रकार है” पाठ का सारांश पाँच-छः वाक्यों में लिखिए ।
उत्तर:
कवि परिचय : पंडित भरत व्यास का जन्म सन् 1918 को राजस्थान के बिकानेर में हुआ । वे प्रसिद्ध नाटककार और गीतकार हैं । इन्होंने ‘दो आँखे बारह हाथ’, ‘नवरंग”, “रानी रूपमती”, आदि प्रसिद्ध फिल्मों के लिए गीत लिखे हैं । वे अपने गीतों में देशभक्ति, राष्ट्रीय एकता और बलिदान का संदेश दिया । सन् 1982 में उनकी मृत्यु हुई ।
सारांश : कवि ने प्रकृति की सुंदरता का वर्णन बडे ही सुंदर शब्दों में किया है और ईश्वर को ही इस सृष्टि का चित्रकार माना है । हरीभरी धरती पर नील आकाश को, बादलों की पालकी उडानेवाले पवन को, रंग भरे फूलों से दिशाओं को सजानेवाले चित्रकार ईश्वर ही है ।
तुम प्रकृति की इस पवित्रता को देखो। इनके गुणों को तुम अपने मन स्मरण करो । आज अपने ललाट की लालिमा चमका दो । कण-कण से दिखाई देनेवाली भगवान की सुंदरता को देखने के लिए अपनी दो आँखें काफी नहीं हैं ।
पर्वत की ये चोटियाँ ऋषि मुनियों की जैसी हैं । ये बर्फ की घाटियाँ घूमेरदार और घेरदार हैं । देवदार वृक्ष ध्वज के जैसे खडे हैं । ये गुलाब बगीचे बहार के चादर जैसे हैं । यह किसी कवि को कल्पना का चमत्कार नहीं है । सिर्फ भगवान की सृष्टि है ।
लघु प्रश्न (లఘు సమాధాన ప్రశ్నలు)
प्रश्न 1.
भरत व्यास का संक्षिप्त परिचय दीजिए ।
उत्तर:
कवि परिचय : पंडित व्यास का जन्म सन् 1918 को राजस्थान के बिकानेर में हुआ । वे प्रसिद्ध नाटककार और गीतकार है । इन्होंने ‘दो आँखे बारह हाथ’, ‘नवरंग”, “गूँज उठी शहर्ना”, “रानी रूपमती”, “बूँद जो बन गई मोती’ आदि प्रसिद्ध फिल्मों के लिए गीत लिखे हैं । वे अपने गीतों में “देशभक्ति”, “राष्ट्रीय एकता” और “बलिदान” का संदेश दिया । सन् 1982 में उनकी मृत्यु हुई ।
प्रश्न 2.
कवि “भरत व्यास” के अनुसार प्रकृति की सुंदरता कैसी है ?
उत्तर:
कवि भरत व्यास के अनुसार प्रकृति का सृजन सृष्टिकर्ता ने किया है । ईश्वर को इस सृष्टि का चित्रकार मानते हुए दार्शनिकता दर्शाई है | नीला- नीलगगन, रंगभरी दिशाएँ, पेड पौधों के फूल मनमोहक होते हैं। प्रकृति को निहारने से हमें सृजन की विविधता दिखाई देती है । धरती के पर्वत, घाटियाँ, वृक्ष, सृष्टिकर्ता के चमत्कार बनकर हमारे सामने आते हैं । प्रकृति से मन प्रसन्न हो जाता है । प्रकृति की सुंदरता अद्वितीय है ।
एक वाक्य प्रश्न (ఏక వాక్య సమాధాన ప్రశ్నలు)
प्रश्न 1.
“ये कौन चित्रकार है” गीत के गीतकार कौन है ?
उत्तर:
भरत व्यास
प्रश्न 2.
“ये कौन चित्रकार है” गीत में किसका वर्णन है ?
उत्तर:
प्रकृति का
प्रश्न 3.
