TS 8th Class Hindi Guide 5th Lesson धरती की आँखें

Telangana SCERT 8th Class Hindi Study Material Telangana Pdf 5th Lesson धरती की आँखें Textbook Questions and Answers.

TS 8th Class Hindi 5th Lesson Questions and Answers Telangana धरती की आँखें

प्रश्न :

प्रश्न 1.
चित्र में क्या – क्या दिखाई दे रहे हैं?
उत्तर :
चित्र में रात के समय का आसमान, चाँद – सितारे आदि दिखायी दे रहे हैं।

प्रश्न 2.
टिमटिमाना, चमकना जैसे शब्दों का संबंध किससे हैं ?
उत्तर :
टिमटिमाना, चमकना जैसे शब्दों का संबंध तारों से हैं।

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प्रश्न 3.
इन्हें देखकर हम क्या सोचते हैं ?
उत्तर :
इन्हें देखकर हम यह सोचते हैं कि ये आकाश में कैसे लटक रहे हैं। ये दिन भर कहाँ रहते हैं आदि।

सुनो – बोलो :

प्रश्न 1.
पाठ में दिये गये चित्रों के बारे में बातचीत कीजिए।
उत्तर :
पाठ से संबंधित पहले चित्र में चाँद है। (आसमान में) दो मेघ भी है, जो चाँद को ओझलकर रहे हैं। दूसरे चित्र में एक आदमी लेटकर (पलंग पर) सो रहे हैं। शायद वह राजा हो सकता है। तीसरे चित्र में राजा बडी सोच में पड गये हैं।
चौथे चित्र में समुद्र (या नदी) में एक व्यक्ति नाव ले जा रहे हैं।
पाँचवे चित्र में किसी स्थान पर एक मंदिर दिखायी दे रहा है। याने वहाँ कोई उत्सव हो रहा है। लोगों का भीड भी है। मंदिर पर झंडा लहरा रहा है।
छठवें चित्र में टी.वी पर क्रिकेट खेल का प्रदर्शन हो रहा है। यह प्रदर्शन समाचार उपग्रहों की सहायता से प्रसारित हो रहा है।
प्रस्तुत इस चित्र में तो सौरमंडल पर एक कृत्रिम उपग्रह उड रहा है। शायद वह अंतरिक्ष तथा सौरमंडल के ग्रहों के बारे में जानकारी देने के कार्यक्रम में लगा हुआ है।

प्रश्न 2.
इस पाठ का नाम “धरती की आँखें’ क्यों रखा गया होगा?
उत्तर :
इस पाठ में कृत्रिम उपग्रहों के बारे में उनके कामों के बारे में बताया गया है। समीप भविष्य में होनेवाली मौसम, वातावरण संबंधी समाचार को हमें ये देता है। इसलिए इस पाठ का नाम ‘धरती की आँखें’ रखा गया होगा ।

पढ़ो :

अ. पाठ पढ़िए। कारण बताइए।

प्रश्न 1.
राजा के व्यवहार से सभी खुश थे, क्योंकि
उत्तर :

राजा खजाने का मुँह खोल देता और उन्हें सम्मानित करता है।

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प्रश्न 2.
उपग्रह सचमुच धरती की आँखें हैं। क्योंकि
उत्तर :
वे सब देख लेते हैं। इनकी नज़र बड़ी तेज़ होती है।

आ. पाठ पढ़िए। ‘इसलिए’ शब्द का प्रयोग करते हुए वाक्य फिर से लिखिए।

जैसे-
राजा के व्यवहार से सभी खुश थे।
वे राजा के लिए सब कुछ करने को तैयार थे।

राजा के व्यवहार से सभी खुश थे इसलिए वे राजा के लिए सब कुछ करने को तैयार थे।

प्रश्न 1.
चाँद ने राजा की सहायता की। राजा ने धन्यवाद दिया।
उत्तर :
चाँद ने राजा की सहायता की इसलिए राजा ने धन्यवाद दिया।

प्रश्न 2.
इन उपग्रहों की नजर तेज है। इनसे कोई बात छिपी नहीं रहती।
उत्तर :
इन उपग्रहों की नज़र तेज़ है इसलिए इनसे कोई बात छिपी नहीं रहती।

लिखो :

अ. नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
राजा की जगह यदि तुम होते तो क्या करते ?
उत्तर :
राजा की जगह यदि में होता तो में भी राजा के जैसे ही अपने सपनों को दूसरों से कहकर उसके बारे में चर्चा करता। सपनों को पूरा करने का प्रयास करता। सबके राय लेता।

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प्रश्न 2.
सपनों को पूरा करने के लिए आप क्या करना चाहिए?
उत्तर :
सपने तो सभी लोग देखते ही हैं। सपने तो अच्छे और बुरे दोनों तरह के होते हैं। अपने अच्छे सपनों को साकार करने के लिए हर एक मानव को प्रयत्न करना पड़ता है। मुझे भी अपने सपनों को साकार व पूरा करने में खूब परिश्रम करना चाहिए। आत्मविश्वास के साथ रहना चाहिए। कार्य योजना बनाकर लगन से कोशिश करनी चाहिए। समस्या के होने पर विद्वानों से चर्चा करनी चाहिए। निराश न होकर वैज्ञानिक ढंग से सोचना चाहिए। मिलजुलकर काम करते नूतनोत्साह के साथ दोबारा सफल बनाने का प्रयत्न करना चाहिए। तभी में अपने सपनों को पूरा कर सकूँगा।

