Telangana SCERT 8th Class Hindi Study Material Telangana Pdf 4th Lesson कौन? Textbook Questions and Answers.
TS 8th Class Hindi 4th Lesson Questions and Answers Telangana कौन?
प्रश्न :
प्रश्न 1.
 चित्र में क्या – क्या दिखायी दे रहे हैं ?
 उत्तर :
 चित्र में एक लडका, लडकी सोचते हुए दिखायी दे रहे हैं। लडके की सोच में पहाड, पेड, पक्षी, इंन्द्रधनुष, झरना आदि हैं। लडकी के सोच में पहाड, पेड, सूर्य, झरना, पक्षी आदि हैं।
प्रश्न 2.
 वे क्या कर रहे हैं ?
 उत्तर :
 वे सोच रहे हैं।

प्रश्न 3.
 वे क्या सोच रहे होंगे ?
 उत्तर :
 लड़का शायद पहाड, पेड़, पक्षी और इंद्रधनुष के बारे में सोच रहा होगा। लड़की पक्षी, पेड, झरने, बादल, पहाड और सूरज आदि प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में विचार कर रही होगी।
सुनो – बोलो :
प्रश्न 1.
 पाठ में दिये गये चित्रों के बारे में बातचीत कीजिए।
 
 उत्तर :
 पाठ ‘कौन ?”‘ में चित्र बहुत सुंदर है। प्रश्नवाचक चिहन में सारे प्राकृतिक चित्र अंकित हैं। इसमें बादल पेड – पौधे, पर्वत उगता सूरज, चमकते चाँद – सितारे, इंद्रधनुष, झरने, फूल आदि दिये गये हैं।
प्रश्न 2.
 नदियों से हमें क्या लाभ हैं ?
 उत्तर :
 नदियों से हमें बहुत लाभ हैं। नदियों का पानी खेती के लिए, बहुत लाभदायक है। नदी के पानी को पीने के लिए, कपडे धोने के लिए उपयोग करते हैं। पशु – पक्षी के लिए भी नदियों के पानी बहुत उपयोगी है।
पढ़ो :
अ. कविता में आपको कौन – सी पंक्तियाँ अच्छी लर्गीं ? पढ़कर सुनाइए।
 उत्तर :
 कविता में मुझे ये पंक्तियाँ अच्छी लर्गी । अगर न होते पेड़ भला फिर हरियाली फैलाता कौन?
 अगर न होते फूल बताओ
 खिल-खिलकर मुसकाता कौन?

आ. नीचे दिये गये शब्द कविता में ढूँढकर रेखांकित कीजिए।

 उत्तर :
 1. अगर न होता चाँद रात में
 हमको दिशा दिखाता कौन?
 अगर न होता सूरज, दिन को
 सोने-सा चमकाता कौन?
2. अगर न होती निर्मल नदियाँ
 जग की प्यास बुझाता कौन?
 अगर न होते पर्वत, मीठे
 झरने भला बहाता कौन?
3. अगर न होते पेड़ भला फिर
 हरियाली फैलाता कौन?
 अगर न होते फूल बताओ
 खिल-खिलकर मुसकाता कौन?
4. अगर न होते बादल नभ में
 इंद्रधनुष रच पाता कौन?
 अगर न होते हम तो बोलो
 ये सब प्रश्न उठाता कौन?

