Telangana SCERT TS 8th Class Hindi Guide Pdf 12th Lesson बढ़ते क़दम Textbook Questions and Answers.
TS 8th Class Hindi 12th Lesson Questions and Answers Telangana बढ़ते क़दम
प्रश्न :
प्रश्न 1.
चित्र में दिखायी दे रहे महापुरुष का नाम बताओ।
उत्तर :
चित्र में दिखायी दे रहे महापुरुष का नाम महात्मा गाँधीजी हैं।
प्रश्न 2.
वे क्या कर रहे हैं ?
उत्तर :
वे डायरी लिख रहे हैं।
प्रश्न 3.
तुम्हें लिखना कैसा लगता है ? अपने शब्दों में बताओ।
उत्तर :
मुझे लिखना बहुत अच्छा लगता है। मैं पढ़ने से लिखना ही अधिक पसंद करता हूँ।
सुनो – बोलो :
प्रश्न 1.
इस डायरी की घटनाओं के आधार पर बताओ समीना कैसी लडकी है?
उत्तर :
इस डायरी की घटनाओं के आधार पर बताये तो समीना एक अच्छी लड़की है। वह बड़ों का आदर करती है। साथियों से मिजजुलकर रहती है। बडों की सेवा करती है। गुरुजनों की आज्ञा का पालन करती है।
प्रश्न 2.
समीना के पाठशाला न जाने के क्या कारण हो सकते हैं ?
उत्तर :
समीना के माँ की तबीयत ठीक नहीं है। उसे माँ का काम करना पड रहा होगा। या दीदी की सहता करना पड रहा होगा।
पढ़ो :
अ. नीचे दिये गये वाक्य पढ़िए। इनके अर्थवाले वाक्य पाठ में रेखांकित कीजिए।
प्रश्न 1.
मैं अपने मित्रों से मिलना चाहती हूँ।
उत्तर :
और फिर ममता रवि, शमीम से भी तो कई दिनों से नहीं मिली।
प्रश्न 2.
भय के कारण पूछ न सकी।
उत्तर :
मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करना है। पहले डर के मारे पूछा नहीं। फिर थोडी देर बाद पूछा तो अध्यापिका जी ने मेरी ओर देखते हुए पूछा – “समीना ! कल तुम क्यों नहीं आयी।?”
आ. नीचे दिये गये वाक्यों में गलत पहचानकर सही लिखिए।
प्रश्न 1.
आज मैं पाठशाला खेलना चाहती है।
उत्तर :
आज मैं पाठशाला जाना चाहती हूँ।
प्रश्न 2.
सरकार का तारा है – “सब पढ़ें – सब बढ़ें।”
उत्तर :
सरकार का नारा है – “सब पढ़ें – सब बढ़ें”।
लिखो :
अ. नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
प्रश्न 1.
समीना के घर की स्थिति कैसी थी ?
उत्तर :
समीना के घर में उसकी माँ की तबीयत ठीक नहीं थी समीना को माँ का काम करना पडता था। इसलिए वह एक सप्ताह से स्कूल नहीं जाती है। हर दिन समीना को दीदी की सहायता भी करनी पडती है।
प्रश्न 2.
‘सब पढ़ें – सब बढ़ें’ इस नारे से आप क्या समझते हो ?
उत्तर :
‘सब पढ़ें – सब बढ़ें’ का अर्थ है सभी लोगों को खूब पढ़कर आगे बढ़ना चाहिए। देश को उन्नति के पथ पर ले जाना चाहिए।
आ. प्रधानाध्यापक जी ने बच्चों को क्या बताया होगा?