आ. इस पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। वह सपने देखता था। उन्हें पूरा करने का प्रयास करता था। दरबार में बुद्धिमानों के सामने सपने सुनाता था। उन्हें पूरा करने में उनकी सहायता लेता। इस प्रयन्न में सफल होने पर उनको सम्मानित करता। असफलता पर निराश नहीं होता बल्कि उनका उत्साह बढाता। राजा के व्यवहार से सभी खुश थे।
राजा के नाव समुद्र में कई मील दूर जाते व्यापार करते थे । इस प्रकार राजा का राज्य का भी दूर-दूर तक विस्तार हुआ। कभी – कभी राजा का नाव समुद्र में डूब जाता था और कभी – कभी उन पर हमला होता था।
इसकी सूचना उसे तुरंत नहीं मिलती थी। उन्हें सहायता भेजने में भी विलंब होता था। कहीं कोई उत्सव होतो उसे राजा न देख पाता और न जान पाता। एक दिन राजा चाँदनी रात का आनंद ले रहा था।
अचानक उसे नींद आ गयी। उसने एक सपना देखा। उस सपने में चाँद के दो ऑखें हैं, मुँह है। वह कहता है कि समुद्र में तूफ़ान आनेवाला है । में अभी तुम्हारे नाव को सूचित करता हूँ कि मार्ग बदल लें। तुम्हारे राज्य पर किसी ने हमला किया। शीप्र ही सहायता के लिए सेना भेजो। राज्य के पूर्व में एक उत्सव मनाया जा रहा है। तरह – तरह के खेलों का आयोजन हो रहा है। राजा ने सपने में ही चाँद को धन्यवाद दिया।
राजा ने अगले दिन सपने के बारे में दरबार में कहा। कुछ दिन के बाद न राजा रहां और न दरबारी, तब राजा का सपना सचमुच सच हो गया। आज सैकडों कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। अंतरिक्ष में ये चक्कर काट रहे हैं। ये धरती की ऑखें समान हैं।
ये मौसम संबंधी, तूफ़ानों संबंधी, धरती पर होनेवाले तरह-तरह के विस्फोट आदि के बारे में पहले पहचान लेकर हमें सूचित करते हैं। इन उपग्रहों की नज़र तेज़ है। ये सैकडों मील दूर से चित्र खींचते हैं। शत्रुओं की सैनिक सूचना भी हमें देते हैं।

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शब्द भंडार :

अ. निम्न लिखित शब्दो के पर्यायवाची शब्द लिखिए। वाक्य प्रयोग कीजिए।

1. प्रयास = श्रम प्रयास का फल अच्छा होता है।
2. यश = कीर्ति अच्छे कार्यों से ही यश मिलती है।
3. उत्सव = त्योहार उत्सवों से बहुत आनंद मिलता है।
4. चाँद = शशि पूर्णिमा के दिन चाँद की चाँदनी खूब होती है।

आ. कृत्रिम उपग्रह हमारी सहायता करते हैं। वे हमें क्या – क्या सहायता करते हैं। बताओ।
जैसे – मौसम : हमें मौसम की जानकारी देते हैं।
सूचना : हमें समुद्र में उठते तूफ़ान संबंधी सूचना देते हैं।
खनिज : हमें खनिज पदार्थों की प्राप्ति प्रांतों के बारे में सूचना देते।
समाचार : हमें देश-विदेश संबंधी समाचारों को टेलीविजन कार्यक्रमों के रूप में देते हैं।

सृजनात्मक अभिव्यक्ति :

अपने सपने के बारे में कविता बनाओ और सुनाओ।

मुझे आता है रोज़ एक सपना,
उसमें रहता है एक दोस्त अपना।
कहता है मैं सफ़ेद रहता हूँ।
रोज रात में तुम से बाते करता हूँ।
कहता है मैं तारों के बीच रहता हूँ,
तुम से बहुत दूर रहता हूँ।
दिन के समय में छुपा रहता हूँ,
रात होते ही निकल आता हूँ।
कभी – कभी चाँदनी बरसाता हूँ,
कभी – कभी छुप जाता हूँ।
…. मै ने पूछा कि कौन है तू ?
उसने कहा कि चाँद हूँ में।

प्रशंसा :

पाठ में बताया गया है कि अब उपग्रह शिक्षक का भी काम कर रहे हैं। वे शिक्षक के रूप में क्या – क्या काम कर सकते हैं? सोचकर लिखो।
उत्तर :
आजकल ये उपग्रह हमारे लिए शिक्षक का भी कार्य कर रहे हैं। ये उपग्रह अंतरिक्ष में घूमते – घूमते मौसम को बहुत पहले ही पहचानकर आनेवाले खतरों से केवल किसानों को ही नही बल्कि सभी लोगों को सावधान कर देते हैं। पृथ्वी के बारे में अनेक प्रकार की जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। इनके द्वारा ही पृथ्वी पर जल, खनिज पदार्थ के बारे में भी पता लगा सकते हैं। छात्रों के लिए भी शिक्षक के समान नयी-नयी बातें सिखा रहे है।

दूरदर्शन के माध्यम से दूर शिक्षा के अन्तर्गत पढ़ाई का काम भी चालू में है। ये सब संचार उपग्रहों के द्वारा साध्य हो रहे हैं। संचार उपग्रह द्वारा मुख्य रूप से टेलीफ़ोन, रेडियो और टेलीविजन संदेश धरती के एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजे जाते है।

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भाषा की बात :

1. वह नित्य नये सपने देखता।
2. आपका यह सपना अवश्य सच होगा।
3. वे सब देख लेते हैं।
ऊपर दिये गये वाक्यों में वह, यह, वे शब्द संज्ञा अथवा नाम के स्थान पर आये हैं। व्याकरण की दृष्टि से ऐसे शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। में, हम,तू, तुम, आप, यह, वह, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या आदि शब्द भी सर्वनाम के उदाहरण हैं। सर्वनाम के छह भेद हैं। वे हैं –