लिखो :
अ. नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
प्रश्न 1.
 चाँद, सूरज, नदी में कुछ विशेष गुण हैं। हम सब में भी कई गुण हैं। जैसेः मेहनती, विनोदी, गंभीर आदि। इसी तरह अपने पाँच गुण लिखिए।
 उत्तर :
 हम सब मानव हैं और हम समाज में रहते हैं। विभिन्न रूपों में रहनेवाले हम में अच्छे और बुरे गुण होते हैं। वैसे तो प्रकृति की सभी चीजों में अपने – अपने विशेष गुण निहित हैं। जैसे चाँद हमें शीतलता देकर आराम व सुख पहुँचाता है। सूरज गरमी देकर प्राकृतिक सभी कामों को संपन्न करता है। नदी हम सब जीवों को सभी तरह से जीवन दान देती है। ये सब अपने गुणों का पालन करके आदर्शमय बने हुये हैं। इनसे हमें भी आदर्शमय गुण सीख लेने हैं। मैं भी अच्छे गुणों का महत्व जाननेवाला हूँ। इसलिए मैं सदा बुद्धिमानी से जीवन बिताता हूँ। सदाचारी हूँ। सब से अच्छा आचरण करता हूँ। सहनशील हूँ। कर्मशील होकर श्रम करता हूँ। समाज सेवी हूँ। सबकी भलाई चाहनेवाला हूँ। कर्तव्य – परायण हूँ। देश व समाज की सेवा में अपना जीवन सार्थक बनाने की इच्छा रखता हूँ।
प्रश्न 2.
 पेडों से हमें क्या लाभ हैं?
 उत्तर :
 पेडों से हमें कई लाभ हैं। पेड हमें छाया देते हैं। फल देते हैं। पेडों के कारण पर्यावरण में (हवा में) प्राण वायु की प्रतिशत बढ़ती है। पेडों के कारण ऋतुएँ समय पर आते हैं। वर्षा समय पर होती है। पृथ्वी को गर्मी से बचा सकते हैं। इसलिये कहा जाता है कि “वृक्षो रक्षति रक्षित:”, अर्थात हम वृक्षों की रक्षा करें तो वे हमारी रक्षा करते हैं।
आ. कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
 उत्तर :
 कवि हम से प्रश्न पूछते है कि यदि रात में चाँद नहीं होता तो हमें दिशा कौन दिखाता ? अगर सूरज न होता तो दिन में हमें प्रकाश देनेवाला और दिन को सोने-सा चमकानेवाला कौन?
 कवि हम से यह भी प्रश्न करते हैं कि अगर निर्मल नदियाँ नहीं होती तो जग की प्यास कौन बुझाता? अगर पर्वत न होते तो मीटे झरने कहाँ से निकलते ? इन्हें कौन बहाता ?
 कवि यह प्रश्न भी पूछते हैं कि अगर पेड़ न होते तो हरियाली कौन फैलाता ? अगर फूल भी न होते तो खिल-खिलकर मुसकानेवाला कौन ?
 कवि आखिर में ये प्रश्न भी हम से करते हैं कि अगर आसमान में बादल न होते तो इंद्रधनुष को रचानेवाला कौन ? अगर (यदि) हम भी न हो तो ये सब प्रश्नों को उठानेवाला कौन ?
शब्द भंडार :
अ. जो भिन्न है उन्हें कोष्ठक में लिखिए।
 अ) 1.चाँद
 2. सूरज
 3. तारा
 4. पेड़
 उत्तर :
 4. पेड़

आ) 1. पर्वत
 2. झरना
 3. नदी
 4. तालाब
 उत्तर :
 1. पर्वत
इ) 1.बादल
 2. पशु
 3. नभ
 4. इन्द्रधनुष
 उत्तर :
 2. पशु
सृजनात्मक अभिव्यक्ति :
अ. कविता में चाँद, सूरज, नदी, पर्वत, झरना, पेड, फूल, नभ, इंद्रधनुष आदि के बारे में उलेख हुआ है। अव आप किसान, अध्यापक, डॉक्टर, डाकिया आदि शब्द के द्वारा कविता आगे बढाइए।
अगर न होते किसान,
 बताओ फसल उगाता कौन?
 अगर न होते अध्यापक,
 बताओ ज्ञान फैलाता कौन?
 उत्तर :
 अगर न होते डॉक्टर
 बताओ चिकित्सा करता कौन?
 अगर न होते डाकिया
 चिट्टी घर – घर देता कौन ?

प्रशंसा:
हमारे जीवन में वृक्षों का क्या महत्व है?
 उत्तर :
 हमारे जीवन में वृक्षों का बडा महत्व है।
 1. वृक्ष हमें छाया देते हैं। वृक्ष हरियाली फैलाते हैं।
 2. वृक्ष वातावरण में संतुलन बनाये रखते हैं।
 3. वृक्ष हमें प्राणवायु देते हैं। वृक्ष फूल ओर फल देते हैं।
 4. वृक्ष वर्षा देते हैं। वृक्ष जब सूख जाते हैं, तब ईंधन के रूप में काम में आते हैं।
 5. सूखे वृक्षों की लकडी से हम कई वस्तुएँ बना सकेंगे।
परियोजना कार्य :
इंद्रधनुष का चित्र बनाइए और उसके रंगों की जानकारी इकट्टा करके पुस्तक में लिखिए।
 उत्तर :
 हमारे जीवन में रंगों का बडा महत्व है। इन्द्रधनुष में सात रंग होते हैं। वे हैं – नारंगी, लाल, हरा, पीला, बैगंनी, आसमानी, नीला। ये सभी रंग हमारे जीवन के एक – एक भावना के प्रतीक हैं। ये सभी रंग सफेद रंग के मेल से ही बनते हैं। हमारे जीवन में सभी रंग प्रभाव दिखाते हैं। यह इन्द्रधनुष सात रंगों का विचित्र और अद्भुत येल है। हमारे जीवन में जो भावनाएँ है जैसे सुख, दुःख, आशा, निराशा, क्रोध, शांत, प्रेम आदि पर इन रंगों का बडा प्रभाव होता है।

