Telangana TSBIE TS Inter 2nd Year Hindi Study Material 3rd Poem गुलाबी चूडियाँ Textbook Questions and Answers.
TS Inter 2nd Year Hindi Study Material 3rd Poem गुलाबी चूडियाँ
दीर्घ प्रश्न (దీర్ఘ సమాధాన ప్రశ్న)
प्रश्न 1.
“गुलाबी चूडियाँ” पाठ का सारांश पाँच – छ: वाक्यों में लिखिए ।
उत्तर:
कवि परिचय : नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था । इनका जन्म सन् 1911 में वर्तमान मधुबनी जिले के सतलखा में हुआ था। इनके पिता गोकुल मिश्र और माता उमादेवी हैं। उनकी शिक्षा संस्कृत में हुई। उनकी मृत्यु ता 05-11-1988 को हुई ।
सारांश : नागार्जुन की कविता संवेदना और ममत्व से भरी है ! प्रस्तुत कविता में बेटी के प्रति पिता का वात्सल्य दिखाई देता है। विशेषकर एक ऐसे पिता का वात्सल्य जो परदेश में रहता है। अधिकतर पिता रोजगार की चिंता में अपना परिवार को पीछे छोड़ आते हैं ।
एक प्राइवेट बस का ड्राइवर है । उसे सात साल की बच्ची रहती है । ड्राइवर बस आराम से चला रहा है और बस स्टाप में रोकता ह । तभी नागार्जुन (कवि ) बस चढते हैं और देखते हैं कि सामने गियर से ऊपर काँच की चार गुलाबी चूडियाँ हुक से लटका रक्खी हैं । वे बस की रफ्तार के अनुसार हिलती रहती हैं। कवि को संदेह होता है, तुरंत ड्राइवर से पूछता है ये चूडियाँ क्यों लटका रक्खी हैं। ढलती उम्र के बडी मूँछ के चेहरा ड्राइवर आहिस्ते से कहता है कि हाँ साहब ! यह एक तोफा है। एक बेटी ने अपने पिता को दिया है यह तोफा । लाखों बार कहने पर भी बेटी उन्हें नहीं निकालती । यहाँ अब्बा की नजरों के सामने कई दिनों से अपनी अमानत टाँगे हुए हैं ।
मैं भी (कवि) सोचता हूँ कि चूडियाँ क्या बिगाडती हैं, इनको यहाँ से किस कारण से हटा दूँ । ड्राइवर ने एक नजर मुझ पर डाला। मैं भी (कवि) एक नजर ड्राइवर पर डाला । दूध जैसा वात्सल्य ( स्वच्छ प्रेम) बडी – बडी आँखों में गिरा दे रहा था । उनकी नजर चंचलता घेरनेवाला सीधे-साधे प्रश्न पर और फिर से सड़क की ओर होगई । मैं ने (कवि) झुककर कहा- हाँ भाई ! आखिर मैं भी एक पिता हूँ । बस यूँही आपसे पूछ लिया । वरना कौन नहीं पसंद करते छोटी – छोटी कलाइयों की गुलाबी चूडियाँ ?
लघु प्रश्न (లఘు సమాధాన ప్రశ్నలు)
प्रश्न 1.
नागार्जुन का संक्षिप्त परिचय लिखिए ।
उत्तर:
नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था । इनका जन्म सन् 1911 में वर्तमान मधुबनी जिले के सतलाख में हुआ था । इनके पिता गोकुल मिश्र और माता उमादेवी हैं । उनकी शिक्षा संस्कृत में हुई । उनकी मृत्यु ता 05- 11-1988 को हुई । इनके प्रमुख काव्य संग्रह हैं – ‘युगंधरा’, ‘तालाब की मछलियाँ”, “अपने खेत में”, “इस गुब्बारे की छाया में” आदि । वे प्रसिद्ध उपन्यास कार भी थे । “रतिनाथ की याची”, “नयी पौध”, “वरुण के बेटे” आदि इनके उपन्यास हैं ।
प्रश्न 2.