उत्तर :
प्रधानाध्यापक जी ने बच्चों को बताया होगा कि भारत सरकार 01 अप्रैल, 2010 से बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार कानून अमल में ला रही है। इस कानून के अनुसार 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य रूप से शिक्षा पाने का अधिकार है। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए एक पैसा भी खर्च नहीं करना होगा। भारत सरकार हर बच्चे के चेहरे पर खुशी देखना चाहती है।
आगे उन्होंने कहा कि सरकार पौष्टिक भोजन, बालिका शिक्षा, पेयजल की सुविधा, खेल सामग्री, खेल का मैदान, पोषाक, निशल्क पाठ्य पुस्तकें और विविध प्रकार की सुविधाएँ प्रोत्साहन आदि दे रही हैं। सरकार चाहती है कि भारत का हर नागरिक पढा-लिखा बनें। सौ प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त करें। सरकार का नारा है – ‘सब पढ़ें – सब बढ़ें।’ जिस दिन भारत का हर बच्चा शिक्षित होकर अच्छा नागरिक बनेगा, उसी दिन हमारे महापुरुषों के सपने साकार होंगे। जयहिंदा”
शब्द अंडार :
अ. नीचे दिये गये शब्दों के वचन बदलिए। वाक्य प्रयोग कीजिए।
उदा : कहानी – मुझे पंचतंत्र की कहानियाँ पसंद है।
छुट्टी, खुशी, ताली, समिति
छुट्टी | बच्चों के लिए छुट्टियाँ बहुत पसंद हैं। |
खुशी | रवि अपने जन्मदिन पर खुशियाँ मनाता है। |
ताली | कविता सुनकर सब लोगों ने तालियाँ बजाई। |
समिति | हमारे कौलनी में विभिन्न समितियाँ हैं। |
आ. पाठ में समीना के दोस्तों के नाम दिये गये हैं। आप अपने दोस्तों के नाम लिखिए।
उत्तर :
गोपाल, गौरी, शंकर, रहीम, विनय, सुरेश, हरीष आदि मेरे दोस्तों के नाम है।
सृजनात्मक अभिव्यक्ति :
अ. अभी अपने समीना की डायरी पढ़ी। डायरी की घटनाएँ बताते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
निज्जामाबाद,
दि : ××××
प्रिय मित्र कैलाश,
में यहाँ कुशल हुँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो।
में मुख्यत : इस पत्र में समीना की डायरी के बारे में लिखना चाहता हूँ।
पहले दिन की डायरी (20 सितंबर, 2012 गुरुवार) में लिखे समाचार से हमें मालूम होता हैं कि समीना की माँ की तबीयत ठीक न होने के कारण समीना एक सप्ताह से पाठशाला नही गयी है उसे घर में माँ का काम करना पडता था। एक दिन वह पाठशाला जाना चाहती है और अपने दोस्त रवि, ममता और शमीम से मिलना चाहती है । लेकिन उसकी दीदी कुछ मदद करने उसे रोकती है।
दूसरे दिन की डायरी (21 सितंबर, 2012 शुक्रवार) में लिखी समाचार से हमें मालूम होता है कि समीना इस दिन पाठशाला जाने तैयार है। लेकिन बारिश के कारण देर हो जाती हैं।
पाठशाला में उसे आज लोमडी की कहानी लिखनी थी। लेकिन उसे कुछ न समझ में आया। उसने डर के मारे अध्यापिका से कुछ नहीं पूछा। अध्यापिका ने उसे स्कूल न आने का कारण पूछकर उसे हर दिन स्कूल आने को समझाती है। श्याम और सायना तो कहानी लिख देते। रवि और इरफ़ान एक दूसरे के बाल खींचने के कारण अध्यापिका उन्हें डांटती हैं।
दस मिनिट की छुट्टी में समीना, शमीम खूब सारे बातें करते हैं। शाम को खूब खेलते हैं।
तीसरे दिन की डायरी (22 सितंबर, 2012 शनिवार) में लिखे समाचार से हमें यह मालूम होता है कि उस दिन पाठशाला में पाठशाला सामिति की बैठक हुई। सरपंच और प्रधानाध्यापक जी बातचीत की। इसमें बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार कानून जो भारत सरकार के द्वारा 01 अप्रैल, 2010 से अमल में लाया गया। उसके बारे में बातचीत हुई। इसमें प्रधानाध्यापक जी बताते हैं कि 06 से 16 वर्ष के सभी बच्चों को निशुल्क अनिवार्य शिक्षा पाने का अधिकार है।
में आशा करता हूँ कि तुम भी इसे अवश्य पढे।
बडों को मेरा नमस्कार।
तुम्हारा प्यारा मित्र,
××××
पता :
के. कैलाश,
पिता. कुटुंबराव,
घर – 10-20-30,
मंदिर वीधि, हैदराबाद।
प्रशंसा :
अ. डायरी लिखना अच्छी आदत है, इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