भाषा की बात :
नीचे दी गयी पंक्तियाँ पढ़िए।
 अगर न होती निर्मल नदियाँ
 जग की प्यास बुझाता कौन ?
 अगर न होते पर्वत, मीठे
 झरने भला बहाता कौन?
 ऊपर दी गयी कविता की पंक्रियों में रेखांकित शब्द नदियों और झरने की विशेषता बताने के लिए उपयोग में लाये गये हैं। ऐसे शब्दों को ‘विशेषण’ कहते हैं। अब नीचे दिये गये संज्ञा शब्दों के लिए उचित विशेषण शब्द सोचकर लिखिए।
 1. उज्चल सूरज
 2. प्रकाशमान चाँद
 3. सुंगधित फूल
 4. विशाल आसमान
 5. संदर इंद्रधनुष
Essential Material for Examination Purpose :
I. पढ़ो
पठित – पद्यांश
 नीचे दिये गये पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।
I. अगर न होता चाँद रात में
 हमको दिशा दिखाता कौन ?
 अगर न होता सूरज, दिन को
 सोने-सा चमकाता कौन ?
अगर न होती निर्मल नदियाँ
 जग की प्यास बुझाता कौन?
 अगर न होते पर्वत, मीटे
 झरने भला बहाता कौन ?
प्रश्न :
 1. उपर्युक्त पद्यांश किस पाठ का है?
 2. रात को दिशा कौन दिखाता है ?
 3. सूरज क्या करता है?
 4. जग की प्यास कौन बुझाता है?
 5. मीठे झरने कौन बहाता है?
 उत्तर :
 1. उपर्युक्त पद्यांश ‘कौन?’ पाठ का है।
 2. रात को दिशा चाँद दिखाता है।
 3. सूरज दिन को सोने सा चमकाता है।
 4. जग की प्यास नदियाँ बुझाती हैं।
 5. मीठे झरने पर्वत बहाता है।

II. अगर न होते पेड़ भला फिर
 हरियाली फैलाता कौन ?
 अगर न होते फूल बताओ
 खिल-खिलकर मुसकाता कौन?
अगर न होते बादल नभ में
 इंद्रथनुष रच पाता कौन?
 अगर न होते हम तो बोलो
 ये सब प्रश्न उठाता कौन?
प्रश्न :
 1. उपर्युक्त कविता किसने रची है?
 2. हरियाली कौन फैलाता है?
 3. खिलखिलकर कौन मुसकाता है?
 4. इंद्रधनुष कौन रचते हैं?
 5. इंद्रधनुष कहाँ दिखाई देता है?
 उत्तर :
 1. उपर्युक्त कविता बालस्वरूप राही ने रची है।
 2. हरियाली पेड़ फैलाता है।
 3. खिलखिलकर फूल मुसकाता है।
 4. इंद्रधनुष बादल रचते हैं।
 5. इंद्रधनुष आकाश में दिखाई देता है।
अपठित – पद्यांश :
 नीचे दिये गये पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।
I. कोयल। मुझको जरा बताना,
 किसले तुझे सिखाया गाना।
 तेरी बोली का मीठापन.
 मीठा कर देता है तन – मन।
 गाती है जब तू उपवन में.
 हर्ष उमडता जन-मन में।
 सुजकर लेरा ही गाना,
 उठते भाव चित्त में नाना।
प्रश्न :
 1. कोयल को क्या सिखाया गया है?
 2. कोयल की बोली कैसी होती है?
 3. कोयल की बोली किसे मीठा कर देती है?
 4. कोयल जब गती है तो क्या उमडता है?
 5. “नाना” शब्द का अर्थ क्या है?
 उत्तर :
 1. कोयल को गाना सिखाया गया है।
 2. कोयल की बोली मीठी होती है।
 3. कोयल की बोली तन – मन को मीठा कर देती है।
 4. कोयल जब गाती है तब हर्ष उमडता है।
 5. “नाना” शब्द का अर्थ है ‘अनेक’।