“गुलाबी चूडियाँ” कविता में निहित मूल भावना का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
गुलाबी चूडियाँ कविता में निहित मूल भावना यह है कि बेटी के प्रति पिता का वात्सल्य दिखाई देता है। विशेषकर एक ऐसे पिता का वात्सल्य जो परदेश में रहता है। अधिकतर पिता रोजगार की चिंता में अपने परिवार को पीछे छोड़ आते हैं । साधारणता मनुष्यों में अपनी संतान के प्रति प्रेम और वात्सल्य होता है ।
एक वाक्य प्रश्न (ఏక వాక్య సమాధాన ప్రశ్నలు)
प्रश्न 1.
“गुलाबी चूडियाँ” कविता के कवि कौन हैं ?
उत्तर:
नागार्जुन
प्रश्न 2.
नागार्जुन का उसली नाम क्या हैं ?
उत्तर:
वैद्यनाथ मिश्र
प्रश्न 3.
“गुलाबी चूडियाँ” कविता में कौनसा रस है ?
उत्तर:
बात्सल्य रस
प्रश्न 4.
पिता बेटी के लिए कौनसा उपहार लाया है ?
उत्तर:
“काँच की गुलाबी चूडियाँ ”
संदर्भ सहित व्याख्याएँ (సందర్భ సహిత వ్యాఖ్యలు )
1. प्राइवेट बस का ड्राइवर है तो क्या हुआ,
सात साल की बच्ची का पिता तो है !
सामने गियर से ऊपर
हुक से लटका रक्खी हैं
काँच की चार चूडियाँ गुलाबी
संदर्भ : प्रस्तुत पद्यांश “गुलाबी चूडियाँ” नामक कविता से दिया गया है । इसके कवि श्री. नागार्जुन हैं । आप हिन्दी साहित्य के आधुनिक काव्य के प्रमुख कवि हैं। प्रस्तुत कविता में आप बेटी के प्रति पिता का प्रेम और बात्सल्य को दिखाते हैं ।
व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियाँ “गुलाबी चूडियाँ’ कविता के हैं । एक प्राइवेट बस का ड्राइवर है । उसे साथ साल की बच्ची है । काँच की चार गुलाबी चूडियाँ सामने गियर से ऊपर हुक से लटका रक्खी हैं। ये गुलाबी चूडियाँ एक बेटी ने अपने पिता को दिया है। यह तोफा । क्यों कि यह चार गुलाबि चूडियाँ देखकर अपने बस सीमित में चलायेगा न कि स्पीड चलाकर याक्सिडेंट न हो जाए ।
2. हाँ भाई, मैं भी पिता हूँ
वो तो बस यूँ ही पूछ लिया आपसे
वरना किसे नहीं भाएँगी ?
नन्हीं कलाइयों की गुलाबी चूडियाँ !
संदर्भ : प्रस्तुत पद्यांश / कविता “गुलाबी चूडियाँ” नामक कविता से दिया गया है । इसके कवि श्री नागार्जुन हैं । आप हिन्दी साहित्य के आधुनिक काव्य के प्रमुख कवि हैं । प्रस्तुत कविता में आप बेटी के प्रति पिता का प्रेम और वात्सल्य को दिखाते हैं ।
व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियाँ “गुलाबी चूडियाँ” कविता के हैं । कवि ड्राइवर से कहता है मैं ने (कवि) झुककर कहा हाँ भाई ! आखिर मैं भी एक पिता हूँ । बस यूँही आपसे पूछ लिया । वरना कौन नहीं पसंद करते छोटी – छोटी कलाइयों की गुलाबी चूडियाँ ?
