TS Inter 2nd Year Hindi Grammar पत्र लेखन

Telangana TSBIE TS Inter 2nd Year Hindi Study Material Grammar पत्र लेखन Questions and Answers.

TS Inter 2nd Year Hindi Grammar पत्र लेखन

अभ्यास – 1

पत्र एक ऐसा कागज़ होता है जिस पर कोई बात लिखी या छपी हो जिसके बल पर सूचनाओं का आदान प्रदान होता है। पत्र लेखन के माध्यम से हम अपने भावों और विचारों को व्यक्त कर सकते हैं। पत्र को अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम भी माना जाता है। इससे अपनी बातों को लिखकर बहुत दूर तक पहुंचाया जा सकता है।

पत्र लेखन बहुत ही पुराना साधन है। पहले आधुनिक साधन नहीं थे इसलिए पत्रों के माध्यम से ही एक दूसरे से बात हुआ करती थी ।

  1. अपने भावों और विचारों को दूसरों से संप्रेषित करने के लिए पत्रों का प्रयोग किया जाता है । अतः व्यावसायिक, सामाजिक, कार्यालय से संबंधित विचारों को पत्रों के माध्यम से ही व्यक्त किया जाता है ।
  2. पत्रों के माध्यम से मित्रों और परिजनों के साथ संबंध स्थापित किये जा सकते हैं । इनके माध्यम से मनुष्य प्रेम, सहानुभूति, क्रोध प्रकट कर सकते हैं ।
  3. जब कार्यालय और व्यवसाय में मुद्रित रूप में पत्रों का विशेष प्रयोग किया जाता है । मुद्रित रूप के पत्रों को सुरक्षित रखा जा सकता है ।
  4. छात्रों के जीवन में भी पत्रों का बहुत महत्व होता है । छात्र को अवकाश लेने, फ़ीस माफ़ी, स्कूल छोड़ने, स्कोलरशिप पाने, व्यवसाय चुनने, नौकरी पाने के लिए पत्र की जरूरत पडती है ।
  5. पत्रों के द्वारा सामाजिक संबंधों को मजबूत किया जाता है । पत्र को भविष्य का दस्तावेज भी कहा जा सकता है ।

TS Inter 2nd Year Hindi Grammar पत्र लेखन

पत्र लेखन के लिए आवश्यक बातें :

  1. जिसके लिए पत्र लिखा जाता है उसके लिए शिष्टाचार पूर्ण शब्दों का प्रयोग करना चाहिए ।
  2. पत्र में हृदय के भाव स्पष्ट दिखाई देने चाहिए ।
  3. पत्र की भाषा आसान और स्पष्ट होनी चाहिए ।
  4. पत्र में बेकार बातें नहीं लिखनी चाहिए उसमे मुख्य विषय के बारे में ही बातें लिखी जाती हैं ।
  5. पत्र में आशय स्पष्ट करने के लिए छोटे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। 6) पत्र लिखने के बाद उसे दुबारा जरूर पढ़ना चाहिए ।
  6. पत्र प्राप्तकर्ता की आयु, संबंध और योग्यता को ध्यान में रखकर भाषा का प्रयोग करना चाहिए ।
  7. अनावश्क विस्तार से हमेशा बचना चाहिए ।
  8. पत्र में लिखा हुआ लेख साफ व स्वच्छ होना चाहिए ।
  9. भेजने वाले और प्राप्त करने वाले का पता साफ लिखा होना चाहिए ।

पत्र लेखन की सामान्य विशेषताएँ इस प्रकार होनी चाहिए :

  1. सरल भाषा का प्रयोग ।
  2. लेखन तथा भावों में स्पष्टता ।
  3. मुद्दे की बात करना । संक्षिप्तता बनाए रखना ।
  4. अपने मूल विचारों की अभिव्यक्ति करना ।
  5. उद्देश्यपूर्णता का होना ।

पत्र के अंग :