देवदार वृक्षों की तुलना किससे की गई है ?
उत्तर:
ध्वज से
प्रश्न 4.
भरत व्यास के किसी एक प्रसिद्ध फिल्मी गीत का नाम लिखिए ।
उत्तर:
ऐ मालिक तेरे बंदे हम – – – – – (दो आँखें बारह हाथ ) ।
संदर्भ सहित व्याख्याएँ (సందర్భ సహిత వ్యాఖ్యలు)
1. तपस्वियों सी हैं अटल ये पर्वतों की चोटियाँ
ये बर्फ कि घुमेरदार घेरदार घाटियाँ
संदर्भ : प्रस्तुत पंक्तियाँ “ये कौन चित्रकार हैं” नामक कविता से दी गयी हैं । इसके कवि श्री भरत व्यास हैं । वे प्रसिद्ध नाटककार और गीतकार हैं । प्रस्तुत कविता में आप प्रकृति की सुंदरता का वर्णन सुंदर शब्दों में किये हैं ।
व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियाँ “ये कौन चित्रकार है” कविता से दी गयी हैं । पर्वतों की चोटियाँ और बर्फ की घाटियों की सुंदरता का वर्णन किया गया है । जैसे कि पर्वत की ये अटल चोटियाँ ऋषि मुनियों की जैसी हैं । ये बर्फ की घाटियाँ घुमेरदार और घेरदार हैं । धरती के पर्वत, घाटियाँ, वृक्ष सृष्टिकर्ता के चमत्कार बनकर हमारे सामने आते हैं ।
2. कुदरत की इस पवित्रता को तुम निहार लो
इनके गुणों को अपने मन में तुम उतार लो
संदर्भ : प्रस्तुत पंक्तियाँ “ये कौन चित्रकार हैं” नामक कविता से दी गयी हैं । इसके कवि श्री भरत व्यास हैं । वे प्रसिद्ध नाटककार और गीतकार हैं। प्रस्तुत कविता में आप प्रकृति की सुंदरता का वर्णन सुंदर शब्दों में किये हैं ।
व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियाँ ” ये कौन चित्रकार है” कविता से दी गयी हैं । तुम प्रकृति की इस पवित्रता को देखो। इनके गुणों को अपने मन में स्मरण करो । प्रकृति को निहारने से हमें सृजन की विविधता दिखाई देती है ।
ये कौन चित्रकार है Summary in Hindi
कवि परिचय
पंडित भरत व्यास का जन्म सन् 1918 को राजस्थान के बिकानेर में हुआ | वे प्रसिद्ध नाटककार और गीतकार हैं । इन्होंने “दो आँखे बारह हाथ’, “नवरंग”, “गूँज उठी शहनाई”, “रानी रूपमती”, “बूँद जो बन गई मोती” आदि प्रसिद्ध फिल्मों के लिए गीत लिखे हैं । वे अपने गीतों में देशभक्ति, राष्ट्रीय एकता और बलिदान का संदेश दिया। सन् 1982 में उनकी मृत्यु हुई ।
कविता परिचय : प्रस्तुत कविता में भरत व्यास ने प्रकृति की सुंदरता का वर्णन बडे ही सुंदर शब्दों में किया है। प्रकृति की सुंदरता और विराटता के प्रति आश्चर्य प्रकट करते हुए मुग्ध और आकर्षित होता है । उसका मन प्रसन्न हो जाता है ।
सारांश