II. तरुवर फ़ल नहीं खात हैं, सरबर पियहि न पान।
 कहि रहीम परकाज हित, संपति संचहि सुजान ।।
प्रश्न :
 1. सुजान संपत्ति को किसके लिए संचित करता है ?
 2. कौन फल नहीं खाते हैं ?
 3. तरुवर शब्द का अर्थ क्या है?
 4. सरवर क्या नहीं पीता ?
 5. “सुजान” शब्द का विलोम शब्द क्या है?
 उत्तर :
 1. सुजान संपत्ति को परकाज हित के लिए संचित करता है।
 2. तरुवर फल नहीं खाते हैं।
 3. तरुवर शब्द का अर्थ है – पेड।
 4. सरवर पानी नहीं पीता है।
 5. सुजान – शब्द का विलोम शब्द है – दुर्जन।
III. तुलसी मीठे बचन तै, सुख उपजत चहूँ ओर।
 वसीकरण वह मन्त्र हैं, परिहरु बचन कठोर ।।
प्रश्न :
 1. किन वचनों से चारों ओर सुख उपजंता है?
 2. वसीकरण मंत्र क्या हैं ?
 3. “सुख” शब्द का विलोम शब्द क्या है?
 4. “परिहरु” शब्द का अर्थ क्या है ?
 5. कैसे वचनों को छोड़ देना चाहिए?
 उत्तर :
 1. मीठे वचनों से चारों ओर सुख उपजता है।
 2. मीठे वचन वशीकरण मंत्र हैं।
 3. सुख शब्द का विलोम शब्द ‘दुख’ है।
 4. परिहरु शब्द का अर्थ है – ‘छोड़ देना’।
 5. कठोर वचनों को छोड़ देना चाहिए।

IV. धरती के सूखे होठों पर, लाली का छा जाना।
 होता कितना सुंदर जग में है वसंत का आना।।
प्रश्न :
 1. इस दोहे में किस ऋतु का वर्णन हुआ है?
 2. सुंदर शब्द का विलोम शब्द क्या है?
 3. धरती के होंठ कैसे हैं?
 4. “धरती” शब्द का पर्याय शब्द क्या है?
 5. “वसंत” में धरती के सूखे होठों पर क्या छा जाता है ?
 उत्तर :
 1. इस दोहे में वसंत ऋतु का वर्णन हुआ है।
 2. सुंदर शब्द का विलोम शब्द है – ‘असुंदर।’
 3. धरती के होंठ सूखे हुए हैं।
 4. धरती शब्द का पर्यायवाची शब्द है – “पृथ्वी।”
 5. वसंत में धरती के सूखे होठों पर लाली छा जाती है।
II. लिखो
लघु प्रश्न :
प्रश्न 1.
 हरियाली हमारे लिए क्यों ज़रूरी है?
 उत्तर :
 हमारे पर्यावरण में हिरयाली हो तो समय पर वर्षा होती है। हरियाली पर्यावरण में संतुलन बनाये रखती है। प्रकृति सुंदर लगती है। हरियाली का अर्थ है जीव होना अंगर प्रकृति में जीव हो तो जीवों में भी जीव होता है। प्रकृति सूख गई तो जीव जीवित रहना कठिन हो जाता है।
प्रश्न 2.
 नदियों को निर्मल क्यों कहा गया होगा ?
 उत्तर :
 नदी हमेशा बहती रहती है। इसलिए नदियों में शुद्ध और निर्मल पानी दिखायी पडता है। इसीलिए नदियों को निर्मल कहा गया होगा।
प्रश्न 3.
 बाल स्वरूप राही का परिचय अपने शब्दों में लिखिए।
 उत्तर :
 बाल स्वरूप राही हिंदी के प्रसिद्ध कवि हैं। उनका जन्म 1936 में हुआ था। ‘सूरज का रथ’ उनकी प्रसिद्ध रचना है। उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं। वे एक बाल साहित्यकार हैं। वे अधिकतर कविताएँ बच्चों के लिए लिखते हैं।