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अब नीचे दिये गये अनुच्छेद में से तीन सर्वनाम शब्द ढूँढ़िए। उन शब्दों का वाक्य में प्रयोग – कीजिए।
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी को जवाहरलाल नेहरू की तरह ही बच्चों से काफ़ी लगाव है। वे जहाँ भी जाते हैं, बच्चों से अवश्य मिलते हैं। उन्हें स्वप्र देखने और उसे पूरा करने का संदेश देते हैं। एक दिन कलाम जी किसी सभा को संबोधित कर बाहर निकल रहे थे, तब उनकी दृष्टि एक छोटी-सी मासूम लड़की पर पडी, जो उनके हस्ताक्षर लेना चाहती थी। जब कलाम ने उस लड़की से पूछा, ‘बेटी! तुम्हारा नाम क्या है ? और तुम क्या चाहती हो?” तब उस लड़की ने अपना नाम बताते हुए कहा, ‘मैं विकसित भारत में रहना चाहती हूँ।’ लड़की के इस उत्तर से वे अत्यधिक प्रभावित हुए और ‘विजन – नामक पुस्तक में भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए उन्होंने अनेक सुझाव दिये।
उत्तर :
तुम, मैं, वे 1. मैं अध्यापक हूँ। 2. तुम कहाँ जा रहे हो? 3. वे मैदान में खेलते हैं।

परियोजना कार्य :

कृत्रिम उपग्रहों के बारे में जानकारी इकद्धा कीजिए।
उत्तर :
किसी ग्रह की परिक्रमा करने वाला ग्रह उसका उपग्रह कहलाता है। जैसे – चंद्रमा, पृथ्वी का उपग्रह है। मनुष्य ने भी कुछ कृत्रिम उपग्रह तैयार किये है। कृत्रिम उपग्रह का संबंध अंतरिक्ष विज्ञान से है।
विश्व में आज अंतरिक्ष – विज्ञान के क्षेत्र में जो होड लगी हुई है, उसमें हमारा देश भारत भी कही पीछे नहीं है। हमारे देश ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की है।

1974 में भारत ने अंतरिक्ष में अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट स्थापित किया था। 1981 में एपल, 1981 में भास्कर द्वितीय, 1983 में रोहिणी उपग्रह बीर’ को श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष में भेजा गया। पहले भारत अन्य क्षेत्रों से उपग्रह अंतरिक्ष में भेजता था, दूसरों की सहायता पर अब वह इससे भी स्वावलंबी हो चुका है। भारत के उपग्रहों के फलस्वरूप भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान का महत्व एक स्वर में विश्व ने स्वीकार किया भारत ने हालही में 2001 से 401 रन भारवाला जी. एस.एल. वी प्रक्षेपण यान छोडा तत् पंश्चात् भारत उपग्रहों को छोडने में आत्मनिर्भर हो गया।

2003 में इसरो द्वारा निर्मित इन्सेट 3A नामक बहु उद्देशीय, सबसे बडा उपग्रह अन्तरिक्ष में छोड़ा गया। इसका प्रयोग दूरसंचार, दूरदर्शन, प्रसारण जैसी अनेक सेवाओं के लिये किया जायेगा। यह 10 घंटे 47 मिनिट में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करेगा अब जी.एस.एल.वी. के सफलता के बाद भारत उपग्रह के प्रक्षेपण का व्यवसाय करनेवाले देश में शामिल हो जायेगा। अंतरिक्ष अनुसंधान में ‘इसरो’ की भूमिका नगण्य है। अब तक भारत ने 18 प्रक्षेपणों में चार बार असफलता और एक बार आर्धसफलता से भी वैज्ञानिक निराश नहीं हुए। बढते तेज कदमों में वह दिन दूर नही जब भारतीय उपग्रह चांद तक पहुँचने में सफल हो जायेंगे। भारतीय अनुसंधान विज्ञान की प्रगति से भारतीय वैज्ञानिक की अद्भुत प्रतिभा, साहस, धेर्य, क्षमता, जिज्ञासा की भावना प्रकट हो रही है। हमें अपने देश के इस क्षत्र में अपूर्व योगदान देनेवाले वैज्ञानिकों को पाकर अत्यंत गर्व और स्वाभिमान होता है।

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Essential Material for Examination Purpose :

1. पढ़ो :
पठित – गद्यांश
कीचे दिये गये गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।
।. सोचते – सोचते राजा को नींद आ गयी। उसने एक विचित्र सपना देखा। राजा को लगा जैसे चाँद की दो आँखें हैं, मुँह है । चाँद अपनी बड़ी – बड़ी आँखों से इधर-उधर देख रहा है और कह रहा है, देखो, वह तुम्हरी नाव चली जा रही है। अं! समुद्द में तूफान आने बाला है। चिंता मत करो। मैं अभी तुम्हारी नाब को सूचित करता हूँ कि बह अपना मार्ग बदल लें । अरे! तुम्हारे राज्य पर किसी ने हमला किया है, शीध्र ही सहायता के लिए सेना भेजो। वह देखो, तुम्हारे राज्य के पूर्व में उत्सब मनाया जा रहा है। तरह – तरह के खेलों का आयोजन हो रहा है।

प्रश्न :
1. यह गद्यांश किस पाठ से है?
2. राजा ने किसकी आँखें देखी ?
3. कहाँ पर तूफान आने वाला है?
4. राज्य की किस दिशा में उत्सव मनाया जा रहा है?
5. किसने सपना देखा ?
उत्तर:
1. यह गद्यांश ‘धरती की आँखें’ पाठ से है।
2. राजा ने चाँद की आँखें देखी।
3. समुद्र में तूफ़ान आने वाला है।
4. राज्य की पूर्व दिशा में उत्सव मनाया जा रहा है।
5. राजा ने सपना देखा।