डायरी लिखना अच्छी आदत है। दिन में घटी सभी घटनाओं के बारे में सूक्ष्म रूप से डायरी में लिखते हैं। इससे हमें यह जानकारी मिलती है हम किस दिन क्या किये हैं। देश के महान लोग जो भी हुए वे सभी डायरी लिखने का आदत रखते थे। डायरी लिखने से हर दिन हमने क्या कार्य किये हैं, उनमें अच्छे कितने हैं बुरे कितने हैं। इसका आत्म विश्लेषण कर सकते हैं। हमारे व्यवहार में परिवर्तन ला सकते हैं। मुख्य विषय, तिथि उसमें लिख सकते हैं। उस साल घटी सभी घटनाओं को हम जब चाहे तब पढ़ सकते हैं।
वर्यिजना कार्य :
अ. अपनी पाठशाला के पुस्तकालय से किसी महापुरुष की डायरी पढ़िए। उसके मुख्य अंश लिखिए।
उत्तर :
हमारी पाठशाला के पुस्तकालय से ‘गाँधीजी की आत्मकथा’ नामक एक किताब मिली है। उसमें ‘मेरा छात्र जीवन” एक है। इसमें गाँधीजी के छात्र जीवन के कुछ अंश वर्णित हैं। बचपन में गाँधीजी का मन व्यायाम में, खेल में, क्रिकेट में नही लगता था। इसका एक कारण गाँधीजी का झेंपूपन था। लेकिन अब बडे होने के बाद गाँधीजी बहुत पछताते थे। और इस प्रकार कहते थे कि “अब मैं देखता हूँ कि कसरत की ओर वह अरुचि मेरी भूल थी। उस समय मेरे गलत विचार थे कि कसरत का शिक्षा से कोई संबंध नहीं है।बाद में मेंने समझा कि व्यायाम और शारीरिक शिक्षा के लिए भी विद्याध्ययन में उतना ही स्थान होना चाहिए जितना मानसिक शिक्षा को है। इस प्रकार गाँधीजी ‘मेरा छात्र – जीवन’ नामक आत्म कथा में व्यायाम के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए हैं।
भाषा की बात :
अ. नीचे दिया गया अनुच्छेद पढ़िए।
उत्तर :
एक सप्ताह से मैं पाठशाला नहीं गयी थी – माँ का काम जो करना पड़ता था। आज मैं पाठशाला जाना चाहती थी। पता नहीं गुरूजी ने क्या-क्या पढ़ा दिया होगा? और फिर ममता, रवि, शमीम से भी तो कई दिनों से नहीं मिली। पर दीदी ने कहा कि माँ की बीमारी के बाद आज काम पर जाने का उनका पहला दिन है। इसलिए तू यहीं रहकर मेरी मदद कर। वैसे तो में दीदी की सहायता हमेशा करती हूँ। जो भी हो काम ज़्यादा होने के कारण आज मैं स्कूल नहीं जा पायी। काम करते – करते दिन कैसे गुज़र गया, इसका पता ही नहीं चला।
ऊपर दिये अनुच्छेद में आज, यहीं, वैसे और ज़्यादा जैसे क्रिया – विशेषण के भेदों के उदाहरण हैं। क्रिया-विशेषण के चार भेद हैं –
1. स्थानवाचक क्रिया – विशेषण : जो क्रिया की स्थान संबंधी विशेषता प्रकट करते है, उसे स्थानवाचक क्रिया-विशेषण कहते है। उदा : रामू यहाँ बैठता है।
2. कालवाचक क्रिया – विशेषण : जो क्रिया के होने का समय बतायें, उसे कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। उदा : रामू आज आता है।
3. परिमाणवाचक क्रिया – विशेषणः जो क्रिया के परिमाण को प्रकट करें, उसे परिमाणवाचक क्रिया – विशेषण कहते है। उदा : रामू बहुत खेलता है।
4. रीतिवाचक क्रिया – विशेषण : जो क्रिया के रीति का संकेत करें, उसे रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते है। उदा : रामू ऐसा खेलता है।
क्रिया-विशेषण भेदों का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य लिखिए।
उत्तर :
1. यहाँ लड़कियाँ आपस में डाँटने लरी।
2. कल में ज़रूर यह काम करूँगा।
3. अधिक भोजन मत खाइए।
4. जैसे काम करें, वैसे ही फल मिले।
5. वह जोर दार भाषण दे रहा है।
विचार – विमर्श :
बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार ने POCSO कानून बनाया। जिसमें बच्चों को तंग करने, शारीरिक और व्यक्तिगत नियम तोडने पर कई साल की सज़ा है। यदि कोई जानबूझकर इन्हें तोडे तो हमारा दोष नहीं। उसे हम ‘नहीं’, ‘रुको’ कह सकते हैं। मौका मिलने पर दूर जाकर किसी भरोसेमंद बड़े व्यक्ति की रहायता से असुरक्षित व्यक्ति से वच सकते हैं। ऐसे असुरक्षित व्यक्ति को उसके व्यवहार पर शर्मिदगी नी चाहिए। इन्हें रोकें। ऐसे कौन-कौन से सुरक्षित व्यक्ति है जिनसे तुम सहायता ले सकते हो?