प्रश्न 4.
 पर्वत हमारी सहायता कैसे करते हैं ?
 उत्तर :
 पर्वत हमारी सहायता इस प्रकार करते है:
- पर्वत हमारे देश की रक्षा करते है।
- पर्वत पर हरियाली ज्यादा रहती है।
- पर्वतों से झरने झरते हैं। इनसे लोगों को मीठा पानी मिलता है।
- ये पर्वत बादलों को रोककर सही समय पर बारिश देते हैं।
प्रश्न 5.
 निम्न कविता का भाव चार पंक्तियों में लिखिए।
 अगर न होते पेड़ भला फिर
 हरियाली फैलाता कौन?
 अगर न होते फूल बताओ
 खिल-खिलकर मुसकाता कौन?
 उत्तर :
 यह पद्य “कौन?” नामक पद्य पाठ से लिया गया है। कवि हमसे पूछते हैं कि अगर पेड़ न होते तो हरियाली फैलाता कौन? यदि फूल न होते तो खिल-खिलकर मुसकाता कौन?
प्रश्न 6.
 कविता में ‘कौन’ किन – किनके लिए प्रयोग किया गया है? उन वाक्यों को ढूँढकर अपनी उत्तर – पुस्तिका में लिखो ।
 उत्तर :
 कविता में “कौन” शब्द का प्रयोग चाँद, सूरज, नदियाँ, पर्वत, पेड, फूल, बादल और “हम” के लिए प्रयोग किया गया है।
लघु निबंध प्रश्न :
प्रश्न 1.
 कविता का सारांश अपने शब्दों में बताओ।
 उत्तर :
 कवि हम से प्रश्न पूछते हैं कि यदि रात में चाँद नही होता तो हमें दिशा कौन दिखाता ? अगर सूरज न होता तो दिन में हमें प्रकाश देनेवाला और दिन को सोने-सा चमकानेवाला कौन?
 कवि हम से यह भी प्रश्न करते हैं कि अगर निर्मल नदियाँ नहीं होती तो जग की प्यास कौन बुझाता? अगर पर्वत न होते तो मीठे झरने कहाँ से निकलते ? इन्हें कौन बहाता ?
 कवि यह प्रश्न भी पूछते हैं कि अगर पेड़ न होते तो हरियाली कौन फैलाता ? अगर फूल भी न होते तो खिल-खिलकर मुसकानेवाला कौन?
 कवि आखिर में ये प्रश्न भी हम से करते हैं कि अगर आसमान में बादल न होते तो इंद्रधनुष को – रचानेवाला कौन ? अगर (यदि) हम भी न होतो ये सब प्रश्नों को उठानेवाला कौन ?

प्रश्न 2.
 पर्वत हमारी सहायता कैसे करते हैं ?
 उत्तर :
 पर्वत हमारी सहायता इस प्रकार करते हैं।
 1. पर्वत हमारे देश की रक्षा करते हैं।
 2. पर्वत पर हरियाली ज्यादा रहती है।
 3. पर्वतों से झरने झरते हैं। इनसे लोगों को मीठा पानी मिलता है।
 4. ये पर्वत बादलों को रोककर सही समय पर बारिश देते हैं।
III. सृजनात्मक अभिव्यति :
प्रश्न 1.
 किसी विशेष यात्रा के बारे में अपने अनुभव बताते हुए किसी दोस्त के नाम पत्र लिखो।
 उत्तर :
आदिलाबाद,
 दि. ××××
प्रिय मित्र रमेश,
 तुम्हारा पत्र आज ही मिला। पढ़कर खुश हुआ। मैं यहाँ सकुशल हूँ। पिछले सप्ताह मैं अपने पाठशाला के कुछ छात्रों के साथ तिरुपति गया वहाँ के देवस्थान की धर्मशाला में हम ठहरे। भगवान बालाजी के दर्शन करके हम आनंद विभोर हो गये हैं।
 तिरुपति में हम दो दिन ठहरे । वहाँ हमने कोदंड रामस्वामी का मंदिर, गोविदराजुलुस्वामी का मंदिर, पापनाशनम, आकाशगंगा आदि देखें। उसके बाद मंगापुरम जाकर श्री पद्मावती माँ का दर्शन किया। श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय देखने भी गये। पश्चात् सींधे घर वापस आये।
 माताजी और पिताजी को मेरे प्रणाम कहना ।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
 ××××
पता :
 के. रमेश,
 गाँधीनगर
 लिगंपक्रि,
 हैदराबाद।