गुलाबी चूडियाँ Summary in Hindi
कवि परिचय
नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था । इनका जन्म सन् 1911 में वर्तमान मधुबनी जिले के सतलखा में हुआ था । इनके पिता गोकुल मिश्र और माता उमादेवी हैं । उनकी शिक्षा संस्कृत में हुई । उनकी मृत्यु ता 05-11-1988 को हुई ।
साहित्यिक योगदान : वैद्यनाथ मिश्र के कई उपनाम हैं । हिन्दी साहित्य में ”नागार्जुन” तथा मैथिली में ‘यात्री’ उपनाम से रचनाएँ कीं । इनके प्रमुख काव्य संग्रह हैं – ‘युगधारा “, ” तालाब की मछलियाँ”, “खिचड़ी विप्लव देखा हमने”, “पुरानी जूतियों का कोरस “आखिर ऐसा क्या कह दिया हम ने”, ‘अपने खेत में’, ‘इस गुब्बारे की छाया में’ । वे प्रसिद्ध उपन्यासकार भी थे । “रतिनाथ की चाची’, बलचनमा, “नयी पौध”, “बाबा बटेसरनाथ’, ‘वरुण के बेटे” आद्रि इनके उपन्यास हैं ।
नागार्जुन को भारत सरकार ने सन् 1969 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने भारत भारती सम्मान, पश्चिम बंगाल सरकार ने राहुल सांकृत्यायन सम्मान तथा साहित्य अकादमी की सर्वोच्च फेलोशिप से सम्मानित किया ।
सारांश
नागार्जुन की कविता संवेदना और ममत्व से भरी है। प्रस्तुत कविता में बेटी के प्रति पिता का वात्सल्य दिखाई देता है। विशेषकर एक ऐसे पिता का वात्सल्य जो परदेश में रहता है। अधिकतर पिता रोजगार की चिंता में अपना परिवार के पीछे छोड़ आते हैं ।
एक प्राइवेट बस का ड्राइवर है । उसे ड्राइवर बस चला रहा है आराम से और सात साल की बच्ची होती है । रोकता है बस स्टाप में । तभी नागार्जुन (कवि) बस चढते हैं और देखते हैं कि सामने गियर से ऊपर काँच की चार गुलाबी चूडियाँ हुक से लटका रख्खी हैं । वे बस की रफ्तार के अनुसार हिलती रहती हैं। कवि को संदेह होता है, तुरंत ड्राइवर से पूछता है थे चूडियाँ क्यों लटका रख्खी हैं। ढलती उम्र के बडी मूँछ के चेहरा ड्राइवर आहिस्ते से कहता है कि हाँ साहब ! यह एक तोफा है। एक बेटी ने अपने पिता को दिया है यह तोफा । लाखों बार कहने पर भी बेटी उन्हें नहीं निकालती । यहाँ अब्बा की नजरों के सामने कई दिनों से अपनी अमानत टाँगे हुए हैं ।
मैं भी (कवि) सोचता हूँ कि चूडियाँ क्या बिगाडती हैं, इनको यहाँ से किस कारण से हटा दूँ । ड्राइवर ने एक नजर मुझ पर डाला । मैं भी (कवि) एक नजर ड्राइवर पर डाला । दूध जैसा बात्सल्य ( स्वच्छ प्रेम ) बडी – बडी आँखों में गिरा दे रहा था । उनकी नजर चंचलता धेरनेवाला सीधे-साधे प्रश्न पर और फिर से सडक की ओर होगई । मैं ने (कवि) झुककर कहा हाँ भाई ! आखिर मैं भी एक पिता हूँ। बस यूँही आपसे पूछ लिया । वरना कौन नहीं पसंद करते ? छोटी – छोटी कलाइयों की गुलाबी चूडियाँ ?
गुलाबी चूडियाँ Summary in Telugu
కవి పరిచయం
కవి నాగార్జున అసలు పేరు వైద్యనాథ మిశ్ర. ఈయన 1911 సం॥లో వర్తమాన మధుబనీ జిల్లా సతలఖ గ్రామంలో జన్మించారు. ఈయన తండ్రి గోకుల్ మిశ్ర మరియు తల్లి ఉమాదేవి. ఆయన సంస్కృతంలో విద్యను అభ్యసించారు. ఆయన 05-11-1988 తేదీన మృతి చెందారు.
