Telangana SCERT 8th Class Hindi Study Material Telangana Pdf 3rd Lesson प्यारा गाँव Textbook Questions and Answers.
TS 8th Class Hindi 3rd Lesson Questions and Answers Telangana प्यारा गाँव
प्रश्न :
प्रश्न 1.
इस चित्र में क्या – क्या दिखायी दे रहे हैं ?
उत्तर :
इस चित्र में पर्वत, पेड, घर, खेत, पक्षियाँ, गाय, बैलगाडी, बस, हल, साइकिल, बैल, आदमी, किसान आदि दिखायी दे रहे हैं।
प्रश्न 2.
कौन क्या कर रहे हैं ?
उत्तर :
किसान खेत जोत रहा है। एक आदमी साइकिल चला रहा है। एक आदमी हल लेकर जा रहा है। और एक आदमी बैल गाडी चला रहा है। पक्षियाँ उड रहे हैं। गाय घास चर रही हैं।
प्रश्न 3.
इस चित्र में आपको कौन – सा दृश्य सबसे अच्छा लगा और क्यों ?
उत्तर :
इस चित्र में मुझे दूर के पर्वत और आसमान में छा गये बादल और आसमान में उडने वाली पक्षी आदि दृश्य सब से अच्छे लगे। क्योंकि ये प्राकृतिक दृश्य हैं।
सुनो – बोलो :
प्रश्न 1.
चित्र में क्या – क्या दिखायी दे रहे हैं?
उत्तर :
चित्र में दादाजी खडे हुए हैं। उनके सामने रानी और रमेश खडे हुए हैं। दूसरे चित्र में एक लुहार लोहे का काम कर रहा है। तीसरे चित्र में एक कुम्हार, कुम्हार के चक्र पर मिट्टी के बर्तन बना रहा है। चौथे चित्र में एक जुलाहा/हथकरघे पर कपडे बुन रहा है। पाँचवे चित्र में दो बढ़ई लकडी का काम कर रहे हैं। छठवे चित्र में एक सुनार सोने का काम कर रहा है। सातवे चित्र में एक बँसोर टोकरी बना रहा है। आखिरी चित्र में एक किसान हल और बैलों की सहायता से खेत जोत रहा है।
प्रश्न 2.
आपके गाँव में क्या – क्या देखने को मिलते हैं?
उत्तर :
हमारे गाँव में तो गाँव की हरियाली देखने को मिलती है। घाटों पर धोबी कपडे धोते दिखायी देते हैं। किसान खेतों में काम करते दिखायी देते हैं। हमारे गाँव के प्राथमिक आरोग्य केंद्रों में डॉक्टरों को भी देख सकते हैं। कई उद्योग धंधे वाले भी देखने को मिलते हैं। जैसे – बढ़ई, कुम्हार, लुहार, सुनार और बँसोर आदि। जुलाहे और चमार भी देखने को मिलते हैं।
पढ़ो :
अ. नीचे दिये गये वाक्यों के अर्थ बतलाने वाले शब्द पाठ्य – पुस्तक में से ढूँढ़िए और लिखिए।।
उत्तर :
आ. नीचे अधूरे वाक्य दिये गये हैं, उन्हें पूरा कीजिए।
अ. सामने कमलेश काका आ रहे हैं। इन्हें ………… (प्रणाम करो।)
आ. दामोदर दादा गाँववालों के लिए ……….. (मिट्टी के बरतन जैसे घडे, मटके, हँडी, मिट्टी के खिलौने आदि बनाते हैं।)
लिखो :
अ. नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
प्रश्न 1.
हर किसी में कला, कौशल, प्रतिभा होती है, जिससे हम व्यवसाय कर सकते हैं। तुम्हें कौन-सा व्यवसाय पसंद है और क्यों?
उत्तर :
मुझे बढ़ई का काम पसंद है। क्योंकि लकडी से कई प्रकार के खिलौने और कलाकृतियाँ बना सकते हैं। लकडी से नाजूक कलाखंड का काम भी कर सकते हैं।
प्रश्न 2.