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II. राजा के व्यवहार से सभी खुश थे। वे राजा के लिए सब कुछ करने को तैयार रहते। इसी कारण राज्य दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति कर रहा था। राजा के नाव समुद्र में हज़ारों मील दूर जाते। उसका यश फैलाते। नयी बस्तियाँ बसाते। व्यापार करते । इस प्रकार उस राजा का राज्य दूर – दूर तक फैल गया। किंतु इसके साथ – साथ राजा की कठिनाइयाँ भी बढ़ गयीं। कभी कभी राजा का नाब या जहाज़ डूब जाता या हमले का शिकार हो जाता तो उसे तुरंत सूचना नहीं मिल पाती । इसी तरह यदि किसी क्षेत्र में कोई भयानक स्थिति पैदा हो जाती या कहीं कोई उत्सव आदि होता तो राजा न तो उसे देख पाता और न ही शीघ्र जान पाता। ऐसे में सहायता भेजने में भी विलंब होता।

प्रश्न :
1. किसके व्यवहार से सभी खुश थे ?
2. राजा के नाव समुद्र में कितनी दूर जाते ?
3. ‘राजा’ का विलोम शब्द क्या है?
4. राजा का राज्य कितनी तेजी से उत्नति कर रहा था ?
5. राजा को सहायता भेजने में देर क्यों होती थी ?
उत्तर:
1. राजा के व्यवहार से सभी खुश थे।
2. राजा के नाव समुद्र में हजारों मील दूर जाते।
3. ‘राजा’ का विलोम शब्द ‘रंक’ है।
4. राजा का राज्य दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति कर रहा था।
5. राजा को सहयाता भेजने में देर होती क्योंकि उसे सूचना देर से मिलती थी।

III. कृत्रिम उपग्रह सचमुच धरती की चक्कर काटती आँखों के समान हैं। वे सब देख लेते हैं । समुद्र में उठते तूफ़ान, धरती पर होने वाले तरह – तरह के विस्फोट, यहाँ-वहाँ चलने वाले भयानक युद्ध। यही नहीं, वे मौसम को बहुत पहले पहचान लेते हैं और आने वाले खतरों से सावधान कर देते हैं। अंतरिक्ष तथा सौरमंडल के ग्रहों के बारे में जानकारी देते हैं जिनसे इन च. हों की यात्रा का मार्ग तैयार होता है ये पलक झपकते संदेशों को, चित्रों को और टेलीविजन कार्यक्रमों को हजारों मील दूर पहुँचाते हैं।

प्रश्न :
1. कुत्रिम उपग्रह किसके समान हैं?
2. कृत्रिम उपग्रह क्या – क्या देखा लेते हैं?
3. कौन अंतरिक्ष तथा सौरमंडल के ग्रहों के बारे में जानकारी देते हैं?
4. कुत्रिम उपग्रह पलक झपकते संदेशों को, चित्रों को और टेलीविजन कार्यक्रमों को कहाँ पहुँचाते हैं?
5. यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर:
1. कृत्रिम उपग्रह आँखों के समान है।
2. कृत्रिम उपग्रह समुद्र में उठते तूफान, धरती पर होने वाले तरह – तरह के विस्फोट, यहाँ – वहाँ चलने वाले भयानक युद्ध देख लेते है।
3. कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष तथा सौरमंडल के ग्रहों के बारे में जानकारी देते हैं।
4. कृत्रिम उपग्रह पलक झपकते संदेशों को, चित्रों को और टेलीविजन कार्यक्रमों को हजारों मील दूर पहुँचते हैं।
5. यह गंद्यांश ‘धरती की आँखें’ पाठ से लिया गया है।

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अपठित – गद्यांश
नीचे दिये गये गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।

I. बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। वह नित्य नये सपने देखता था। उन्हें पूरा करने का प्रयास करता था। दरबार के गुणी और बुद्धिमान लोगों को सपने सुनाता। उन्हें पूरा करने में उनकी सहायता लेता। सपने पूरा करने के लिए अपने खजाने का मुँह खोलता। सफल होने पर उनको सम्मानित करता। असफलता पर निराश नहीं होता बल्कि उनका उत्साह बढाता। कमियों को पूरा करके दोबारा प्रयत्न करने को प्रेरित करता।

प्रश्न :
1. राजा नित्य क्या देखता था ?
2. राजा अपने सपने किसे सुनाता था?
3. राजा अपने खजाने का मुँह क्यों खोलता था ?
4. सपने सफल होने पर उनको क्या करता था ?
5. असफलता पाने पर निराश होने के बजाय राजा क्या करता था ?
उत्तर:
1. राजा नित्य नये सपने देखता था।
2. राजा अपने सपने दरबार के गुणी और बुद्धिमान लोगों को सुनाता था।
3. राजा अपने खजाने का मुँह अपने सपने पूरा करने के लिए खोलता था।
4. सपने सफल होने पर उनको सम्मानित करता था।
5. असफलता पाने पर निराश होने के बजाय राजा उनका उत्साह बढ़ाता था।

II. हमें हर बालक को पर्यावरण की शिक्षा के प्रति जागरूक करना होगा। हर कक्षा की किताबों में पर्याबरण के पाठ अवश्य होने चाहिए। विकास को रोक्ने के लिए में नहीं कहती। मैं यह कहना चाहती हूँ। जैबमित्र तकनीकों में बढोतरी होनी चाहिए। जो सस्ती और अच्छी हो। ऐसी संसाधनों का उपयोग होना चाहिए जो पुन् प्राप्त कित्ये जा सक्ते हैं।