उत्तर : द्यार्थी कृत्य।
Essential Material for Examination Purpose :
I. पढ़ो :
पठित – गद्यांश :
नीचे दिये गये गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।
1. आज माँ की तबीयत कुछ टीक है । सुबह जब में उठी तो देखा कि बे काम पर निकल चुकीं थीं। एक सप्ताह से मैं पाठशाला नहीं गयी थी – माँ का काम जो करना पड़ता था । आज में पाटशाला जाना चाहती थी । पता नहीं गुरुजी ने क्या – क्या पढ़ा दिया होगा ? और फिर ममता, रचि, शमीम से भी तो कई दिनों से नहीं मिली। पर दीदी ने कहा कि माँ की बीमारी के बाद आज काम पर जाने का उनका पहला दिन है । इसलिए तू यहाँ रहकर मेरी मदद कर । बैसे तो में दीदी की सहायता हमेशा करती हूँ। जो भी हो काम ज्यादा होने के कारण आज मैं स्कूल नहीं जा पायी। काम करते – करते दिन कैसे गुज़र गया, इसका पता ही नहीं चला ।
प्रश्न :
1. किसकी तबीयत खराब थी ?
2. वह कितने दिनों से पाठशाला नहीं गई थी ?
3. दोस्तों के नाम क्या थे ?
4. . वह किसकी सहायता हमेशा करती थी ?
5. यह गद्यांश किस पाठ से है?
उत्तर :
1. माँ की तबीयत खराब थी।
2. वह एक सप्ताह से पाठशाला नहीं गई थी।
3. उसके दोस्तों के नाम ममता, रवि और शमीम थे।
4. वह अपनी दीदी की सहायता हमेशां करती थी ।
5. यह गद्यांश ‘बढ़ते कदम’ पाठ से है।
II. लोमड़ी की कहानी लिखनी थी। मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करना है । पहले डर के मारे पूछा नहीं । फिर थोड़ी देर बाद पूछा तो अध्यापिका जी ने मेरी ओर देखते हुए पूछा – “समीना ! कल तुम क्यों नहीं आयी ?”‘ तो में ने उन्हें पाठशाला न आने का कारण बताया। तब उन्होंने मुझे हर दिन पाठशाला आने के लिए समझाया। फिर कहानी पढ़ने को कहा। में पढ़ने लगी। मज़ेदार लगी। में तो पढ़ ही रही थी पर श्याम और सायना ने तो अपनी कहानी उत्तर – पुस्तिका में लिख भी ली थी।
प्रश्न :
1. किसकी कहानी लिखनी थी ?
2. यह डायरी कौन लिख रही है?
3. अध्यापिका ने समीना को क्या पढ़ने को कहा ?
4. समीना को कहानी कैसी लगी ?
5. किसने कहानी उत्तर पुस्तिका में लिख ली थी ?