अपने गाँव के बारे में लिखिए।
उत्तर :
मेरा गाँव सुंदर गाँव है। मेरे गाँव में मंदिर, तालाब, बरगद के पेड, खेत, सुंदर पशु – पक्षी, बगीचे आदि हैं। गाँव की हरियाली देखने लायक है। यहाँ सभी तरह के काम करने वाले रहते हैं। यहाँ के लोग एक दूसरे की सहायता करते हैं और मिलजुलकर रहते हैं।
शब्द भंडार :
निम्न लिखित शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
लुहार, कुम्हार, जुलाहा, सुनार, बंसोर
उत्तर :
1. लुहार : लोहे का काम करनेवाले को लुहार कहते हैं।
2. कुम्हार : मिट्टी के बर्तन बनानेवाले को कुम्हार कहते हैं।
3. जुलाहा : कपड़ा बनाने वाले को जुलाहा कहते है।
4. सुनार : सुनार का काम बडा नाजुक होता है।
5. बंसोर : बाँस से कई चीजों बनानेवाले को बंसोर कहते हैं।
सृजनात्मक अभिव्यक्ति :
कल्पना कीजिए कि दादाजी शहर आते हे। दादाजी और आप के बीच हुई बातचीत को वार्तालाप के रूप में लिखिए।
उत्तर :
(दादाजी घर आते हैं)
प्रशंसा :
अपनी कला-कौशल और प्रतिभा को देखते हुए आप कौनसा काम करना पसंद करोंगे? अपने पसंदीदा क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए क्या करोंगे ?
उत्तर :
मैं एक परिश्रमी छात्र हूँ। हर काम मैं लगन से करता हूँ। मन में विश्वास रखकर सुख या दु:ख का परवाह न करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुँचना चाहता हूँ। हर एक व्यक्ति में अपने – अपने कौशल होते हैं। मैं भी अपने मन चाहे कला – कौशल में प्रतिभा दिखाने की आशा रखता हूँ।
बचपन से ही कम्प्यूटर्स मेरा सबसे प्रिय विषय है। इस विषय में मेरी बडी रुचि है। इसे चाव व लगन से पढता हूँ। और अपना बहुत सा समय कम्प्यूटर पर बिताता हूँ घर पर मेरा अपना एक मल्टी मीडिया कम्प्यूटर है। इस पर मैं इंटरनेट का प्रयोग भी करता हूँ। स्कूल में इस विषय की विस्तृत पढायी करायी जाती है।
एक बडे कम्प्यूटर विशेषज्ञ बनने की मेरी अभिलाषा है। मुझ में ऐसा होने की तीव्र इच्छा शक्ति और योग्यता भी है। मेरे अध्यापक गण भी इस क्षेत्र में मुझे प्रोत्साहन देकर बडे संतुष्ट है। घर पर माता पिता भी मुझे प्रोत्साहन देते हुए मेरी आकांक्षा को सफल बना रहे हैं।
पढाई के बाद मैं कम्प्यूटर संबंधी अनेक प्रामाणिक संस्थाओं से विशेष ज्ञान प्राप्त करूँगा। इस विषय संबंधी महत्वपूर्ण विषयों की पुस्तकें भी मेरे घर में हैं। जेब खर्च के लिए दिये पैसों का भी मैं इसी विषय सीखने खर्च करता हूँ। इस क्षेत्र में अनेक बडी – बडी संभावनाएँ हैं। मैं अपनी प्रतिभा से कम्प्यूटर विषय में एक विशेषज्ञ बनना चाहता हूँ। इसके लिए सतत प्रयत्नशील रहूँगा।
परियोजना कार्य :
विभिन्न बुद्धिमत्ताओं के व्यवसायों के चित्र इकट्ठा कर कक्षा में प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर :
भाषा की बात :
अ. नीचे दिया गया अनुच्छेद पढ़िए।
रानी और रमेश आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं। गर्मी की छुट्टियों में दादाजी उन्हें अपने गाँव ले जाने के लिए आये। सब मिलकर सबेरे रेले से निकले। गाड़ी में बड़ी भीड़ थी। फिर भी जैसे-तैसे बैठने की जगह मिल गयी। शाम तक गाँव पहुँच गये। वहाँ स्टेशन के पास चाचाजी बैलगाड़ी लेकर तैयार थे। बैलगाड़ी खेंतों के किनारे-किनारे चलने लगी। खेतों में किसान काम कर रहे थे। पशु चर रहे थे। गाँव की हरियाली देखने लायक थी। बातों -बातों में घर आ गया। दादीजी से मिले। दादीजी ने बहुत लाड़प्यार किया। सबेरे दोनों दूध पीकर दादाजी के साथ गाँव घूमने निकले।
