TS Inter 2nd Year Hindi Grammar महावरे और लोकोक्तियाँ

Telangana TSBIE TS Inter 2nd Year Hindi Study Material Grammar महावरे और लोकोक्तियाँ Questions and Answers.

TS Inter 2nd Year Hindi Grammar महावरे और लोकोक्तियाँ

भाषा की सुंदर रचना हेतु मुहावरों एवं लोकोक्तियों का प्रयोग आवश्यक माना जाता है । ये दोनों भाषा को सजीव, प्रवाहपूर्ण एवं आकर्षक बनाने में सहायक होते हैं । यही कारण है कि हिन्दी भाषा में विभिन्न महावरों एवं लोकोक्तियों का अक्सर प्रयोग होते हुए देखा गया है।

‘मुहावरा’ शब्द अरबी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है- अभ्यास । मुहावरा अतिसंक्षिप्त रूप में होते हुए भी बड़े भाव या विचार को प्रकट करता है जबकि ‘लोकोक्तियों को ‘कहावतो’ के नाम से भी जाना जाता है ।

साधारणतया लोक में प्रचलित उक्ति को लोकोक्दि नाम दिया जाता है। कुछ लोकोक्तियाँ अंतर्कथाओं से भी संबंध रखती हैं, जैसे भगीरथ प्रयास अर्थात जितना परिश्रम राजा भगीरथ को गंगा के अवतरण के लिए करना पड़ा, उतना ही कठिन परिश्रम करने से सफलता मिलती है । संक्षेप में कहा जाए तो मुहावरे वाक्यांश होते हैं, जिनका प्रयोग क्रिया के रूप में वाक्य के बीच में किया जाता है, जबकि लोकोक्तियाँ स्वतंत्र वाक्य होती हैं, जिनमें एक पूरा भाव छिपा रहता है ।

मुहावरा :
विशेष अर्थ को प्रकट करने वाले वाक्यांश को मुहावरा कहते है । मुहावरा पूर्ण वाक्य नहीं होता, इसीलिए इसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता। मुहावरे का प्रयोग करना और ठीक ठीक अर्थ समझना बड़ा कठिन है, यह अभ्यास से ही सीखा जा सकता है ।

लोकोक्ति :
बहु अधिक प्रचलित और लोगों के मुँहचढ़े वाक्य लोकोक्तियाँ कहलाती हैं । इन वाक्यों में जनता के अनुभवों का निचोड़ या सार होता है । इनकी उत्पत्ति एवं रचनाकार ज्ञात नहीं होते ।

लोकोक्तियाँ आम जनमानस द्वारा स्थानीय बोलियों में हर दिन की परिस्थितियों एवं संदर्भों से उपजे वैसे पद एवं वाक्य होते हैं जिनका किसी रवास समूह, उम्र वर्ग या क्षेत्रीय दायरे में प्रयोग किया जाता है। इसमें स्थान विशेष के भूगोल, संस्कृति, भाषाओं का मिश्रण इत्यादि की झलक मिलती है। लोकोक्तियाँ वाक्यांश न होकर स्वतंत्र वाक्य होती हैं ।

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मुहावरों और लोकोक्तियों में अंतर :
लोकोक्ति का वाक्य में ज्यों का त्यों उपयोग होता है । मुहावरे का उपयोग क्रिया के अनुसार बदल जाता है लेकिन लोकोक्ति का प्रयोग करते समय इसे बिना बदलाव के रखा जाता है । कभी – कभी काल के अनुसार परिवर्तन सम्भव है ।

कुछ लोकप्रिय मुहावरे :

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कुछ लोकप्रिय लोकोक्तियाँ

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निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखिए:

1. अंगूठा छाप होना = अनपढ़ होना
2. अपने पाँव पर आप कुल्हाड़ी मारना = अपना नुकसान करना
3. पेट में चूहे कूदना = बहुत भूख लगना
4. तारे तोड़ लाना = मुश्किल काम करना
5. आग में घी डालना = क्रोध को और भड़काना
6. ईद का चाँद होना = बहुत दिनों के बाद दिखाई देना
7. कुएँ का मेंढ़क होना = अल्पज्ञ
8. अंधे की लाठी = एक मात्र सहारा
9. खाल खींचना = दंड देना
10. आँखों में धूल झोंकना = धोखा देना

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निम्नलिखित लोकोक्तियों के अर्थ लिखिए :

1. आ बैल मुझे मार = स्वयं मुसीबत मोल लेना
2. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे = अपराधी निरपराध को डाँटे
3. एक पंथ दो काज = एक काम से दूसरा काम हो जाना
4. एक हाथ से ताली नहीं बजती = झगडा एक ओर से नही होता
5. काला अक्षर भैंस बराबर = अनपढ़ व्यक्ति
6. खोदा पहाड़ निकली चुहिया = बहुत कंठिन परिश्रम का थोडा लाभ
7. यथा राजा तथा प्रजा = जैसा स्वामी वैसाः ही सेवक
8. पाँचों उँगलियाँ घी में होना = ‘हर’ तरफ से लाभ होना
9. आग में घी डालना = पहले से हो रहे झगडे को भड़काने की क्रिया
10. कंगाली में आटा गीला होना = परेशानी पर पेरशानी आना

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