उत्तरः
1. लोमड़ी की कहानी लिखनी थी।
2. यह डायरी समीना लिख रही है।
3. अध्यापिका ने समीना को कहानी पढ़ने को कहा।
4. समीना को कहानी मज़ेदार लगी।
5. श्याम और सायना ने कहानी उत्तर पुस्तिका में लिख ली थी।
अपठित – गद्यांश :
निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।
I. सरदार सुजानसिंह देवगढ रियासत के दीवान थे। राजा भी अपने इस नीतिकुशल दीवान का आदर करते थे। चालीस वर्ष तक सेबा करने के बाद एक दिन सुजानसिंह ने राजा के पास आकर प्रार्थना की – मुझे सेवानियृत्ति देने की कृपा करें। यह सुनकर राजा ने नये दीवान चुनने का भार सुजानसिंह को ही सौंप दिया।
प्रश्न :
1. सुजान सिंह कौन थे ?
2. सुजानसिंह ने कितने वर्ष तक सेवा की ?
3. मुझे सेवा निवृत्ति देने की बात किसने कही ?
4. नये दीवान चुनने का भार सुजानसिंह को किसने सौंपा ?
5. सुजानसिंह किस रियासत के दीवान थे ?
उत्तर:
1. सुजान सिंह देवगढ़ रियासत के दीवान थे।
2. सुजान सिंह ने चालीस वर्ष तक सेवा की।
3. सेवा निवृत्ति देने की बात दीवान सुजान सिंह ने की।
4. नये दीवान चुनने का भार सुजान सिंह को राजा ने सौंपा।
5. सुजानसिंह देवगढ़ रियासत के दीवान थे।
II. यमुना के तट पर खडा लालकिला एक ऐतिहासिक किला है। इसकी जीवन कथा बडी रोचक है। मुगल बादशाह शाहजहाँ ने आगरे की गर्मी से ऊबकर एक गर्म जगह खोजने का हुकुम दिया। तदनुसार दिल्ली शहर के बाहर यमुना के किनारे एक स्थान चुना गया। वह नूरगढ नाम से प्रसिद्ध था और वहाँ मुगल सेना का जमाव होता था। वहीं 12 मई, 1639 ई. को लालकिले की नींव डाली गयी। इसके निर्माण के लिए देश के कुशल कारीगरों और सिल्पियों को बुलाया गया और लाल पत्थर तथा संगमरमर दूर – दूर से लाये गये।
प्रश्न :
1. लालकिला कहाँ है?
2. लालकिले को किसने बनवाया ?
3. लालकिला किस नाम से प्रसिद्ध है ?
4. लालकिला नींव कब हुई ?
5. लालकिला किस पत्थर से बनाया गया ?
उत्तर:
1. लाल किला दिल्की शहर के बाहर यमुना नदी के तट पर है।
2. लाल किले को मुगल बादशाह शाहजहाँ ने बनवाया।
3. लाल किला नूरगढ़ नाम से प्रसिद्ध है।
4. लाल किला की नीव 12 मई, 1639 ई को हुई।
5. लाल किला लाल पत्थर और संगमरमर से बनाया गया।
II. लिखो :
लघु प्रश्न :
प्रश्न 1.
तुम अपनी पाठशाला में क्या – क्या करते हो?
उत्तर :
में अपनी पाठशाला में अध्यापकों के पाठ सुनता हूँ। छात्रों से खूब खलेता हूँ। खाली समय में दोस्तों के साथ विज्ञान संबंधित या गणित के बारे में बातचीत करता हूँ।
प्रश्न 2.
समीना की कक्षा में और तुम्हारी कक्षा में क्या अंतर है ? बताओ।
उत्तर :
समीना की कक्षा तो छोटी हैं। मेरी कक्षा तो बडी है। हमारी कक्षा में साठ लडके और पैंतीस लडकियाँ है। बहुत बडा श्यामपट है।
प्रश्न 3.
समीना अध्यापक से डर रही थी। क्यों?
उत्तर :
जब समीना एक सप्ताह के बाद स्कूल गई तब स्कूल में लोमडी की कहानी लिखनी थी। उसे तो कुछ भी समझ में नहीं आया। समीना इस प्रकार सोचती है कि अगर वह्, कहानी के बारे में पूछे तो अध्यांपिका डाँटेगी। इसलिए वह् डर रही थी।
लघु निबंध प्रश्न :
प्रश्न 1.