प्रश्न :
1. बालकों को किसके प्रति जागरूक होना है?
2. कक्षा की किताबों में कैसे पाठ होना चाहिए?
3. विकास को बढाने के लिए किस तरह की तकनीकों में बढोत्तरी होनी चाहिए ?
4. किस तरह के संसाधनों का उपयोग करना चाहिए?
5. “जान में जान आना” मुहावरे का अर्थ लिखिए।
उत्तर:
1. बालकों को पर्यावरण के शिक्षा के प्रति जागरूक होना है।
2. कक्षा की किताबों में पर्यावरण के पाठ होना चाहिए।
3. विकास को बढ़ाने के लिए जैवमित्र तकनीकों में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए।
4. सस्ती और अच्छी तरह के और पुनः प्राप्त किये जाने वाले संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।
5. जान में जान आना मुहावरे शब्द का अर्थ है – “होश में आना”।

III. आजकल हमारे भारत में इतिहास का निर्माण हो रहा है। बापू ने भारतवासियों के दुःखों को दूर करने के लिए आंदोलन छेडा है। में और तुम बहुत भाग्यशाली हैं कि यह आंदोलन हमारे आँखों के सामने हो रहा है और हम भी इसमें कुछ भाग ले रहे हैं। एक महान उद्देश्य हमारे सामने है। और इसकी पूर्ति के लिए बहुत कुछ करना है।

प्रश्न :
1. आजकल हमारे भारत में किसका निर्माण हो रहा है?
2. भारतवासियों के दु:खों को दूर करने के लिए किसने आंदोलन छेडा ?
3. यह आंदोलन किसके सामने हो रहा है ?
4. इस अनुच्छेद में किस उद्देश्य की पूर्ति की बात की गयी है?
5. भारत में रहने के कारण हम सब क्या कहलाते हैं?
उत्तर:
1. आजकल हमारे भारत में इतिहास का निर्माण हो रहा है।
2. भारतवासियों के दुखों को दूर करने के लिए बापू ने आंदोलन छेडा।
3. यह आंदोलन हमारे आँखों के सामने (नेहरू और इंदिरा गाँधी) हो रहा है।
4. इस अनुच्छेद में इस उद्देश्य की पूर्ति की बात की गई है कि – “एक महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए बहुत कुछ करना है।
5. भारत में रहने के कारण हम सब भाग्यशाली हैं।

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II. लिखो :

लघु प्रश्न :

प्रश्न 1.
उपग्रहों को जासूस क्यों कहा गया होगा?
उत्तर :
उपग्रह धरती से संबंधित कई विषय, तथा मौसम को बहुत पहले ही पहचान लेते हैं और आने वाले खतरों से जासूस की तरह सावधान कर देते हैं। इन उपग्रहों की नज़ बडी तेज़ है। इनसे कोई बात छिपी नहीं रहती । इसलिए इनसे बढ़िया जासूस कोई नहीं हो सकता।

प्रश्न 2.
अपने सपने पूरे करने के लिए राजा क्या करता था ?
उत्तर :
अपने सपने पूरे करने के लिए राजा अपने खजाने का मुँह खोल देता था। सफल होने पर उनको सम्मानित करता था आसफलता पर निराश न होकर कमियों को पूरा करके दोबारा प्रयत्न करने को प्रेरित करता था।

प्रश्न 3.
सपनों को सच करने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर :
सपनों को सच करने के लिए खूब परिश्रम करना चाहिए। आत्मविश्वास के साथ रहना चाहिए। काम योजना बनाकर करनी चाहिए। समस्या होने पर विद्वानों से चर्चा करनी चाहिए। वैज्ञानिक ढंग से सोचना चाहिए। मिलजुलकर काम करना चाहिए। किताबों और इंटरनेट से संबंधित जानकारी लेनी चाहिए। तब हम अपने सपनों को सच कर सकते हैं।

लघु निबंध प्रश्न :

प्रश्न 1.
राजा ने एक दिन क्या सपना देखा ?
उत्तर :
एक दिन राजा चांदनी रात का आनंद लेते हुए सो गया। उसने एक विचित्र सपना देखा। राजा को लगा जैसे चाँद की दो आँखें हैं, मुँह है। चाँद अपनी बडी – बडी आँखों से इधर – उधर देख रहा है और कह रहा है देखो, वह तुम्हारा नाव चला जा रहा है। अरे ! समुद्र में तूफ़ान आनेवाला हैं। चिंता मत करो में अभी तुम्हारे नाव को सूचित करता हूँ कि वह अपना मार्ग बदल लें। अरे ! तुम्हारे राज्य पर किसी ने हमला किया है शीघ्र ही सहायता के लिए सेना भेजो । वह देखो, तुम्हारे राज्य के पूर्व में उत्सव मनाया जा रहा है। तरह – तरह के खेलों का आयोजन हो रहा है। राजा नें सपने में ही चाँद को धन्यवाद दिया।

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प्रश्न 2.
उपग्रह किन – किन वातों की जानकारी देते हैं?
उत्तर :
कृत्रिम उपग्रह धरती की चक्कर काटती रहती हैं। वे सब कुछ देख लेते हैं। समुद्र में उठते तूफ़ान , धरती पर होनेवाले तरह-तरह के विस्फोट, यहाँ, वहाँ चलनेवाले भयानक युद्ध तथा मौसम को बहुत पहले ही पहचान लेकर आनेवाले खतरों से सावधान कर देते हैं। अंतरिक्ष तथा सौरमंडल के ग्रहों के बारे में जानकारी देते हैं। पलक झपकते समय में ही संदेशों को, चित्रों को, टेलीविजन के कार्यक्रमों को हज़ारों मील पहुँचाते हैं। आजकल वे हमारे लिये शिक्षक का भी कार्य कर रहे हैं। ये सैकडों मील की ऊँचाई से चित्र खींचते हैं और शत्रु की सैनिक तैयारियों के बारे में जानकारी देते हैं।