సారాంశము
నాగార్జున గారి కవిత వేదన మరియు మమకారంతో నిండినది. ప్రస్తుత ఈ కవితలో కూతురు యెడల తండ్రి యొక్క వాత్సల్యం కన్పిస్తుంది. ప్రత్యేకించి విదేశాల్లో ఉండే తండ్రుల వాత్సల్యం. ఎక్కువమంది తండ్రులు ఉపాధికోసం తమ కుటుంబాన్ని వదిలివస్తారు.
ఒక ప్రయివేట్ బస్ డ్రైవర్కి 7 సంవత్సరాల వయస్సున్న కూతురు ఉంటుంది. డ్రైవర్ ప్రశాంతంగా బస్ నడుపుతూ బస్టాప్ బస్ ఆపుతాడు. అక్కడ కవి నాగార్జున్ బస్సెక్కుతారు. బస్ డ్రైవర్కి ఎదురుగా పైన హుక్కి వ్రేలాడదీయబడిన నాలుగు గులాబి గాజులను చూస్తారు. అవి బస్సు వేగానికి తగ్గట్టుగా ఊగుతున్నవి. కవికి సందేహం వచ్చి ఈ గాజులు ఎందుకు వ్రేలాడదీశారని డ్రైవర్ని అడిగారు. వయస్సు మళ్ళిన పెద్ద మీసాలు గల డ్రైవర్ కవితో అవునండి ! ఇవి ఒక కూతురు తన తండ్రికి ఇచ్చిన ఒక కానుక. లక్షసార్లు చెప్పినా కూడా ఆమె వాటిని తీసివేయలేదు. ఇక్కడ తండ్రికి ఎదురుగా చాలా రోజుల నుండి తన వస్తువును వ్రేలాడ దీయబడి ఉన్నవి.
ఈ గులాబి గాజులు మనల్ని ఏంచేసాయి. ఏ కారణంచేత వాటిని ఇక్కడ నుండి తొలగించాలి అని నేను (కవి) ఆలోచిస్తున్నాను. డ్రైవర్ నాపై దృష్టి సారించాడు. నేను కూడా డ్రైవర్ మీద దృష్టి సారించాను. ఆ పెద్ద – పెద్ద కళ్ళలో స్వచ్ఛమైన ప్రేమ, ఆప్యాయత కురుస్తూ ఉండింది. ఆయన దృష్టి చంచలమైన చుట్టు ముట్టిన ప్రత్యక్ష ప్రశ్న మీద మరియు రోడ్డువైపు ఉంచాడు. నేను డ్రైవర్తో అవును సోదరా ! అయితే నేను కూడా ఒక తండ్రినే. ఊరకే మిమ్మల్ని అడిగాను అని చెప్పాను. అయినా ఎవరు ఇష్టపడరు? చిన్న చిన్న మణికట్టుల (చేతుల) గులాబీ గాజులు !!
कठिन शब्दों के अर्थ (కఠిన పదాలు – అర్ధాలు)
रफ्तार – गति, वेग, शीघ्रता, వేగం, తొందరపాటు
मुताबिक – अनुकूल, అనుకూలం
झटका – धक्का, కుదిలించుట, జాడింపు
अधेड़ – ढलती उम्र का, యవ్వనం దాటిన
रोबीला – प्रभावशाली, प्रबल, दबदबा रखनेवाला, ప్రభావశాలి
मुनिया – बेटी, కూతురు
अमानत – धरोहर, అవసరమైనపుడు పనికివచ్చెందుకు
वात्सल्य – प्रेम, स्नेह, ప్రేమ, స్నేహం
तरलता – द्रवता, तरल अवस्था, చంచలమగు, అస్ధిరమగు