इस पाठ को अपने शब्दों में बताओ।
उत्तर :
यह एक डायरी पाठ है। इस डायरी को समीना ने लिखा है। इसका सारांश इस प्रकार है – समीना कुछ दिनों से (एक सप्ताह से) पाठशाला नहीं जाती है। उसकी माँ की तबीयत ठीक नहीं हैं। इसलिए वह घर में रहकर माँ के काम करती है।
आज ही उसकी माँ की तबीयत कुछ ठीक है समीना पाठशाला जाना चाहती है। तो उसकी दीदी आज एक दिन के लिए न जांने को कहती है।
समीना अपने दोस्त ममता, रवि और शमीम से भी नहीं मिलती। इसलिए पाठशाला में क्या पढ़ाया इसके बारे में उसे पता नहीं चलता।
शुक्रवार के दिन समीना पाठशाला गयी। वह वर्षा के कराण देर से पाठशाला पहुँची सब छात्र लोमडी की कहानी लिखते है। समीना चुप बैठी रही। तो अध्यापिका ने उससे पाठशाला न आने का कारण पूछकर समझाती है कि हर दिन पाठशाला जरूर आना श्याम और सायना कहानी लिख डाले। दस मिनिट की छुट्टी में सब खूब सारे बातें करते हैं। शाम को खूब खेलते हैं।
शनिवार के दिन तो पाठशाला में पाठशाला समिति की बैठक होती है। सरपंच भी आते हैं। सरपंच और प्रधानाध्यापक दोनों ने बारी -बारी में छात्रों से बातचीत करते हैं।
उन दोनों ने 01 अप्रैल, 2010 से भारत सरकार से अमल में लाये शिक्षा का अधिकार कानन के बारे में बातचीत करते हैं। निशुल्क शिक्षा के बारे में बताते हैं। सरकार का नारा -‘सब पढे-सव वते के बारे में वे बताते हैं।
సారాంశము :
20 సెప్టెంబరు, 2012,
గురువారం
ఈరోజు అమ్మ. ఆరోగ్యం కొంచెం బాగున్నది. ఉదయాన్నే నేను లేచినప్పుడు ఆమె పని మీద వెళ్ళడం నేను చూచితిని. ఒక వారం రోజుల నుండి నేను పాఠశాలకు వెళ్ళుటలేదు. అమ్మ పని చేయవలసి వచ్చుచున్నది. ఈరోజు నేను బడికి వెళ్ళదలచితిని. గురువుగారు ఏమేమి చదివించారో తెలీదు. అంతేకాక మమత, రవి, శమీమ్లను కూడా చాలా రోజులనుండి నేను కలవలేదు. అమ్మ జబ్బు పడిన తర్వాత ఈరోజు తను పనికి వెళ్ళడం మొదటి రోజు కదా ! అందువల్ల నీవు ఇక్కడే ఉండి నాకు సహాయం చేయమని అక్క నాతో అన్నది. నేను అక్కకు ఎల్లప్పుడూ సహాయం చేస్తూనే ఉంటాను అనుకోండి. ఏది ఏమైనప్పటికీ పని ఎక్కువగా ఉన్నందున నేను ఈరోజు బడికి వెళ్ళలేకపోయాను. పనిచేస్తూ చేస్తూ రోజు ఎలా గడచిపోయిందో నాకు తెలవనే తెలవదు.
21 సెప్టెంబరు, 2012
శుక్రవారం
ఈరోజు నేను పాఠశాలకు బయలుదేరినప్పుడు వర్షం సన్నసన్నగా పడుచున్నది. వర్షం ఆగేంతవరకు ఉండడం. వలన ఆలస్యమైనది. సమయం పది గంటలైనది. నేను సంచి తీసుకుని బడికి పరుగెత్తాను. అయినప్పటికీ ఆలస్యమైనది. అందరూ తమ తమ పనులలో నిమగ్నమైయుండిరి.