प्रश्न 3.
‘धरती की आँखें’ पाठ का सारांश अपने शब्दों में बताओ।
उत्तर :
बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। वह सपने देखता था। उन्हें पूरा करने का प्रयास करता था। दरबार में बुद्धिमानों के सामने सपने सुनाता था। उन्हें पूरा करने में उनकी सहायता लेता। इस प्रयत्न में सफल होने पर उनको सम्मानित करता। असफलता पर निराश नहीं होता बल्कि उनका उत्साह बढाता। राजा के व्यवहार से सभी खुश थे।
राजा के नाव समुद्र में कई मील दूर जाते व्यापार करते थे। इस प्रकार राजा का राज्य का भी दूर-दूर तक विस्तार हुआ। कभी-कभी राजा का नाव समुद्र में डूब जाता था और कभी – कभी उन पर हमला होता था।
इसकी सूचना उसे तुरंत नहीं मिलती थी। उन्हें सहायता भेजने में भी विलंब होता था। कहीं कोई उत्सव हो तो उसे राजा न देख पाता और न जान पाता। एक दिन राजा चाँदनी रात का आनंद ले रहा था।

अचानक उसे नींद आ गयी। उसने एक सपना देखा। उस सपने में चाँद के दो आँखें हैं, मुँह है। वह कहता है कि समुद्र में तूफ़ान आनेवाला है । मैं अभी तुम्हारे नाव को सूचित करता हूँ कि मार्ग बदल लें। तुम्हारे राज्य पर किसी ने हमला किया। शीघ्र ही सहायता के लिए सेना भेजो। राज्य के पूर्व में एक उत्सव मनाया जा रहा है। तरह – तरह के खेलों का आयोजन हो रहा है। राजा ने सपने में ही चाँद को धन्यवाद दिया।
राजा ने अगले दिन सपने के बारे में दरबार में कहा। कुछ दिन के बाद न राजा रहा और न दरबारी। तब राजा का सपना सचमुच सच हो गया। आज सैकडों कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। अंतरिक्ष में ये चक्कर काट रहे हैं। ये धरती की आँखें समान हैं।
ये मौसम संबंधी, तूफ़ानों संबंधी, धरती पर होनेवाले तरह-तरह के विस्फोट आदि के बारे में पहले पहचान लेकर हमें सूचित करते हैं। इन उपग्रहों की नज़र तेज़ है। ये सैकडों मील दूर से चित्र खींचते हैं। शत्रुओं की सैनिक सूचना भी हमें देते हैं।

III. सृजनात्मक अभिव्यक्ति :

प्रश्न 1.
अपनी पढाई का वर्णन करते हुए पिताजी के नाम पर एक पत्र लिखिए।
उत्तर :

हैदराबाद,
दि : ××××

पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम में यहाँ कुशल हूँ। आपका लिखा पत्र कल ही मिला। सारे विषय मालूम हुए। मेरा स्वास्थ्य ठीक है । मैं लगन से पढ रहा हूँ। परीक्षाएँ भी अच्छी तरह लिख रहा हूँ। आप निश्चिंत रहिए। आगामी छुट्टियों में में अवश्य घर आऊँगा।
माताजी को मेरा प्रणाम कहना। बहिन को शुभ आशीश।

आपका प्रिय पुत्र,
××××

पता :
वी. रामाराव जी,
घ. न.3-8-31/3,
निज़ामाबाद।

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సారాంశము :

చాలా (ప్రాచీన) కాలం నాటి మాట. ఒక రాజు ఉండెను. అతడు నిత్యం కొత్త కొత్త కలలు కనేవాడు. వానిని పూర్తి చేయడానికి ప్రయత్నించేవాడు. రాజదర్బారులోని గుణవంతులు మరియు బుద్ధిమంతులకు తన కలలను వినిపించేవాడు. వాటిని పూర్తిచేయుటకు వారి సహాయం తీసుకునేవాడు. తన కలలను పూర్తి చేయుటకు తన ఖజానా నుండి డబ్బును ఖర్చు పెట్టేవాడు. ఆ పనిలో సఫలమైతే వారిని సన్మానించేవాడు. విఫలమైతే నిరాశ చెందేవాడు కాదు కానీ వారిని ఉత్సాహపరిచేవాడు. లోటును పూరించుకుని (తప్పులను సవరించుకుని) మరలా తిరిగి ప్రయత్నించమని వారిని ప్రేరేపించేవాడు.