సారాంశము :
कवि परिचय :
कवि का नाम – बालस्वरूप राही
 जीवन काल – जन्म – 1936
 रचनाएँ – सूरज का रथ आदि
 पुरस्कार – कई बाल साहित्य पुरस्कार
ఒకవేళ రాత్రి చంద్రుడు లేకపోతే
 మాకు దారి (దిక్కు) చూపించేది ఎవ్వరు ?
 ఒకవేళ సూర్యుడు లేకపోతే,పగలును
 బంగారంలా మెరిపింపజేసేది ఎవ్వరు ?
ఒకవేళ నిర్మలమైన నదులు లేకపోతే
 ప్రపంచ దాహాన్ని తీర్చేది ఎవ్వరు ?
 ఒకవేళ పర్వతాలు లేకపోతే, తీయని
 సెలయేర్లను ప్రవహింపజేసేది ఎవ్వరు ?
ఒకవేళ చెట్లు లేకపోతే,
 పచ్చదనాన్ని వ్యాపింపచేసేది ఎవ్వరు ?
 ఒకవేళ పూలు లేకపోతే చెప్పండి
 కిలకిలమంటూ నవ్వింపచేసేది ఎవ్వరు ?
ఒకవేళ ఆకాశంలో మేఘాలు లేకపోతే
 ఇంద్రధనుస్సును రచింపజేసేది ఎవ్వరు ?
 ఒకవేళ మేము లేకపోతే చెప్పండి
 ఈ ప్రశ్నలన్నీ ప్రశ్నించేది ఎవ్వరు ?

वचन :
- रात – रातें
- पर्वत – पर्वत
- बादल – बादल
- पौधा – पौधे
- दिन – दिन
- पेड – पेड
- मैं – हम
- नदी – नदियाँ
- फूल – फूल
- प्रश्न – प्रश्न
उल्टे शब्द :
- रात × दिन
- भला × बुरा
- प्रश्न × उत्तर
- निर्मल × मलिन
- मुस्काना × रुलाना
- मीठा × कडुवा
- नभ × पृथ्वी
पर्यायवाची शब्द :
- चाँद – शशि, चंद्रमा
- सूरज – रवि, सूर्य, अनिल
- प्यास – तृषा
- फूल – पुष्प, सुमन
- रात – निशि, रजनी
- सोना – कांचन
- पर्वत – पह्डाड, गिरि
- बादल – मेघ
- दिशा – ओर
- नदी – सरोवर
- पेड – वृक्ष, तरु

प्रत्यय :
- दिशा – आ
- हरियाली – ई
- मुसकाना – आना
- दिखाता – ता
- इंद्रधनुष – धनुष
- चमकाना – आना
- उठाना – आना
उपसर्ग :
- चमकाना – चमक
- हरियाली – हरि
- निर्मल – निर
- फैलाना – फैल
- बहाना – बह
- इंद्रधनुष – इंद्र
संधि विच्छेद :
- दिखाना = दिख + आना
- निर्मल = निर + मल
- बहाना = बह + आना
- मुसकाना = मुस्क + आना
- चमकाना = चमक + आना
- बुझाना = बुझ + आना
- फैलाना = फैल + आना
- उठाना = उठ + आना
वाक्य प्रयोग :
- निर्मल – नदी का पानी निर्मल है।
- हरियाली – गाँव की हरियाली देखने लायक है।
- बादल – आसमान में बादल छा गये हैं।
- अगर – अगर तुम खूब पढ़ोगे तो तुम्हें प्रथम श्रेणी मिलेगी।
- मुसकाना – रंग – बिरंगे फूल मुसकाते हैं।
मुहावरे वाले शब्द :
1. चमकाना = उन्नत या समृद्ध करना ; सूरज दिन को सोने – सा चमकाता है।
 2. प्यास बुझाना = पानी पीकर प्यास दूर करना, शांत होना, किसी उत्कट इच्छा की पूर्ति करना। वह पानी पीकर अपना प्यास बुझाता है।
 3. चल पडना = रवाना होना
 गंगाराम अपने परिवार के साथ हैदराबाद चल पडा।
 4. खिल उठना = खुशी, बगीचे में खिल उठे फूल देखकर उनका मन खिल उटता हैं।

शब्दार्थ (అర్ధములు) (Meanings) :