–
నక్క కథ వ్రాయవలసి ఉన్నది. నేనేమి చేయాలో నాకు అర్థం కావడం లేదు. మొదట భయం కారణంగా అడగలేదు. కొంచెం సమయం తర్వాత అడిగితే ఉపాధ్యాయురాలు నా వైపు చూస్తూ “సమీనా ! నిన్న నీవు ఎందుకు రాలేదు? ” అని అడిగెను. అప్పుడు నేను పాఠశాలకు రాని కారణం చెప్పితిని. అప్పుడు ఆమె నన్ను ప్రతిరోజు పాఠశాలకు రావలసినదిగా నచ్చచెప్పినారు మళ్ళీ కథ చదవమని చెప్పినారు.
నేను చదవసాగాను. మజాగా అనిపించింది. నేను చదువుతూ ఉండగానే శ్యామ్ మరియు సాయ్ని ఇరువురు తమ సమాధాన పత్రాలలో కథ వ్రాసివేసిరి. వాళ్ళు ఉపాధ్యాయురాలికి చూపించసాగిరి. రవి, ఇర్ఫాన్లిద్దరూ అదే సమయంలో ఒకరి జుట్టు మరొకరు గుంజుకొనుచుండిరి (పీక్కొనుచుండిరి.) ఉపాధ్యాయురాలు వారిని తిట్టినది.
ఇంతలో పది నిమిషాల విరామం లభించింది. నేను శమీమ్ మరియు మమతలతో బాగా మాట్లాడితిని. సాయంత్రం బాగా ఆడుకొంటిమి. రోజు ఎలా గడిచినదో తెలియనే తెలీదు.
22 సెప్టెంబరు, 2012
శనివారం
నేను ఈరోజు సమయానికి పాఠశాల చేరితిని. పాఠశాలలో పాఠశాల సమితి సమావేశం ఉన్నది. సర్పంచ్ కూడా వచ్చియుండిరి. మమ్మల్నందరినీ వరండాలో కూర్చోబెట్టిరి. ప్రధానోపాధ్యాయులు మరియు సర్పంచ్గా రులిరువురూ వంతుల వారీగా మాతో మాట్లాడిరి. ప్రధానోపాధ్యాయులవారు భారత ప్రభుత్వం 01 ఏప్రిల్, 2010 నుండి పిల్లల విద్యాహక్కు చట్టం అమలులోకి వచ్చినది. ఈ చట్టం అనుసరించి 6 నుండి 14 సం॥ల వయస్సు గల పిల్లలందరికి ఉచిత అనివార్య విద్యను పొందు అధికారం కలదు. వారికి తమ చదువు నిమిత్తం ఒక పైసా కూడా ఖర్చు పెట్టవలసిన అవసరం లేదు. భారత ప్రభుత్వం ప్రతి పిల్లవాని ముఖాన సంతోషాన్ని చూడగోరుచున్నది. అప్పుడే సాయ్నీ ప్రధానో పాధ్యాయుల వారిని “ప్రభుత్వం మన కోసం ఏమేమి సౌకర్యాలను కల్పించుచున్నది?” అని ప్రశ్నించెను. అప్పుడు ప్రధానోపాధ్యాయుల వారు అతనిని ప్రశ్నించినందులకు పొగిడిరి. ఇంకా ఆయన అన్నారు కదా ప్రభుత్వం పౌష్టిక భోజనం, బాలికా విద్య, ఆటవస్తువులు, ఆటస్థలము, దుస్తులు, ఉచిత పాఠ్యపుస్తకాలు మరియు వివిధ రకాల సౌకర్యాలు మరియు ప్రోత్సాహాలను కల్పించుచున్నది. ప్రభుత్వం భారత ప్రతి పౌరుడు విద్యావంతుడు కావాలని కోరుకుంటోంది. నూటికి నూరు శాతం అక్షరాస్యతను కోరుచున్నది. ప్రభుత్వం యొక్క నినాదం ఏమనగా ‘అందరూ చదవాలి అందరూ ఎదగాలి’. ఏ రోజున భారతదేశపు ప్రతి పిల్లవాడు చదువుకొని మంచి పౌరుడవుతాడో ఆ రోజునే మన దేశంలోని మహాపురుషుల కలలు సాకారమౌతాయి (నెరవేరతాయి). జైహింద్.