ऊपर दिये अनुच्छेद में रानी, गाँव, भीड, पशु, हरियाली और दूध शब्द किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान अथवा भाव का बोध कराते हैं। ऐसे शब्दों को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा के पाँच भेद हैं। वे हैं –
1. जातिवाचक संज्ञा : जिस संज्ञा शब्द से किसी संपूर्ण जाति का बोध हो, वह जातिवाचक संज़ा कहलाता है।
उदा : लडका खेलता है।
2. व्यक्तिवाचक संझा : किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, स्थान का बोध कराने वाले शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं।
उदा : राम खेलता है।
3. भाववाचक संज्ञा : जिन शब्दों से किसी गुण, स्वभाव, दशा का बोध हो, वे भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं।
उदा : खुख – दुख आते जाते रहते है।
4. समुदायवाचक संज्ञा : ऐसे शब्द, जो किसी विशेष समुदाय या समूह का बोध कराते है, वे समुदायवाचक संज्ञा कहलाते है।
उदा : सेना देश की रक्षा करती है।
5. द्रव्यवाचक संज्ञा : जो शब्द द्रव्य या विभित्र धातुओं का बोध कराते हैं, वे द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं।
उदा : स्वच्छ जल पीना चाहिए।
आ. नीचे दिये गये वाक्य में आये संज्ञा शब्द ढूँढ़कर रेखांकित करो।
1. रानी पढ़ती है।
2. बालक खा रहा है।
3. हरियाली अच्छी होती है।
उत्तर :
1. रानी पढ़ती है।
2. बालक खा रहा है।
3. हरियाली अच्छी होती है।
विचार – विमर्श
वैजानिकों के अनुसार हम सबमें नौ तरह की बुद्धधिमता होती हैं। भाषा वुद्धिमत्ता, तर्क गणित वुद्धिमत्ता, शारीरिक गतिबोधक बुद्धिमत्ता, संगीत वुद्धिमत्ता, स्थान विषयक वुद्धिमत्ता, अपने से जुडी अंतरवैयक्तिक वुद्धिमत्ता, पारस्परिक बुद्धिमत्ता, प्रकृतिवादी बुद्धिमत्ता और आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता। इनका विकास अलग – अलग अनुपात में होता है। इनकी कोई सीमा नहीं होती। अभ्यास से इन्हें विकसित कर सकते हैं।
Essential Material for Examination Purpose :
I. पढ़ :
पठित – गद्यांश :
नीचे दिये गये गध्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।
I. रानी और रमेश आटबीं कक्षा में पढ़ते हैं। गर्मी की छुट्रटियों में दादाजी उन्हें अपने गाँब ले जाने के लिए आये। सब मिलकर सबेरे रेल से निकले। गाड़ी में बड़ी भीड़ थी। फिर भी जैसेतैसे बेटने की जगह मिल गयी। शाम तक गाँच पहुँच गये। वहाँ स्टेशन के पास चाचाजी बैलगाड़ी लेकर तैयार थे।
बैलगाड़ी खेतों के किनारे-किनारे चलने लगी। खेतों में किसान काम कर रहे थे। पशु चर रहे थे। गाँव की हरियाली देखने लायक़ थी। बातों – बातों में घर आ गया। दादीजी से मिले। दादीजी ने बहुत लाड़-प्यार किया।
प्रश्न :
1. रानी किस कक्षा में पढ़ती है ?
2. रानी और रमेश को लाने के लिए शहर कौन आया?
3. बैलगाड़ी लेकर कौन आया था ?
4. किसने रानी और रमेश को बहुत लाड़ – प्यार किया ?
5. खेतों में कौन काम कर रहे थे ?