कवि ने प्रकृति की सुंदरता का वर्णन बडे ही सुंदर शब्दों में किया है और ईश्वर को ही इस सृष्टि का चित्रकार माना है । हरी-भरी धरती पर नील आकाश को, बादलों की पालकी उडानेवाले पवन को, रंग भरे फूलों से दिशाओं को सजानेवाले चित्रकार ईश्वर ही है ।
तुम प्रकृति की इस पवित्रता को देखो। इनके गुणों को तुम अपने मन में स्मरण करो । आज अपने ललाट की लालिमा चमका दो । कण कण से दिखाई देनेवाली भगवान की सुंदरता को देखने के लिए अपनी दो आँखें काफी नहीं हैं।
पर्वत की ये चोटियाँ ऋषि मुनियों की जैसी हैं। ये बर्फ की घाटियाँ घूमेरदार और घेरदार हैं । देवदार वृक्ष ध्वज के जैसे, खडे हैं। ये गुलाब के बगीचे बहार के चादर जैसे हैं । यह किसी कवि को कल्पना का चमत्कार नहीं है । सिर्फ भगवान की सृष्टि है ।
ये कौन चित्रकार है Summary in Telugu
కవి పరిచయం
పండిత్ భరత్ వ్యాస్ రాజస్థానికి చెందిన బికనేర్లో జన్మించారు. ఆయన ప్రసిద్ధ నాటక మరియు గీత రచయిత. “దో ఆంఖేఁ బారహ్ హాత్”, “నవరంగ్”, “రాణీ రూపమతీ” మొదలయిన ప్రసిద్ధ సినిమాలకు పాటలను వ్రాశారు. ఆయన తన పాటల్లో “దేశభక్తి”, “జాతీయ సమైక్యత” మరియు బలిదానం అనే సందేశాలను ఇచ్చారు. ఈయన క్రి. శ 1982 లో మృతి చెందారు.
సారాంశం
కవి ప్రకృతి సౌందర్యాన్ని గొప్ప అందమైన శబ్ధాలతో వర్ణించారు. మరియు ఈశ్వరుని ఈ సృష్టికి చిత్రకారునిగా భావించారు. పచ్చదనంతో నిండిన భూమి మీద నీలి ఆకాశాన్ని, మేఘాల పల్లకిని కదిలించే / ఎత్తే గాలిని, రంగులతో నిండిన పూలతో నలుదిశలను అలంకరించే చిత్రకారుడు కేవలం ఈశ్వరుడు మాత్రమే.
- నీవు ఈ ప్రకృతిలోని పవిత్రతను చూడు. ఈ ప్రకృతిలోని గుణాలను నీవు నీ మనస్సులో స్మరిస్తూ ఉండు. ఈ రోజు నీ తలరాతను ప్రకాశింపజేసుకో. అణువు అణువున కన్పించే భగవంతుడు సృష్టించిన ప్రకృతి సౌందర్యాన్ని వీక్షించేందుకు నీ రెండు కన్నులు చాలవు.
- స్థిరమైన ఈ పర్వత శిఖరాలు ఋషిమునుల ఝటఝూటాల వలె ఉన్నాయి. ఈ మంచులోయలు ఒకదానితో ఒకటి చుట్టబడి మలుపులతో కూడి ఉన్నాయి. ఈ దేవదార వృక్షాలు ఝండా కర్రలవలె నిలబడివున్నాయి. ఈ గులాబీ తోటలు అందమైన దుప్పట్లు పరిచినట్లుగా ఉన్నాయి. ఇదంతా ఏ కవి కల్పనా చమత్కారం కాదు. కేవలం భగవంతుని యొక్క సృష్టి మాత్రమే.
कठिन शब्दों के अर्थ (కఠిన పదాలు – అర్ధాలు)
वसुंधरा – धरती, भूमि, जमीन, భూమి, నేల
गगन – आकाश, आसमान, नभ, ఆకాశం
कुदरत – प्रकृति, ప్రకృతి
निहारना – देखना, చూచుట
लालिमा – लालरंग युक्त, ఎరుపు రంగుతో కూడిన
विराट – बडा, महान (ईश्वर), పెద్ద, గొప్ప
घुमेरदार – घुमावदार, మలుపులుగల
घेरदार – घेरेवाला, गोलनुमा, చుట్టూ వ్యాపించుట
गलीचा – चादर, దుప్పట్టి, రంగురంగు పూలు అద్దిన అందమగు పక్క