ప్రధానోపాధ్యాయుల వారి మాటలు విని మేమందరం కరతాళధ్వనులు చేసితిమి. నేను ఈ రోజు చాలా సంతోషంగా ఉన్నాను. నేను ఇంటికి తిరిగి వచ్చి తల్లిదండ్రులకు, అక్కకు ప్రధానోపాధ్యాయులవారు చెప్పిన అన్ని విషయాలను చెప్పితిని.
वचन :
- बच्चा – बचे
- पुस्तक – पुस्तके
- बीमारी – बीमार्टियां
- पाठशाला – पाठशालाएँ
- लडका – लडके
- पैसा – पैसे
- बात – बाते
- कहानी – कह्मानियाँ
- छुी – छद्टियाँ
- सुविधा – सविधाएँ
- पुरुष – पुरुष
- गुर – गुरुजन
- खुीशी – खुशियाँ
लिंग :
- गुरु – गुरुआनी
- माँ – बाप
- पुरुष – स्ती
- नर – मादा
- प्राध्यापक – प्राध्यापिका
- बच्चा – बच्ची
- माता – पिता
- बालक – बालिका
- अध्यापक – अध्यापिका
- प्रधानाध्यापक – प्रधानाध्यापिका
- पुत्र – पुत्री
- छात्र – छात्रा
पर्यायवाची शब्द :
- कानून – शासन
- शिक्षा – विद्या
- प्रश्न – सवाल
- माता – मॉं, जननी
- सुबह – प्रातः काल
- बारिश – वर्षा
- वर्ष – उम्र
- पढ़ाई – विद्या
- प्रशंसा – स्तुति
- पिता – बाप
- गुरु – अध्यापक
- कहानी – कथा
- बच्चे – लड़के
- प्रधानाध्यापक – प्राध्यापक, हेडमारटर
- खेल – क्रीडा
- तबीयत – तंदुरुस्त, स्वारथ्य
- पाठशाला – स्कूल, मदरसा
- उत्तर – जवाब
उल्टे शब्द :
- आज × कल
- हल्का × जोर
- खुशी × दुखी
- शिक्षित × अशिक्षित
- ठीक × गलत
- डर × निडर
- सुविधा × असुविधा
- सुबह × शाम
- साकार × निराकार
- शुल्क × निशुल्क
- प्रशंसा × निदा
- पहला × अंतिम, आख़िरी
उपसर्ग :
- पाठशाला – पाठ
- विविध – वि
- पढ़ाई – पढ़
- निशुल्क – नि
- साकार – सा
- मज़ेदार – मजे
- अनुसार – अनु
- पेयजल – पेय
- प्रतिशत – प्रति
- अधिकार – अधि
- अनिवार्य – अ
- सुविधा – सु
- साक्षरता – सा
प्रत्यय :
- नागरिक – इक
- साक्षरता – ता
- साकार – कार
- बीमारी – ई
- शिक्षित – इत
- प्रतिशत – शत
- बैठक – क
- सहायता – ता
- पढ़ाई – आई
- पौष्टिक – इक
- मज़ेदार – दार
संधि :
- समझाना = समझ + आना
- निशुल्क = नि: + शुल्क
- साक्षरता = स + अक्षरता
- साकार = स + आकार
- प्रधानाध्यापक = प्रधान + अध्यापक
- नागरिक = नागर + इक
- मह्रापुरुष = महा + पुरुष
वाक्य प्रयोग :
1. मदद – मैं हमेशा अपनी माँ की मदद करती हूँ।
2. छुट्टी – अभी दस मिनिट की छुट्टी दी गयी।
3. अधिकार – हर एक नागरिक को कई अधिकार मिलते हैं।
4. साकार – हरिश्चंद्र सत्य का साकार रूप हैं।
मुहावरे वाले शब्द :
1. भागना = दूर जाना, पीछे हट जाना।
वह समस्याओं से सदा दूर भाग जाता है।
2. देर हो जाना =नियत समय के बाद में
पाठशाला जाने में मुझे आज बहुत देर हो गयी।
3. समझा जाना = निपटना
सारी बातें अध्यापिका जी से समझा जायेगी।
4. यश फैलना = नाम कमाना
हम अच्छे काम किये तो मृत्यु के बाद भी हमारी यश फैलेगी।
शब्दार्थ (అర్ధములు) (Meanings) :