उत्तर :
1. रानी आठवीं कक्षा में पढ़ती है।
2. रानी और रमेश को लाने के लिए शहर दादा जी आये।
3. बैलगाड़ी लेकर चाचाजी तैयार थे।
4. दादाजी ने रानी और रमेश को बहुत लाड़ – प्यार किया।
5. खेतों में किसान काम कर रहे थे।
II. रमेश : दादा जी! आपका गाँब बड़ा प्यारा है। यहाँ तो सभी तरह के काम करने वाले रहते हैं।
दादाजी : हाँ बेटा! यहाँ सभी तरह के काम करने वाले रहते हैं। ये एक-दूसरे की सहायता करते हैं और मिलजुलकर रहते हैं। बे अपने-अपने घरेलू उद्योगों से देश के विकास में भाग लेते हैं।
रानी : दादा जी! ये देखो कितने हरे-भरे खेत हैं।
दादाजी : हाँ बेटी! इन खेतों को हरा-भरा बनाने के लिए किसान दिन-रात मेहनत करते हैं। अन्न उगाते हैं। हमारी भूख मिटाते हैं। इसीलिए महात्मा गांधी जी ने कहा था “वास्तव में भारत गाँबों में ही बसता है।”
रमेश-रानी : हाँ दादा जी! आपने सही कहा। सच में गाँच बहुत प्यारे होते हैं।
प्रश्न :
1. रमेश ने किसे प्यारा कहा ?
2. गाँव वाले देश के विकास में भाग कैसे लेते हैं ?
3. ‘दादाजी ! ये देखो कितने हरे भरे खेत हैं?’ यह वाक्य किसने कहा ?
4. भारत कहाँ बसता है ?
5. उपर्युक्त पंक्तियाँ किस पाठ से है ?
उत्तर :
1. रमेश ने गाँव को प्यारा कहा।
2. गाँव वाले अपने – अपने घरेलू उद्योगों से देश के विकास में भाग लेते हैं।
3. यह् वाक्य रानी ने कहा।
4. भारत गाँवों में बसता है।
5. उपर्युक्त पंक्तियाँ ‘प्यारा गाँव’ पाठ से है।
अपठित – गद्यांश :
नीचे दिये गये गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य कें लिखिए।
I. श्रीकृष्ण देवराय विजयनगर के प्रतापी राजा थे। बे शूर, बीर ही नहीं बल्कि एक महान साहित्यकार भी बे। उन्होंने दरबार में अनेक दिग्गज कबियों को स्थान दिया। बे स्वयं भी महाकवि थे, तेनालि रामकृष्ण उनके दरबारी कवियों में से एक थे। कहा जाता है कि रामकृष्ण कवि पर काली माता की अपार कृपा थी। बे बडे बुद्विमान और चतुर थे।
प्रश्न :
1. विजयनगर के प्रतापी राजा कौन थे?
2. राजा कृष्णदेवराय की विशेषता क्या थी ?
3. अनेक दिग्गज कवियों को स्थान किन्होंने दिया ?
4. तेनालि रामकृष्ण कैसे व्यक्ति थे ?
5. कालीमाता की अपार कृपा प्राप्त व्यक्ति कौन थे ?
उत्तर:
1. विजयनगर के प्रतापी राजा श्रीकृष्णदेवराय थे।
2. श्रीकृष्णदेवराय शूर, वीर ही नहीं एक महान साहित्यकार भी थे।
3. अनेक दिग्गज कवियों को स्थान श्रीकृष्णदेवराय ने दिया।
4. तेनालिरामकृष्ण बडे बुद्धिमान और चतुर थे।
5. कालीमाता की अपार कृपा प्राप्त व्यक्ति तेनालिरामकृष्ण थे।
II. विजयदशमी एक्ता का प्रतीक है। दुर्गा प्रतिमा के विसर्जनावसर पर जगह – जगह मेले लगते हैं। जहाँ सभी लोग आपसी वेमनस्य भूलकर एकता की भाबना से परस्पर मिलते हैं। इस दिन चारों ओर आनंद के ही बादल छाये रहते हैं। हम सभी का यह पवित्र कर्त्यव्य होता है कि बिजयदशमी को देश और समाज के उत्थान के लिए अधिक से अधिक महत्यपूर्ण समझें। इसके आदर्श को अपनाना जीवन को सफल बनाना है।
प्रश्न :
1. दुर्गा प्रतिमा के विसर्जनावसर पर क्या होता है?
2. उस समय लोग कैसे मिलते हैं?
3. चारों ओर क्या छाये रहते हैं?
4. हम सभी का पवित्र कर्तव्य क्या है ?
5. विजयदशमी किसका प्रतीक है?