రాజు వ్యవహారం పట్ల ప్రజలంతా చాలా సంతోషంగా ఉన్నారు. వారు రాజుగారి కోసం ఏమైనా సరే చేయడానికి సిద్ధరిగా ఉండేవారు. ఈ కారణంగానే ఆ రాజ్యం రోజురోజుకీ అభివృద్ధి చెందుతూ ఉన్నది. రాజుగారి పడవలు సముద్రంలో వేల మైళ్ళ దూరం ప్రయాణం చేస్తాయి. ఆయన కీర్తిని వ్యాపింపచేస్తాయి. నూతన బస్తీలను ఏర్పాటు చేసేవి. వ్యాపారం చేసేవి. ఈ విధంగా ఆ రాజుగారి రాజ్యం దూర దూరాలకు వ్యాపించింది. కానీ దీనికి తోడుగా కొన్ని సమస్యలు కూడా తలెత్తాయి (పెరిగిపోయాయి). అప్పుడప్పుడు రాజుగారి పడవలు లేదా ఓడలు మునిగిపోతూ ఉండేవి. వీటిపై ఎవరైనా దాడిచేస్తే ఆ సమాచారం వెంటనే రాజుగారికి లభించడం లేదు. ఇదే విధంగా ఏ ప్రాంతంలోనైనా ఏదైనా భయానక పరిస్థితి ఏర్పడినా లేదా ఎక్కడైనా ఏదైనా ఉత్సవం (పండుగ మొదలగునవి జరిగితే వాటిని రాజుగారు చూడలేకపోతున్నారు.
లేదా వెంటనే సమాచారం వారికి తెలిసేది కాదు.
ఇలాంటి పరిస్థితుల్లో సహాయం చేయడం కూడా ఆలస్యమౌతోంది.
ఒకరోజున రాజు వెన్నెల రాత్రి ఆనందాన్ని పొందుతూ ఉన్నాడు. చంద్రుణ్ణి చూసి అతడు “ఆహా ! నేను చంద్రుని దగ్గరకు వెళ్ళినట్లయితే అక్కడ కూర్చుని నా రాజ్యం మొత్తాన్ని తేలికగా చూడవచ్చు కదా!” అని ఆలోచించెను.

ఆలోచిస్తూ – ఆలోచిస్తూ రాజు నిద్రపోయినాడు. అతడు ఒక విచిత్రమైన కల గాంచినాడు. రాజుగారికి అన్పించింది. చంద్రునికి రెండు కళ్లు, ఒక నోరు ఉంది. చంద్రుడు తన పెద్ద – పెద్ద కళ్ళతో అటూ ఇటూ చూస్తూ ఇలా అంటున్నాడు. “చూడు నీ, ఆ పడవ వెళుతూ ఉంది. అరే సముద్రంలో తుఫాను వచ్చేలా ఉంది. దిగులు చెందకు. నేనిప్పుడే నీ పడవకు మార్గాన్ని మార్చుకోమని సమాచారం తెలియజేస్తాను. అరే! ఎవరో నీ రాజ్యంపై ఆక్రమణ చేసిరి. వెంటనే వారికి సహాయం కోసం సైన్యాన్ని పంపించు. అక్కడ చూడు, నీ రాజ్యంలో తూర్పు ప్రాంతంలో ఉత్సవం జరుపుకుంటున్నారు. రకరకాల ఆటలను ఏర్పాటు చేస్తున్నారు.”
కల చూసిన రాజుగారు స్వప్నంలోనే చంద్రుడికి ధన్యవాదాలను తెలియజేసెను.
తెల్లవారింది. సమయానికి రాజసభ సమావేశమైనది. రాజు తన కల వినిపించెను. తర్వాత నవ్వుతూ కల కలలానే ఉంటుంది. కదా ! అని అనెను. రాజు నవ్వు వెనుక దాగి ఉన్న నిరాశ బాధ సభాసదులను కదిలించి వేసినది. ఒక వృద్ధ సభాసదుడు ఇలా అన్నాడు – “మహారాజా ! నిరాశ చెందకండి. మీ ఈ కల తప్పనిసరిగా నిజం అవుతుంది”.
తర్వాత ఒకరోజు వృద్ధుడూ లేడు, రాజుగారూ లేరు. నిదానంగా రోజులు గడుస్తున్నాయి. చివరకు రాజుగారి కల నిజమైన రోజు రానే వచ్చింది. ఈ రోజున వందల కొలది కృత్రిమ ఉపగ్రహాలు భూమి చుట్టూ ప్రదక్షిణం చేస్తున్నాయి. ఈ రోజున కేవలం చంద్రుడు ఒక్కడే మన భూమికి కన్ను కాదు. అంతరిక్షంలో వందలకొలది కృత్రిమ ఉపగ్రహాలు చక్కర్లు కొడుతున్నాయి. – ఇవి ఏన్నో నూతన విషయాలను మనకు అందిస్తున్నాయి.
కృత్రిమ ఉపగ్రహాలు నిజంగా భూమి చుట్టూ తిరుగుతూ ఉన్న కళ్ళ వంటివి. అవి అన్నిటిని చూడగలవు. సముద్రంలో వచ్చే తుఫాన్లు, భూమిపైన ఏర్పడే రకరకాల విస్ఫోటనాలు (పేలుళ్ళు) అక్కడ – ఇక్కడ జరిగే యుద్ధాలు అన్నీ ఇవి చూడగలవు. ఇవేకాదు ఇవి వాతావరణాన్ని చాలాముందే గుర్తించగలవు. అంతేకాక రాబోయే ప్రమాదాలను సూచించి మనల్నందర్నీ సావధానం చేయగలవు. అంతరిక్షం మరియు సౌరమండల గ్రహాల గురించి సమాచారాన్ని అందించును. తద్వారా ఈ గ్రహాల యాత్రకు మార్గం సుగమమవుతుంది. ఇవి వెంటనే (కన్నుమూసి కన్ను తెరిచేంతలో) సమాచారాన్ని సందేశాలను, చిత్రాలను, టి.వి. కార్యక్రమాలను వేలకొలది మైళ్ళదూరం పంపించగలవు.
ఇప్పుడు ఇవి అధ్యాపక కార్యాన్ని కూడా చేయుచున్నవి. అంతరిక్షంలో సంచరిస్తూ సంచరిస్తూ మన రైతులకు పిల్లలకు ఎన్నో నూతన విషయాలను నేర్పుతున్నవి.
ఈ ఉపగ్రహాల దృష్టి చాలా తీవ్రమైనది. (తీక్షణమైనది) వీటి నుండి ఏ విషయమూ దాచలేము. అందువల్ల వీటికంటే గొప్ప గూఢచారులు ఎవరుంటారు ?
ఇవి వందల కొలది మైళ్ళ ఎత్తు నుండి చిత్రములను (ఫోటోలను) తీయగలవు. అంతేకాదు శత్రువుల యొక్క సైనిక ఏర్పాట్లను గురించిన సమాచారాన్ని అందించగలవు.
ఆహా ! ఈ రోజు ఆ రాజుగారు ఉండిన ఎడల తన కల నిజమగుట చూసి ఎంత సంతోషించేవాడో కదా !

