Telangana TSBIE TS Inter 2nd Year Hindi Study Material Grammar वाच्य Questions and Answers.
TS Inter 2nd Year Hindi Grammar वाच्य
वाच्य (Voice) की परिभाषा :
क्रिया के उस परिवर्तन को वाच्य कहते हैं, जिसके द्वारा इस बात का परिचय होता है कि वाक्या के अन्तर्गत कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता है ।
वाच्य के प्रयोग :
एसा देखा जाता है कि वाक्य की क्रिया का लिंग, वचन एवं पुरुष कभी कर्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होता है, तो कभी कर्म के लिंग- वचन – पुरुष के अनुसार, लेकिन कभी-कभी वाक्य की क्रिया कर्ता तथा कर्म के अनुसार न होकर, एकवचन, पुंलिंग तथा अन्यपुरुष होती है ।
इस तरह के ‘प्रयोग’ तीन प्रकार के होते हैं –
(क) कर्तरि प्रयोग
(ख) कर्मणि प्रयोग
(ग) भावे प्रयोग
(क) कर्तरि प्रयोग :
जब वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार हों तब कर्तरि प्रयोग होता है;
जैसे – मोहन अच्छी पुस्तकें पढता है ।
(ख) कर्मणि प्रयोग :
जब वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्म के लिंग वचन और पुरुष के अनुसार हों तब कर्मणि प्रयोग होता है;
जैसे- सीता ने पत्र लिखा ।
(ग) भावे प्रयोग
जब वाक्या की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्ता अथवा कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार न होकर एकवचन, पुंलिंग तथा अन्य पुरुष हों तब भावे प्रयोग होता है;
जैसे- मुझसे चला नहीं जाता। सीता से रोया नहीं जाता ।
इस प्रकार के प्रयोगों के अनुसार वाच्य के तीन भेद हैं- हिंदी में वाच्य के तीन भेद हैं-
- कर्तृवाच्य (Active voice)
- कर्म वाच्य (Passive voice)
- भाव वाच्य (Impersonal voice)
वाच्य के भेद :
1) कर्तृवाच्य : (Active voice)
कर्तृवाच्य प्रधान वाक्य में कर्ता की प्रधानता होती है ।
जैसे – राम पुस्तक पढ़ता है, मैंने पुस्तक पढ़ी ।
2) कर्मवाच्य : (Passive voice)
कर्मवाच्य प्रधान वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है । इस वाक्य में क्रिया के लिंग, वचन कर्म के अनुसार होते हैं ।
जैसे – पुस्तक पढ़ी जाती है; आम खाया जाता है ।
यहाँ क्रियाएँ कर्ता के अनुसार रुपान्तररित न होकर कर्म के अनुसार परिवर्तित हुई हैं। जैसेः सीता से (के द्वारा) आम खाया जाता है ।
3) भाववाक्य : ( Impersonal voice)
क्रिया के उस रुपान्तर को भाववाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में क्रिया अथवा भाव की प्रधानता का बोध हो ।
जैसे – मोहन से टहला भी नहीं जाता। मुझसे उठा नहीं जाता । धूप में चला नहीं जाता ।
भाववाच्य में अकर्मक क्रिया का कर्म वाच्य रुप होता है और कर्म लुप्त होता है । भाववाच्य की क्रिया सदैव अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एक वचन में आती है । भाववाच्य की क्रियाएँ अक्सर अशक्तता प्रकट करती हैं । क्रिया को सामान्य भूतकाल में बदलकर उसके साथ ‘जाता’ क्रिया रुप जोड़ने से अकर्मक क्रिया से भाववाच्य बन जाता है ।
उदाहरण :
कर्तृवाच्य – कर्तृवाच्य
राम पुस्तक पढ़ता है । – राम से पुस्तक पढ़ी जाती है ।
सीता कहानी लिखती है । – सीता से कहानी लिखी जाती है।
वह खेलता है । – उससे खेल जाता है ।
वह रोटी खाता है । – उससे रोटी खायी जाती है ।
राजु ने गीत लिखा । – राजु से गीत लिखा गया ।
मोहन पाठ पढ़ता है । – मोहन से पाठ पढ़ा जाता हे ।
वह पत्र देता है । – उससे पत्र दिया जाता है ।
तुम फूल तोड़ोगे । – तुम्हारे द्वारा फूल तोड़ा जाएगा।
वह कविता सुनती है । – उससे कविता सुना जाता है ।
अखिला फल खाती है । – अखिला से फल खाया जाता है ।
कर्मवाच्य – भाव वाच्य
सीता नहीं बैठती है । – सीता से बैठा नहीं जाता ।
राजू नहीं चलता है । – राजू से चला नहीं जाता है ।
अखिला नहीं सोती है । – अखिला से सोया नहीं जाता है
वह नहीं हँसता है । – उससे हँसा नहीं जाता है ।
राम नहीं सोता है । – राम से सोया नहीं जाता है ।
निम्नलिखित वाक्यों के वाच्य बदलिए ।
प्रश्न – उत्तर :
प्रश्न 1.
राम पुस्तक पढ़ता है ।
उत्तर:
राम से पुस्तक पढ़ी जाती है ।
प्रश्न 2.
राजु ने गीत लिखा ।
उत्तर:
राजु से गीत लिखा गया ।
प्रश्न 3.
वह रोटी खाता है ।
उत्तर:
उससे रोटी खाया जाता है ।
प्रश्न 4.
अखिला से फल खाया जाता है।
उत्तर:
अखिला फल खाती है ।
प्रश्न 5.
सीता नहीं बैठती ।
उत्तर:
सीता से बैठा नहीं जाता ।
प्रश्न 6.
वह नहीं हँसता
उत्तर:
उससे हँसा नहीं जाता है ।
प्रश्न 7.
राम नहीं सोता है ।
उत्तर:
राम से सोया नहीं जाता है ।
प्रश्न 8.
राजु से चला नहीं जाता है ।
उत्तर:
राजु नहीं चलता है ।
प्रश्न 9.
वह पत्र देता है ।
उत्तर:
उससे पत्र दिया जाता है ।
प्रश्न 10.
तुम फूल तोड़ोगे ।
उत्तर:
तुम्हारे द्वारा फूल तोड़ा जाएगा ।