उत्तर :
1. दुर्गा प्रतिमा के विसर्जनावसर पर जगह – जगह मेले लगते हैं।
2. सभी लोग आपसी वैमनस्य भूलकर एकता की भावना से परस्पर मिलते हैं।
3. चारों ओर आनंद के ही बादल छाये रहते हैं।
4. विजयदशमी को देश और समाज के उत्थांन के लिए अधिक महत्वपूर्ण समझें।
5. विजयदशमी एकता का प्रतीक है।
III. कुछ दिनों में दोनों मदुर पहुँच गए। भोजन और रहने की समस्या थी । उन्होंने एक घर किराए पर ले लिया। एक दो दिन अपना लाया खाना खाया । फिर बह भी समाप्त हो गया । ‘कोबलन’ के पास एक पैसा भी न था। ‘कत्रकी’ ने कहा – मेरे पास कुछ गहने हैं। आप उन्हें बेचकर भोजन सामग्री ले आएँ। बाकी बचे पैसों से कोई ब्यापार शुरू करें।
प्रश्न :
1. दोनों कहाँ पहुँचे ?
2. कौन – कौन मदुरै पहुँच गये ?
3. ‘कोवलन’ और ‘कन्नकी’ को मदुरे में क्या समस्या थी ?
4. दोनों ने रहने के लिए और भोजन के लिए क्या किये?
5. इस गद्यांश को शीर्षक दीजिए।
उत्तर :
1. दोनों मदुरै पहुँचे।
2. कोवलन और कत्रकी मदुरै पहुँच गए।
3. कोवलन और कन्नकी को मदुरै में भोजन की समस्या थी, क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे।
4. दोनों ने रहने और भोजन के लिए गहना बेचकर व्यापार शुरू किया।
5. ‘कोवलन और कन्नकी की मदुरै यात्रा’।
I. लिखो :
लघु प्रश्न :
प्रश्न 1.
खेती के लिए किन – किन सामानों का उपयोग करते हैं?
उत्तर :
खेती के लिए हल, बैलगाडी, कुल्हाडी, फावडा, हथौडा आदि सामानों का उपयोग करते हैं। आजकल आधुनिक साधन भी आ गये हैं। जैसे – ट्रेक्टर, श्रेशर आदि।
प्रश्न 2.
मिट्टी से तुम क्या – क्या बना सकते हो ?
उत्तर :
मिट्टी से घडे, मटके, हँडी, खिलौने, भगवान की प्रतिमाएँ और कई प्रकार के बर्तन बना सकते हैं। लोग मिट्टी से घर भी बनाते हैं।
प्रश्न 3.
तुम दादाजी के गाँव के बारे में क्या कहना चाहोगे ?
उत्तर :
दादाजी का गाँव बहुत सुंदर और प्यारा गाँव है। यहाँ सभी. प्रकार के पेशेवर के लोग जैसे लुहार, कुम्हार, जुलाहा, बढ़ई, बंसोर रहते हैं। गाँव में एक – दूसरे की सहायता करते हैं और मिलजुलकर रहते हैं। खेतों को हरा-भरा रखने के लिए किसान दिन – रात मेहनत करते हैं।
लघु निबंध प्रश्न :
प्रश्न 1.
निम्नलिखित संवाद को ध्यान से पढ़कर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
रानी : दादाजी ! वहाँ देखिए। वे कौन हैं? वे क्या कर रहे हैं?
दादाजी : हाँ बेटा ! वे सोने – चाँदी का काम करते है। वे सोने-चाँदी से तरह-तरह के आभूषण जैसे-अंगूठी, हार, चूड़ी आदि बनाते हैं।
रामेश : दादाजी ! उस गली में देखिए लंबे-लंबे बाँस हैं। बाँस से क्या-क्या बनाते हैं?
दादाजी : देखो बेटा ! बाँस से टोकरी, झूले, खिलौने आदि बनाते हैं। बनानेवाले को बंसोर कहते हैं।
अब इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
i. बंसोर किसे कहते हैं?
उत्तर : बाँस से वस्तुएँ बनानेवाले को बंसोर कहते हैं।
ii. सोने – चाँदी से क्या – क्या बनाते हैं?
उत्तर : सोने -चाँदी से तरह-तरह के आभूषण जैसे-अंगूठी, हार, चूड़ी आदि बनाते हैं।
iii. बढ़ई क्या – क्या सामान बनाते हैं?