  1. संबोधन : यह पत्र भेजनेवाले और पानेवाले के परस्पर संबंध पर आधारित होता है। जैसे प्रिय महोदय (अपरिचित लोगों के लिए), पूज्यवर, मान्यवर, आदरणीय ( बड़ों के लिए), प्रिय, चिरंजीवी (छोटों के लिए), श्रीमती जी, महोदया, आदरणीया (स्त्रियों के लिए) ।
  2. अभिवादन : नमस्ते, सादर प्रणाम, प्रसन्न रहो, आशीर्वाद आदि ।
  3. विषय-वस्तु : पत्र की मूल बात ।
  4. समापन वाक्यांश और स्वनिदेश अधोलेख : अभिवादन सहित, शुभकामनाओं सहित और अधोलेख में आपका, भवदीय, शुभाकांक्षी, सस्तेही आदि ।
  5. प्रेषती का पता : प्रेषक का नाम ( बाई ओर आरंभ में), प्रेषती का पता ( अंत में), सेवा में ।

TS Inter 2nd Year Hindi Grammar पत्र लेखन

पत्र लेखन मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं :
1) औपचारिक पत्र (कार्यालयी अथवा व्यावसायिक)
ये पत्र औपचारिक संदर्भों में लिखे जाते हैं। जिन लोगों के साथ इस तरह का पत्राचार किया जाता है, उनके साथ हमारे व्यक्तिगत सबंध नहीं होते। हम उन्हें जानते तक नहीं हैं । औपचारिक परिवेश होने के कारण इन पत्रों में तथ्यों और सूचनाओं को अधिक महत्व दिया जाता है ।

2) अनौपचारिक पत्र ( निजी अथवा व्यक्तिगत )
जिन लोगों से हमारे व्यक्तिगत संबंध होते हैं, उन्हें हम अनौपचारिक पत्र लिखते हैं । इन पत्रों में व्यक्ति अपने मन की अनुभूतियों, भावनाओं, सुख – दुख की बातों आदि का उल्लेख करता है । अतः इन पत्रों को व्यक्तिगत पत्र भी कहा जाता है । इन पत्रों की भाषा शैली में अनौपचारिकता का पुट देखा जा सकता है ।

औपचारिक पत्र के उदाहरण

प्रश्न 1.
छुट्टी के लिए आवेदन पत्र ।
उत्तर:

दिनांक : 23.07.2019
स्थान : हैदराबाद ।

सेवा में,
प्रधानाचार्य,
शासकीय महाविद्यालय,
मलकपेट, हैदराबाद ।

विषय : तीन दिनों के अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र

माननीय महोदय,

सविनय निवेदन है कि पिछले दो दिनों से माँ अस्वस्थ हैं। डॉक्टर ने उन्हें तीन दिनों तक आराम करने की सलाह दी है। घर पर उनकी देख- रेख करने के लिए कोई नहीं है । अतः मैं दिनांक 24.07.2019 से 26.07.2019 तक महाविद्यालय में अनुपस्थित रहुँगा । कृपया मुझे इन तीन दिनों का अनकाश प्रदान करें ।

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धन्यवाद ।

आपका आज्ञाकारी छात्र
अभिनव कुमार,
क्र. सं. 14,
एम. पी. सी. प्रथम वर्ष ।

प्रश्न 2.
उच्च शिक्षा के लिए टी.सी. (स्थानांतरण पत्र) तथा शैक्षणिक प्रमाण – पत्र के प्रधानाचार्य को पत्र ।
उत्तर:

दिनांक : 23.07.2019
स्थान : हैदराबाद ।

सेवा में,
प्रधानाचार्य,
शासकीय महाविद्यालय,
नामपल्ली, हैदराबाद ।

विषय : उच्च शिक्षा के लिए टी. सी. ( स्थानांतरण- पत्र ) तथा शैक्षिक प्रमाण – पत्र की आवश्यकता हेतु ।

माननीय महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैंने आपके महाविद्यालय से एम. पी. सी. ग्रूप, द्वितीय वर्ष उत्तीर्ण किया है । उच्च शिक्षा के लिए मुझे टी. सी. ( स्थानांतरण- पुत्र) और बोनाफाइड (शैक्षिक प्रमाण-पत्र ) की आवश्यकता है ।

अतः आपसे निवेदन है कि उपर्युक्त प्रमाण-पत्र यथाशीघ्र देने की कृपा करें ।

धन्यवाद ।

आपका आज्ञाकारी छात्र
अभिनव कुमार,
क्र. सं. 14,
एम. पी. सी. ।

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प्रश्न 3.
बस में छूटे सामान के बारे में परिवहन अधिकारी के नाम पत्र ।
उत्तर:

दिनांक : 24.07.2019
स्थान : हैदराबाद ।

सेवा में,
श्रीमान प्रबंधक,
तेलंगाना परिवहन निगम,
हैदराबाद ।

विषय : बस में छूटे सामान के बारे में ज्ञापित करने हेतु ।

माननीय महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं आपको बस में छूटे अपने सामान के बारे में ध्यान दिलाना चाहता हूँ । मैं 23.07.2019 को बस संख्या टीएस 09 1411 से दिलसुखनगर से कोठी जा रहा था। मैं उस दिन जल्दी में था । इसी कारण बस से उतरते समय अपना बैग भूल गया । उसमें मेरी पुस्तकें रह गयी हैं। आपसे निवेदन है कि यदि आपको मेरी पुस्तकें मिली हैं तो कृपया लौटाने की कृपा करें। आशा है कि आप मेरे निवेदन पर गंभीरता से विचार करेंगें ।

धन्यवाद ।

आपका आज्ञाकारी छात्र
अभिनव कुमार,
क्र. सं. 14,
एम. पी. सी. प्रथम वर्ष ।
शामकीय महाविद्यालय,
न्यू मलकपेट ।

औपचारिक पत्र

प्रश्न 1.
परीक्षा में अच्छे अंक पाने पर भाई को बधाई देते हुए पत्र लिखिए ।
उत्तर:

दिनांक : 23.07.2019
स्थान : हैदराबाद ।

प्रिय राकेश,

शुभाशीष । आशा करता हूँ कि तुम वहाँ सकुशल होगे। तुम्हारा पत्र मिला । मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई कि तुमने पिछली परीक्षा की तुलना में इस परीक्षा में खूब मेहनत की। इसी का परिणाम हैं कि तुम्हें अच्छे अंक प्रात्प हुए । मैं तुम्हें इस सफलता के लिए ढेर सारी बधाई देता हूँ । आशा करता हूँ कि भविष्य में भी इसी तरह अच्छे अंक प्रात्प करोगे ।

तुम्हारा भैया
अभिनव कुमार,

पता :
सेवा में,
राकेश कुमार,
कक्षा : नवीं, क्र.सं. 15,
सरकारी उच्च पाठशाला,
वरंगल, तेलंगाना ।.

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प्रश्न 2.
समय का महत्व बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए ।
उत्तर:

दिनांक : 23.07.2019
स्थान : हैदराबाद ।

प्रिय नरेश,

मैं यहाँ कुशल हूँ । तुम्हारी कुशलता की प्रार्थना करता हूँ । तुमने पिछली बार परीक्षा की तैयारी के लिए उपाय पूछे थे। मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि परीक्षा की तैयारी के लिए सबसे पहला नियम समय का पालन होता है। जो व्यक्ति समय का पालन करता है, वह सदैव सफलता प्राप्त करता है। रात को जल्दी सोना और सुबह समय पर उठना एक अच्छे छात्र का लक्षण होता है । मैं भी तुम्हें परीक्षा की तैयारी के लिए समय पालन करते हुए समय सारिणी बनाकर आगे बढ़ने का सुझाव देना चाहता हूँ । आशा करता हूँ कि तुम मेरे सुझाव का अवश्य पालन करोगे ।

तुम्हारा मित्र
अभिनव कुमार,

पता :
सेवा में,
नरेश कुमार,
म. नं. 8.7.69,
गाँधीनगर, महबूबाबाद ।

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प्रश्न 3.
विज्ञान यात्रा पर जाने के लिए पिताजी से रुपये माँगने हेतु पत्र लिखिए ।
उत्तर:

दिनांक : 23 07.2019
स्थान : हैदराबाद ।

पूज्यनीय पिताजी,

सादर प्रणाम । मैं यहाँ कुशल हूँ । आपकी और माताजी की कुशलता की प्रार्थना करता हूँ । मेरी पढ़ाई अच्छी चल रही है। पत्र लिखने का कारण यह है कि महाविद्यालय की ओर से अगले सप्ताह विज्ञान यात्रा पर बेंगलूर जाने का निर्णय लिया गया है। इसमें मैं भी जाना चाहता हूँ । इस विज्ञान यात्रा में जाने के लिए एक हजार रुपये की आवश्यकता है । आश करता हूँ कि आप मुझे विज्ञान यात्रा पर अवश्य भेजेंगे ।

आपका पुत्र
अभिनव कुमार,

पता :
सेवा में,
सुरेश कुमार,
म. नं. 2.6.89,
पुराना बाजार, कामारेड्डी ।

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