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वचन :

  • बात – बातें
  • खजाना – खजाना
  • बस्ती – बस्तियाँ
  • सूचना – सूचनाएँ
  • उत्सव – उत्सव
  • बचा – बच्चे
  • सपना – सपने
  • कमी – कमियाँ
  • कठिनाई – कठिनाइयाँ
  • आँख – आँखें
  • दरबारी – दरबारियाँ
  • खुशी – खुशियाँ
  • गुण – गुण
  • तैयारी – तैयारियाँ
  • नाव – नावें
  • खेल – खेल
  • जानकारी – जानकारियाँ

लिंग :

  • बूढ़ा – बूढ़ी
  • स्ती – पुरुष
  • शिक्षक – शिक्षिका
  • राजा – रानी
  • आदमी – औरत
  • गुरु – गुरुआनी
  • बुद्धिमान – बुद्धिमती
  • दरबारी – दरबारिन

पर्यायवाची शब्द :

  • राजा – नृप, नरेश
  • प्रयन्न – कोशिश
  • आँख – नयन, नेत्र
  • वृद्ध – बूढ़ा
  • युद्ध – रण
  • किसान – कृषक
  • अध्यापक – शिक्षक, गुरु, आचार्य
  • नित्य – नित, प्रतिदिन
  • समुद्र – सागर
  • मार्ग – रास्ता, पथ
  • धरती – पृथ्वी
  • यात्रा – भ्रमण, सफ़र
  • नज़र – दृष्टि
  • उत्साह – उल्लास
  • उत्सव – मेले, पर्व
  • खेल – क्रीडा
  • भूमि – जमीन
  • मौसम – ऋतु
  • सपना – स्वप्र

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उपसर्ग :

  • बुद्धिमान – बुद्धि
  • विचित्र – वि
  • दोबारा – दो
  • अवश्य – अ
  • टेलीविजन – टेली
  • सफल – स
  • असफलता – अ
  • आयोजन – आ
  • सावधान – स
  • अधिकार – अधि
  • सम्मानित – स
  • निराश – निर
  • विचलित – वि
  • सौरमंडल – सौर

प्रत्यय :

  • पुरानी – ई
  • सम्मानित – इत
  • कठिनाई – आई
  • सहायता – ता
  • अंतरिक्ष – इक्ष
  • ऊँचाई – ई
  • गुणी – ई
  • असफलता – ता
  • सूचित – इत
  • आसानी – ई
  • जानकारी – ई
  • तैयारी – ई
  • बुद्धिमान – मान
  • प्रेरित – इत
  • भयानक – आनक
  • दरबारी – ई
  • बढ़िया – इया

उल्टे शब्द :

  • सुबह × शाम
  • आशा × निराशा
  • कृत्रिम × प्राकृतिक
  • सावधान × असावधान
  • छिपाना × प्रकट करना
  • आज × कल
  • बैठना × उठना
  • अपना × पराया
  • पूरा × अधूरा
  • खोलना × बंद करना
  • उत्नति × अउन्नति
  • कठिन × शुलभ, सरल
  • आगे × पीछे
  • सच × झूठ
  • नयी × पुरानी
  • तेज़ × मंद
  • बढिया × घटिया
  • खुश × दुख
  • आसान × मुश्किल
  • पुरानी × नयी
  • गुणी × अगुणी
  • सफल × विफल/असफल
  • यश × अपयश
  • कठिनाई × सरलता
  • हँसी × रोना
  • दिन × रात
  • पहले × बाद में
  • मित्र × शत्रु
  • ऊँचाई × निचाई
  • शीघ्र × देर/विलंब
  • आना × जाना
  • नित्य × अनित्य
  • बुद्धिमान × बुद्धिहीन
  • सम्मान × अपमान
  • दूर × पास
  • पूर्व × पश्चिम

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संधि विच्छेद :

  • बुद्धिमान = बुद्धि + मान
  • सम्मानित = सम्मान + इत
  • टेलीविजन = टेली + विजन
  • आसानी = आसान + ई
  • सहायता = सह + आयता
  • कठिनाई = कठिन + आई
  • भयानक = भय + आनक
  • निराशा = निर + आशा

वाक्य प्रयोग :

  1. पुरानी – यह तो पूरानी बात है।
  2. विलंब – सहायता भेजने में उसे विलंब हो गया।
  3. चिंता – तुम चिंता मत करो।
  4. आयोजन – पाठशाला में तरह – तरह के खेलों का आयोजन हो रहा है।
  5. जानकारी – उसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं मिली।

मुहावरे वाले शब्द :

1. दिन दूनी रात चौगुनी = खूब उन्नति होना ; तेज़ वृद्धि होना।
आज भारत देश दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति कर रहा है।
2. आराम से = बिना परेशानी ; उस राज्य में लोग आराम से दिन बिताने लगे।
3. मुँह खोलना = कुछ कहना ; लडका मुँह खोलने लगा लेकिन उसकी माँ के इशारे से वह चुप हो गया।
4. सपना देखना = कल्पना करना ; राजू हमेशा सपना देखता रहता है।
5. आनंद लेना = मौज – मस्ती करना ; राज्य में सभी आनंद लेते रहते हैं।

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शब्दार्थ (అర్ధములు) (Meanings) :

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