उत्तर : बढ़ई लकड़ी से हल, खिडकी, दरवाजे, बैलगाडी और तरह-तरह के सामान बनाते हैं।
iv. बाँस से क्या – क्या बनाते हैं?
उत्तर : बाँस से टोकरी, झूले और खिलौने आदि बनाते हैं।
III. सुजनात्मक अभिव्यत्ति :
प्रश्न 1.
आवश्यक किताबें खरीदने धन माँगते हुए पिताजी के नाम एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
हैदराबाद,
ता. ××××
पूज्य पिताजी,
सादर प्रंणाम।
मैं यहाँ कुशल हूं। सोचता हूँ कि आप सब वहाँ सकुशल हैं। में अच्छी तरह पढ रहा हूँ। परीक्षाओं के लिए खूब तैयारी कर रहा हूँ। मुझे यहाँ कुछ आवश्यक किताबें खरीदनी हैं। इसलिए ₹ 300 एम.ओ द्वारा भेजने की कृपा करें। माताजी को मेरा प्रणाम कहना।
आपका आज्ञाकारी पुत्र,
××××
पता :
के. रवि,
घ.नं. 3-6-31/3,
मेंइन बाजार,
खम्मम।
సారాంశము :
(రాణి మరియు రమేష్ ద్దరూ ఎనిమిదవ తరగతి చదువుతున్నారు. వేసవి సెలవుల్లో తాతగారు తమ గ్రామం తీసుకుని వెళ్ళడానికి వచ్చిరి. అందరూ కలసి ఉదయాన్నే రైలులో బయలుదేరిరి. బండి చాలా రద్దీగా ఉన్నది. కానీ ఎలాగోలా కూర్చోడానికి చోటు లభించినది. సాయంత్రానికి గ్రామం చేరిరి. అక్కడ రైల్వేస్టేషన్ దగ్గర పినతండ్రిగారు ఎడ్లబండి తీసుకుని వచ్చి సిద్ధముగా ఉండిరి.
ఎడ్లబండి పొలాల గట్టు మీదుగా వెళ్ళుచున్నది. పొలాల్లో రైతులు పనులు చేసుకుంటూ ఉన్నారు. పశువులు మేత మేస్తూ ఉన్నాయి. గ్రామంలోని పచ్చదనం చూడదగినది. మాటల్లోనే ఇల్లు వచ్చేసింది. నానమ్మను కలిశాము. నాయనమ్మ బాగా ప్రేమగా, గారాబంగా చూసింది.
ఉదయాన్నే పాలు త్రాగి తాతగారితో గ్రామం తిరగడానికి వెళ్ళాము. దారిలో మాట్లాడుకుంటూ ………)
తాతగారు : చూడు ! ఎదురుగా కమలేశ్ పెద్దనాన్న వస్తూ ఉన్నారు. వీరికి నమస్కరించు. (ఇరువురు కమలేశ్ పెద్దనాన్నకు నమస్కరించారు. ఆయన పిల్లలను చూసి చాలా సంతోషించిరి.)
రాణి : కమలేశ్ పెద్దనాన్న ఏమి పని చేస్తారు ?
తాతగారు : వారు కమ్మరి. వారు లోహపు సామాన్లు తవ్వుకోల, పార, సుత్తి, చక్రము, గొడ్డలి మొ||నవి తయారు చేస్తారు.
అటు చూడు. అది దామోదర్ తాత ఇల్లు.
రమేష్ : దామోదర్ తాత ఏం పని చేస్తారు ?
తాతగారు : దామోదర్ తాత గ్రామంలోని వారికి కావలసిన మట్టి పాత్రలను, కుండలు, చిన్న కుండలు, చిన్న మట్టి పాత్రలు, మట్టి బొమ్మలు మొ||న వాటిని తయారుచేయును. పిల్లలూ, మీకు తెలుసా ? మట్టి పాత్రలను తయారు చేయు వారిని ఏమంటారో ?
రాణి : కుమ్మరి అంటారు కదు తాతయ్యా !
తాతగారు : శభాష్. నా ప్రియమైన రాణికి అన్నీ తెలుసు. అటు చూడు చంద్రయ్య బాబాయి ఇల్లు. ఆయన బట్టలు నేస్తున్నారు.
రాణి : మంచిది. తాతయ్యా ! బట్టలు నేయువారిని ఏమంటారు ?
తాతగారు : బట్టలు నేయువారిని సాలీలు (సాలెవారు) అంటారు. బట్టలను చేతిమగ్గం మరియు మిషన్ (యంత్రాలు) రెండింటితోను తయారు చేస్తారు. చేతితో తయారు చేయు దానిని చేతిమగ్గం అంటారు. చంద్రయ్య బాబాయి ఇంటి దగ్గరే రామయ్య ఇల్లు కూడా ఉంది. ఆయన వడ్రంగి పని చేస్తారు.
రమేష్ : తాతయ్యా! వడ్రంగివారు ఇంకా ఏఏ పనులు చేస్తారు ?
తాతగారు : వడ్రంగివారు కర్ర (కలప) తో నాగలి, కిటికీలు, తలుపులు, ఎడ్లబండ్లు మరియు రకరకాల సామాన్లు తయారు చేస్తారు.
రాణి : తాతగారు అక్కడ చూడండి. వారెవ్వరు ? వారు ఏమి చేయుచూ ఉన్నారు ?
తాతగారు : అవును నాయనా! వారు బంగారం- వెండి పనులు చేస్తారు. వారు బంగారం వెండితో రకరకాల ఆభూషణాలు ఉదాహరణకు ఉంగరం, హారం, గాజు మొ||నవి తయారు చేస్తారు
రమేష్ : తాతగారు ! ఆ వీధిలోకి చూడండి పొడవైన వెదురు ఉన్నది. వెదురుతో ఏమేమి తయారు చేస్తారు?
తాతగారు : చూడు నాయనా! వెదురుతో గంపలు, ఊయలలు, ఆటబొమ్మలు మొ||నవి తయారుచేస్తారు. వీటిని తయారు చేయువారిని మేదర్లు అని అంటారు.
రమేష్ : తాతగారు. మీ గ్రామం చాలా బాగుంది. ఇక్కడ అన్ని రకాల పనులు చేసేవారు నివశిస్తున్నారు.
తాతగారు : అవును నాయనా ! ఇక్కడ అన్ని రకాల పనులు చేసేవారు ఉన్నారు. వీరు ఒకరికి ఒకరు సహాయం చేసుకుంటారు. కలిసిమెలిసి ఉంటారు.
రాణి : తాతగారు. ఇటు చూడండి. ఎంత పచ్చపచ్చని చేలో,
తాతగారు : అవునమ్మా. ఈ పొలాలను పచ్చగా తయారు చేయుటకు రైతులు రాత్రి – పగలు పరిశ్రమిస్తున్నారు. ఆహారాన్ని పండిస్తున్నారు. మన ఆకలిని తీరుస్తున్నారు. అందుకే మహాత్మాగాంధీ గారు “వాస్తవంగా భారతదేశం గ్రామాల్లోనే నివశిస్తుంది” అని అనేవారు.
రమేష్ & రాణి : అవును తాతగారు. మీరు సరిగ్గా చెప్పారు. నిజంగా గ్రామాలు ఎంతో అందంగా ఉంటాయి.
प्रत्यय :
- प्यारा – आ
- टोकरी – ई
- हथ करघा – करघा
- सहायता – ता
- अंगूठी – ई
- प्यारी – ई
- मिलजुल – जुल
- बैलगाडी – गाडी
पर्यायवाची शब्द :
- गाँव – देहात
- किसान – कृषक
- दूध – क्षीर, पय
- सामान – वस्तु
- गली – वीधि
- रात – यामिनी
- सबेरे – प्रातःकाल
- पशु – जानवर
- बचा – लडका
- बेटी – लडकी, पुत्री
- सहायता – मदद
- सही – ठीक
- शाम – सायंकाल
- घर – मकान
- काम – कार्य
- हाथ – कर
- दिन – रोज
- सच – सत्य
मुहावरे वाले शब्द :
1. निकल जाना = अपने रंथान से आगे बढ़ जाना। ; वे दोनों आगे निकल गये।
2. मिलजुलकर रहना = प्रेम तथा सद्भावना के साथ रहना।
आपस में सबको मिलजुलकर रहना चाहिए।
3. चलना = गतिशील होना ; हमेशा लक्ष्य की ओर चलना चाहिए।
शब्दार्थ (అర్ధములు) (Meanings) :